- December 8, 2017
-राज्य सरकार के चार साल– अकलियतों में आत्म विश्वास बढ़ा
जयपुर(–बाल मुकुन्द ओझा)—- भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जहां सभी समुदायों के लोग शांति एवं सद्भाव से रहते हैं। देश के सामाजिक एवं आर्थिक विकास में अल्पसंख्यक समुदाय की महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने सब का साथ-सब का विकास के अपने नीतिगत निर्णय के तहत इन समुदायों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए विभिन्न कार्यक्रम एवं योजनाएं संचालित की हैं।
कल्याणकारी राज्य की स्थापना के लिए जरूरी है कि वहां रहने वाले अल्पसंख्यकों के हितों को ध्यान में रखते हुए उनकी बेहतरी के लिए भी कार्य किए जाएं। इस बात को ध्यान रखते हुए अल्पसंख्यकों के जीविकोपार्जन से लेकर उनकी शिक्षा और सामाजिक, आर्थिक विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा राजस्थान में अनेक कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं।
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे 36 कौमों के सवार्ंगीण विकास के लिए कृत संकल्पित हैं। राज्य सरकार की सोच है कि समाज के सभी वगोर्ं को साथ लेकर प्रदेश के विकास को एक नई दिशा दी जा सकती है। राज्य सरकार ने अल्पसंख्यक समुदाय के सामाजिक और आर्थिक उत्थान के लिए विभिन्न योजनाओं का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन कर अल्पसंख्यक विकास के क्षेत्र में एक नई संरचना स्थापित की है।
‘विकास पर सबका हक है की मूल सोच के साथ राजस्थान में पिछले चार साल में अल्पसंख्यकों के कल्याण एवं समावेशी विकास की कई नीतियां और योजनाएं धरातल पर उतारी हैं। बदलते दौर में अल्पसंख्यक समुदाय विकास की दौड़ में कहीं पिछड़ न जाएं इसके लिए राज्य सरकार ने अल्पसंख्यकों की बुनियादी विकास की नीतियों को गति प्रदान की है। एजुकेशन, एम्प्लॉयमेंट एवं एम्पावरमेंट को आधार बनाकर विकास की मुख्यधारा में अल्पसंख्यक समुदायों के गरीबों, पिछड़ों तथा निर्बल वगोर्ं को शामिल करने की सोच के साथ कई योजनाएं आगे बढ़ रही हैं।
राज्य सरकार अल्पसंख्यकों के समग्र सामाजिक आर्थिक विकास को लेकर प्रतिबद्ध है। विकास योजनाओं और कल्याणकारी कार्यक्रमों से अल्पसंख्यक समुदाय बेहतर तालीम और बेहबूदी की तरफ बढ़ रहा है। इनसे अकलियत के लोगों में सामाजिक सुरक्षा, शैक्षणिक तथा आर्थिक उत्थान के प्रति आत्मविश्वास और तरक्की के प्रति रुझान बढ़ा है। युवाओं के लिए शैक्षणिक सुविधाएं, आर्थिक रूप से सहायता एवं प्रशिक्षण के जरिए रोजगार के नये अवसर मिलने से अल्पसंख्यकों को अपना सपना साकार होता दिखाई दे रहा है।
मदरसा उन्नयन
मदरसों में आधुनिक शिक्षा प्रदान करने एवं मदरसों के उन्नयन एवं कम्प्यूटरीकरण के तहत पंजीकृत मदरसों को 647.90 लाख रुपये की सामग्री उपलब्ध कराई गई है। इनमें कम्प्यूटर, प्रिंटर, यूपीएस आदि शामिल हैं। मदरसा जनसहभागिता योजना के दिशा निर्देश अनुमोदित करवाये जा चुके हैं, जिसमें मदरसों में आधारभूत संरचना के निर्माण एवं विकास हेतु 40 प्रतिशत राशि जन-सहयोग से प्राप्त होने पर राज्य सरकार द्वारा 60 प्रतिशत राशि उपलब्ध करवाई जायेगी।
कौशल प्रशिक्षण
अल्पसंख्यक युवाओं को राजस्थान नॉलेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (आर.के.सी.एल.) द्वारा रोजगारोन्मुख प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए, युवाओं को स्वावलम्बन की ओर अग्रेषित करने के उद्देश्य से कम्प्यूटर दक्षता तथा अंग्रेजी भाषा दक्षता प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। इस अवधि में आर.के.सी.एल. द्वारा 338 अल्पसंख्यक युवाओं को आधी फीस तथा 833 अल्पसंख्यक बालिकाओं को निःशुल्क कम्प्यूटर दक्षता का प्रशिक्षण दिया गया। सी.आई.सी.डी. द्वारा 1 हजार 36 अल्प संख्यक युवाओं को विभिन्न विधाओं में रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण दिया गया। रूडा द्वारा 270 अल्पसंख्यक महिलाओं को कौशल वृद्धि डिजाइन प्रशिक्षण तथा महिला दस्तकार मिश्रित समूह के तहत प्रशिक्षित किया गया।
कब्रिस्तानों का विकास
राज्य सरकार की जनसहभागिता योजनान्तर्गत कब्रिस्तान विकास कार्यक्रम के तहत 428 कब्रिस्तानों की चार दीवारी हेतु 2943.32 लाख रुपये के निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये हैं। इनमें से 194 कब्रिस्तानों के कार्य पूर्ण हो गये हैं तथा 234 कार्य प्रगति पर हैं।
राज्य सरकार ने कब्रिस्तानों के विकास के लिए राजस्थान वक्फ बोर्ड को वर्ष 2012-13 में 2 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराई थी, जिसके अन्तर्गत जयपुर में 9, धौलपुर में 3, भरतपुर में 4, झुन्झुनूं में 2, सवाईमाधोपुर में 2, कोटा 2, नागौर 1, अलवर 2, उदयपुर 1, जोधपुर 1, अजमेर 2, चूरू 2, बारां 1, टोंक में 1, कब्रिस्तानों की मरम्मत, सुधार एवं हाई मास्ट लाइट के कुल 33 विकास कार्य करवाए गए।
वक्फ रिकार्ड का कम्प्यूटरीकरण
भारत सरकार द्वारा राज्य वक्फ बोर्ड के रिकार्ड का कम्प्यूटरीकरण किया जा रहा है। योजना के तहत भारत सरकार से 27.10 लाख रुपये प्राप्त हुए। अब तक राज्य में स्थित लगभग 18 हजार 737 वक्फ सम्पत्तियों के डाटा डब्ल्यू.ए.एम.एस.आई. रजिस्ट्रेशन मॉड्यूल में रजिस्टर्ड कर दिये गये है। कम्प्यूटराइजेशन योजना के तहत आगे कार्य करने हेतु सी.डब्लू.सी. नई दिल्ली द्वारा वक्फ बोर्ड स्टाफ को आवश्यक प्रशिक्षण दिया गया है।
अल्पसंख्यक छात्रावासों में निःशुल्क सुविधाएं
राज्य सरकार द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र छात्रओं के शैक्षणिक गतिविधियों के लिए विभिन्न स्तरों पर छात्रावासों का स’्चालन किया जा रहा है, जहाँ सभी सुविधाएँ निःशुल्क सुलभ कराई जा रही हैं। निःशुल्क छात्रावास योजना व्यक्तिगत लाभ की एक प्रमुख योजना है। यह छात्रावास योजना वर्ष 2012-13 से आरम्भ की गई। निःशुल्क अल्पसंख्यक छात्रावास योजना प्रदेश के जिला मुख्यालयों एवं अल्पसंख्यक बाहुल्य ब्लाक्स में संचालित हैं।
राज्य सरकार के 4 वर्षों वके कार्यकाल में न केवल अल्पसंख्यक छात्रावासों की संख्या में विस्तार हुआ है, बल्कि छात्रावास योजना की क्रियान्विति से लाभान्वित अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं की संख्या में भी वृद्धि हुई है। वर्ष 2014-15 में 14 अल्पसंख्यक छात्रावास संचालित थे। जबकि वर्ष 2015-16 में 35 छात्रावासों का संचालन हुआ। इसी प्रकार वर्ष 2016-17 की अवधि में संचालित अल्पसंख्यक छात्रावासों की संख्या 57 हो गई। विभाग द्वारा छात्रावास योजना का विस्तार करते हुये वर्ष 2016-17 में 69 अल्पसंख्यक छात्रावासों के संचालन की स्वीकृति जारी की गई।
विभाग द्वारा वर्तमान में दो स्तरों पर निःशुल्क छात्रावास योजना का संचालन किया जा रहा है। एक ओर विभाग द्वारा चयनित प्रदेश की स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से अल्पसंख्यक बालक-बालिका छात्रावास संचालित किये जा रहे हैं वही दूसरी ओर चरणबद्ध रूप से निर्मित विभागीय छात्रावास भवनों में छात्रावास संचालित किये जा रहे हैं।
छात्रावास योजना के तहत प्रति छात्र छात्रा मासिक 2 हजार रुपये (राज्य सरकार द्वारा संशोधित दर एक जुलाई, 2016 से) की दर से एवं अधिकतम 19 हजार रुपये साढ़े नौ माह की अवधि के लिए विभाग द्वारा अल्पसंख्यक छात्रावासों के संचालन हेतु अनुदान दिया जाता है। इससे पूर्व राज्य सरकार द्वारा 4 वर्षों की अवधि में अल्पसंख्यक छात्रावासों के लिए छात्रावास संचालन के मद में विभाग द्वारा देय अनुदान की दर प्रति छात्र-छात्रा 1 हजार 750 रुपये से बढ़ाकर 1 हजार 900 रुपये की गई थी।
अल्प संख्यक छात्रवृत्ति
किसी भी समाज की तरक्की एवं खुशहाली के लिए शिक्षा का व्यापक प्रसार होना आवश्यक है। अकलियत के लोगों में तालीम को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति में वृद्धि की है, जिससे उन्हें आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़े। अल्पसंख्यक समुदाय के विद्यार्थियों को विभिन्न प्रकार की स्कॉलरशिप दी जा रही है। अल्प संख्यक छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत गत चार वषोर्ं में अल्प संख्यक पोस्ट मेट्रिक छात्रवृत्ति में 1 लाख 29 हजार 517 छात्र-छात्राओं को तथा मेरिट सह-साधन योजना के अन्तर्गत 15 हजार 58 छात्र-छात्राओं को लाभान्वित किया गया।
फ्री कोचिंग एवं एलाइड स्कीम योजना के तहत राज्य के 430 अल्पसंख्यक छात्र छात्राओं को वर्ष 2014-15 में लाभान्वित किया गया। इसी प्रकार वर्ष 2015-16 में 330 एवं वर्ष 2016-17 में स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से 330 छात्र-छात्राओं को लाभान्वित किया गया।
स्टेट मेरिट कम मीन्स छात्रवृति योजना अन्तर्गत वर्ष 2013-14 में 1033 छात्रों को लाभान्वित किया गया है। अनुप्रति योजनान्तर्गत वर्ष 2013-14 में 33, वर्ष 2014-15 में 41 ,वर्ष 2015-16 में 108 तथा वर्ष 2016-17 में 107 छात्रों को लाभान्वित किया गया है। पोस्ट मेट्रिक छात्रवृति एवं मेरिट कम मीन्स छात्रवृति का भुगतान भारत सरकार द्वारा संबंधिताें के बैक खातों में डी बी टी योजना के माध्यम से किया जा रहा है।
ऋण वितरण
13 दिसम्बर 2013 से सितम्बर 2017 तक आर.एम.एफ.डी.सी.सी. द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के व्यक्तियों को 98.75 करोड़ रुपये के ऋण वितरित कर लाभान्वित किया गया।
हज यात्रा
पिछले चार वषोर्ं में राज्य सरकार द्वारा 16 हजार 425 महिला एवं पुरुषों को हज यात्रा की सुविधा से लाभान्वित किया गया।
बहु क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम
बहु क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम (एमएसडीपी) योजनान्तर्गत 216.47 करोड़ रुपये के प्रस्ताव स्वीकृत कर राज्य में अल्पसंख्यक बहुल 8 जिलों के 10 ब्लाक्स एवं 3 कस्बों में 1 हजार 199 कार्य स्वीकृत किये गये जिनमें से 363 कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं। जबकि 402 कार्य निर्माणाधीन हैं। शेष 434 कार्यों को शीघ्र प्रारम्भ किया जा रहा है।
कौशल विकास कार्यक्रम
कौशल विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत रोजगारोन्मुखी विभिन्न व्यवसायों में अल्पसंख्यक समुदाय के युवाओं को राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम, जयपुर द्वारा निःशुल्क प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। योजनान्तर्गत वर्ष 2015-16 से 2016-17 तक 3 करोड़ रुपये हस्तांतरित कर कुल 3 हजार 240 प्रशिक्षणार्थियों में से 604 युवाओं को रोजगार सुलभ करा दिया गया है।
साइबर ग्राम
साइबर ग्राम योजनान्तर्गत कुल 10 हजार 400 अभ्यार्थियों को दो फेज में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रथम एवं द्वितीय फेज में 9 हजार 800 छात्र छात्राओं को पंजीकृत कर 9 हजार 16 को प्रशिक्षण दिया गया। जिनमें से 7 हजार 995 विद्यार्थियों ने परीक्षा उत्तीर्ण की है।
जन सुनवाई
अल्पसंख्यक आयोग द्वारा पूरे राज्य में संभाग व जिला स्तर पर पर जन सुनवाई कार्यक्रम आयोजित कर हजारों अल्पसंख्यकों की समस्याओं का समाधान किया गया।
महिला नेतृत्व विकास योजना
भारत सरकार द्वारा चयनित स्वैच्छिक संस्थाओं के माध्यम से अल्पसंख्यक महिलाओं में नेतृत्व विकास के लिये शत प्रतिशत वित्त पोषित योजना राज्य में संचालित है। वर्ष 2014-15 की अवधि में 28 संस्थाओं के माध्यम से 4 हजार 875 अल्पसंख्यक महिलाओं को नेतृत्व विकास के लिये निर्धारित माड्यूल के तहत प्रशिक्षित किया गया। वर्ष 2015-16 में 1 हजार 725 एवं वर्ष 2016-17 में 1 हजार 350 अल्पसंख्यक महिलाओं को इस योजना के अन्तर्गत लाभन्वित किया गया।
नवाचार
अल्पसंख्यक समुदाय के व्यक्तियों को उपलब्ध कराये जा रहे व्यवसायिक ऋण, शिक्षा ऋण और माइक्रो फाईनेन्स ऋण की राशि सीधे ऋणी के बैंक खाते में हस्तान्तरित की जा रही है। अल्पसंख्यक समुदाय को वितरित ऋण राशि के अनुसार जीवन बीमा करवाना अनिवार्य किया गया है, जिसमें जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को नोमिनी किया गया है।
राजस्थान मुस्लिम वक्फ बोर्ड
बोर्ड को गत 4 वषोर्ं में 5 करोड़ 69 लाख 55 हजार 980 रुपए की आय हुई। इस अवधि में बोर्ड ने 494 छात्रों को 9 लाख 38 हजार रुपए की छात्रवृत्ति वितरित की। बोर्ड ने भीलवाड़ा, जयपुर बीकानेर, आबूरोड, चित्तौड़गढ़ तथा टोंक में 15 से अधिक वक्फ संपत्तियों को अतिक्रमण से मुक्त करवाया। जिला झुंझुनू स्थित वक्फ दरगाह नरड़ के विकास एवं सौंदर्यकरण कायोर्ं पर 217 लाख रुपए खर्च किए।
राज्य सरकार ने प्रदेश की महत्वपूर्ण वक्फ दरगाहों को धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए लगभग 8 करोड़ रुपए की धनराशि का बजट प्रावधान किया है। पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए दरगाह मोइनुद्दीन उर्फ मिट्ठे महावली, गागरोन, जिला झालावाड़, दरगाह मीरा साहब, बूंदी, दरगाह अधरशिला, कोटा तथा दरगाह सूफी हमीदुद्दीन साहब, नागौर का चयन किया गया है।
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