मुख्यमंत्री स्थाई पम्प योजना में शामिल होने से 22 हजार की बचत

मुख्यमंत्री स्थाई पम्प योजना में शामिल होने से 22 हजार की बचत

भोपाल :(प्रलय श्रीवास्तव)————-मध्यप्रदेश के रबी सीजन के दौरान किसानों को सिंचाई के लिये विशेष सुविधाएँ दी जा रही हैं। एक तरफ जहाँ मुख्यमंत्री स्थाई पम्प कनेक्शन योजना में उपभोक्ताओं को लगभग 22 हजार रुपये की बचत हो रही है, वहीं पानी की कम उपलब्धता को देखते हुए अस्थाई पम्प कनेक्शन लेने के लिये 3 माह की अनिवार्यता को समाप्त कर दो माह का अस्थाई कनेक्शन भी दिया जा रहा है। पूर्व, मध्य एवं पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी ने अपने-अपने क्षेत्र के किसानों से अपील की है कि वे योजनाओं में शामिल होकर मिल रही सुविधा का लाभ उठायें।

ऐसे उपभोक्ता, जिनके ट्रांसफार्मर बकाया राशि के कारण बंद हो गये हैं तथा सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं, उन्हें बकाया राशि का मात्र 20 प्रतिशत जमा करने पर ट्रांसफार्मर चालू करवाने की सुविधा प्रदान की जा रही है। इसके पहले बकाया राशि का 50 प्रतिशत जमा करने पर ट्रांसफार्मर चालू करने का प्रावधान था। तीनों विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा अब अपने-अपने क्षेत्र में लगातार प्रयास किये जा रहे हैं कि रबी सीजन में किसानों को भरपूर गुणवत्तापूर्ण बिजली की आपूर्ति की जा सके।

यदि किसान सिंचाई के लिये 5 एच.पी. का अस्थाई कनेक्शन 6 माह के लिये लेते हैं तो उनको रुपये 25,975 की राशि जमा करना पड़ती है जबकि स्थाई पम्प कनेक्शन प्राप्त किसानों को 6 माह के लिये मात्र 3500 रुपये का ही भुगतान करना होता है। इस प्रकार प्रत्येक किसान को हर 6 माह में 22475 रुपये की बचत होगी।

ऐसे किसान जो मुख्यमंत्री स्थाई पम्प कनेक्शन योजना में आवेदन कर राशि जमा कर चुके हैं, उन्हें आवश्यकतानुसार सीधे कनेक्शन प्राप्त करने की सुविधा दी गई है। योजना की आवश्यक औपचारिकताएँ बाद में की जायेंगी।

जिस दिन से किसान चाहेंगे कनेक्शन चालू कर दिया जायेगा तथा उसी दिन से उनका कनेक्शन मुख्यमंत्री स्थाई पम्प कनेक्शन योजना के अंतर्गत मान लिया जायेगा। इसके लिये किसानों को कम्पनी के स्थानीय कार्यालय में सूचना देनी होगी ताकि उनका नाम योजना के तहत दर्ज कर कनेक्शन चालू करवाया जा सके।

पहले कम से कम तीन माह के लिये अस्थाई कनेक्शन दिये जाते थे, जिस पर किसानों को 3 एच.पी. के पम्प के लिये न्यूनतम 7933 रुपये की राशि जमा करवाना पड़ती थी। अब इस अवधि को घटाकर दो माह कर दिया गया है, जिससे किसानों को कुल 5356 रुपये की राशि जमा करना होगी।

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