- January 13, 2018
लेखक डा.जयभगवान शर्मा रचित हाईकु संग्रह का विमोचन
झज्जर (दिनेश, जनसंपर्क विभाग)—— शहर के सेवानिवृत जिला शिक्षा अधिकारी एवं हाईकु विधा के प्रख्यात लेखक डा.जयभगवान शर्मा द्वारा लिखित हाईकु संग्रह पथ के राही का विमोचन दिल्ली में आयोजित विश्व पुस्तक मेले में अनिल प्रकाशन के स्टाल पर हुआ। साहित्यकार एवं सूर पुरस्कार से सम्मानित रोहित यादव ने पथ के राही हाईकु संग्रह का विमोचन करते हुए डा.शर्मा की लेखनी की सराहना की।
श्री यादव ने विमोचन अवसर पर कहा कि डा.शर्मा ने हाईकु संग्रह की जड़ों को सींचते हुए हरियाणा में इस विधा को पल्लवित, पुष्पित करते हुए वृक्ष का रूप प्रदान किया है जिसके लिए वे बधाई के पात्र हैं। उन्होंने हाईकु संग्रह पथ के राही की जमकर सराहना करते हुए कहा कि डा.शर्मा द्वारा सामाजिक दायित्व को लेखनी के माध्यम से बखूबी निभाया जा रहा है।
विमोचन उपरांत लेखक एवं विख्यात शिक्षाविद् डा.जय भगवान शर्मा ने कहा कि इस हाईकु संग्रह में प्रकृति चित्रण, सामाजिक व्यवस्था, भ्रष्टाचार जैसे सामाजिक पहलुओं का समावेश किया गया है। उन्होंने बताया कि इससे पूर्व हरियाणा प्रदेश में हाईकु संग्रह को लेखनी बद्ध करने का कार्य किसी ने नहीं किया और वे निरंतर इस विधा को आगे बढ़ाने के लिए सक्रिय हैं।
उन्होंने बताया कि विगत वर्ष भी उनकी बेटियां और समाज पुस्तक का विमोचन प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल द्वारा पंचकूला में आयोजित साहित्य संगम समारोह में किया गया था। उन्होंने कहा कि साहित्यिक विधा में जो भी योगदान उनके द्वारा दिया जा सकता है वे भरपूर सहयोगी रहेंगे।
उन्होंने बेटियां और समाज पुस्तक को बेटी बचाओ, बेटी पढाओ के परिप्रेक्ष्य में बताया। वहीं हाईकु विधा के प्रचार-प्रसार में भी उल्लेखनीय कदम उठाने की बात कही।
उन्होंने बताया कि उनके द्वारा लिखित पुस्तकों का उद्देश्य सामाजिक सद्भाव की दिशा में सकारात्मक कदम बढ़ाना है। डा.शर्मा द्वारा लिखित पुस्तक बेटियां और समाज एक सार्थक संदेश दे रही है। इससे पूर्व भी उन्होंने सामाजिक परिप्रेक्ष्य में अनेक पुस्तकों का लेखन कार्य किया है और उनकी पुस्तकों को राष्ट्रीय स्तर पर भी सम्मान मिल चुका है।
स्वच्छता आर हम, स्लोगन वल्लरी पुस्तकों का विमोचन भी शिक्षामंत्री श्री रामबिलास शर्मा द्वारा किया गया था। इस मौके पर अनिल प्रकाशन की ओर से अनिल कुमार गुप्त व अशोक यादव सहित अन्य शिक्षाविद मौजूद रहे।