- January 4, 2018
वर्षांत समीक्षा 2017: संसदीय कार्य मंत्रालय –बजट सत्र 2017
पीआईबी (दिल्ली)————– भारतीय विधायिका के इतिहास में पहली बार केंद्रीय बजट अग्रिम रूप से 01 फरवरी को प्रस्तुत किया गया।
यह एक बहुत बड़ा वित्तीय सुधार है ताकि मंत्रालयों को अपनी विकासात्मक परियोजनाओं के कार्यान्वयन हेतु पूरी निधियां उपलब्ध कराई जा सके।
बजट अग्रिम रूप से प्रस्तुत किये जाने के बाद लेखानुदान की भी जरूरत नहीं पड़ी।
2017 में सामान्य बजट तथा रेलवे बजट भी पहली बार मिला दिया गया तथा एकीकृत केंद्रीय बजट प्रस्तुत किया गया।
बजट सत्र के दौरान लोकसभा की उत्पादकता 113.27 प्रतिशत तथा राज्यसभा की 92.43 प्रतिशत रही।
बजट सत्र 2017 के दौरान संसद के दोनों सदनों द्वारा 18 बिल पारित किए गए।
सामान और सेवा कर (जीएसटी): बजट सत्र 2017 के दौरान जीएसटी को समर्थ बनाने वाले सभी अधिनियम पारित करवा लिए गए।
केंद्रीय सामान एवं सेवा कर बिल 2017, एकीकृत सामान और सेवा कर बिल 2017, सामान और सेवा कर (राज्य क्षतिपूर्ति) बिल 2017 तथा संघ शासित प्रदेश सामान और सेवा कर बिल 2017 नामक 4 ऐतिहासिक बिल संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित किए गए, जिसके कारण सामान और सेवा कर 01 जुलाई, 2017 से पूरे देश में लागू किया जा सका।
मानसून सत्र 2017
लोकसभा में 17 बिल पेश किए गए।
दोनों सदनों द्वारा 13 बिल पास किए गए।
मानसून सत्र के दौरान ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए 09.08.2017 को दोनों सदनों में ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ की 75वीं वर्षगांठ पर एक विशेष चर्चा आयोजित की गई तथा सभी पार्टियों के बीच व्यापक सहमति से ‘2022 तक नया भारत’ बनाने हेतु ‘संकल्प से सिद्धि’ का संकल्प पहली बार लिया गया।
सामान और सेवा कर (जीएसटी) का जम्मू एवं कश्मीर राज्य तक विस्तार मानसून सत्र 2017 के दौरान एक ऐतिहासिक उपलब्धि थी क्योंकि संबद्ध बिलों के पारित होने से राज्य की शेष देश के साथ आर्थिक एकता का मार्ग प्रशस्त होगा।
लोकसभा की उत्पादकता 77.94 प्रतिशत जबकि राज्यसभा की 79.95 प्रतिशत थी।
शीतकालीन सत्र 2017 (26.12.2017 तक)
लोकसभा में 9 बिल प्रस्तुत किए गए।
संसद के दोनों सदनों द्वारा 2 बिल पारित किए गए।
विदेशों में अपने समकक्षों तथा अभिमतदाताओं के साथ राष्ट्रीय नीतियों तथा विभिन्न उपलब्धियों पर चर्चा करने तथा भारत के पक्ष में उनकी सद्भावना तथा पक्ष सुनिश्चित करने के दृष्टिकोण से 29 मई से 6 जून, 2017 तक तत्कालीन संसदीय कार्य राज्यमंत्री श्री सुरेन्द्रजीत सिंह अहलुवालिया के नेतृत्व में विभिन्न राजनैतिक पार्टियों (लोकसभा/राज्यसभा) के 10 नेताओं/सांसदों के भारतीय संसदीय सद्भावना शिष्टमंडल ने स्वीडन, नार्वे तथा इजरायल का भ्रमण किया।
तत्कालीन संसदीय कार्य राज्यमंत्री श्री एस.एस अहलुवालिया ने केंद्रीय विद्यालयों के लिए 29वीं राष्ट्रीय युवा संसद प्रतियोगिता 2016-17 तथा दिल्ली के विद्यालयों के लिए 51वीं युवा संसद प्रतियोगिता 2016-17 के लिए पुरस्कार वितरित किए।
25 केंद्रीय विद्यालयों तथा 33 दिल्ली के विद्यालयों के विद्यार्थियों, प्रधानाचार्यों तथा प्रभारी अध्यापकों ने मंत्री से ट्रॉफियां एवं पुरस्कार प्राप्त किए।
युवा संसद योजना का उद्देश्य युवा पीढ़ी को स्व-अनुशासन की भावना, विविधमत के प्रति सहनशीलता, विचारों की सही अभिव्यक्ति तथा जीवन के प्रजातांत्रिक ढंग के अन्य गुण समझाना है।
इस योजना में विद्यार्थियों को संसद की प्रक्रिया एवं कार्यविधि, चर्चा तथा बहस करने की तकनीकों से अवगत कराना और उनमें स्वाभिमान, नेतृत्व का गुण तथा प्रजातंत्र के हालमार्क प्रभावी वक्तृता की कला और कौशल विकसित करना है।
भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ: मंत्रालय ने भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ मनाने तथा भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ ‘2022 तक नया भारत’ बनाने के संकल्प के रूप में फिर से भावना जगाने के लिए अगस्त-अक्टूबर 2017के महीनों के दौरान पूरे देश में 39 विभिन्न स्थानों पर एक प्रदर्शनी एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने की योजना समन्वित की।
‘नया भारत करके रहेंगे’ शीर्षक प्रदर्शनी आयोजित की गयी। इसके अलावा न्यू डिजिटल भारत की अवधारणा के अनुरूप 65 प्रतिशत सामग्री डिजिटल, विडियो तथा संवादात्मक प्ररूप में रखी गयी।
प्रदर्शनियां 1857 से 1947 तक के भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन पर केंद्रित थीं जिनमें अंगेजी शासन से स्वतंत्रता हासिल करने के लिए शुरू की गयी विभिन्न गतिविधियेां-‘स्वतंत्रता का प्रथम संग्राम-1857’, ‘चम्पारण सत्याग्रह’, ‘असहयोग आंदोलन’, ‘डांडी यात्रा’ तथा ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ का प्रदर्शन किया गया।
यह कार्यक्रम भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के छ: सूत्री संकल्प यथा भ्रष्टाचार मुक्त, गरीबी मुक्त, गंदगी मुक्त, साम्प्रदायिकता मुक्त, आतंकवाद मुक्त तथा जातिवाद मुक्त देश के लिए शुरू किए गए जन अभियान के अनुरूप था।