- December 6, 2017
सामाजिक इंजीनियर थे बाबा साहेब अंबेडकर : धनखड़
झज्जर (जनसंपर्क विभाग)———– हरियाणा के कृषि, ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री की पहल पर स्थापित ग्रामीण विकास के लिए तरूण (ग्रवित) की ओर से बाबा साहेब डा. भीमराव अंबेडकर के निर्वाण दिवस के अवसर पर बुधवार को झज्जर जिला के गांव सौंधी से दादरी तोए तक व दादनपुर से माछरौली तक समरसता दौड़ का आयोजन हुआ। समरसता दौड़ कार्यक्रम में हजारों की संख्या में स्कूली छात्र-छात्राओं व अन्य युवाओं ने भागीदारी की।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ स्वयं इन दोनों आयोजनों में प्रतिभागियों का उत्साह बढ़ाने पहुंचे। उन्होंने प्रतिभागियों युवाओं के नाम अपने संबोधन में डा. भीमराव अंबेडकर को नमन करते हुए कहा कि बाबा साहेब ने समाज का उत्थान किया, संविधान के निर्माता की सोच समाज का भला करने की रही। उनका जीवन, संघर्ष व कृतित्व समाज को सदैव प्रेरणा देगा। वे कानून से सामाजिक बदलाव लाने वाले इंजीनियर थे।
समरसता दौड़ में भागीदार बने सभी युवाओं को टी-शर्ट प्रदान की गई तथा समय पर दौड़ पूरी करने वाले छात्र-छात्राओं को ट्रैक सूट दिए गए।
अब झज्जर की बारी है —–कृषि मंत्री ने झज्जर के विकास को समर्पित अब झज्जर की बारी है स्लोगन भी दिया। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने केवल झूठ बोलने के सिवाय झज्जर को कुछ नहीं दिया। वर्तमान सरकार झज्जर जिले के लिए अनेक योजनाएं लागू कर रही है।
इन परियोजनाओं से झज्जर के विकास को तेजी मिलेगी। इस दौरान उन्होंने स्कूली छात्र-छात्राओं को जीवन में नैतिक मूल्यों के महत्व के बारे में भी बताया। गांव सौंधी से दादरी तोए तक की समरसता दौड़ में सौंधी, याकूबपुर, फतेहपुर, निमाना, कुकड़ौला, दादरी तोए, नंगला, कुतानी, जाहिदपुर व ऊंटलौधा के प्रतिभागियों ने भागीदारी की। वहीं गांव दादनपुर से माछरौली तक में गांव सिलानी, सिलाना, दादनपुर, चांदपुर, किरड़ौद, माछरौली आदि दर्जनों गांवों के युवाओं ने उत्साह से भागीदारी की।
आरोग्य धाम बाढ़सा क्षेत्र बादली———-बहुत कम समय में बाढ़सा क्षेत्र आरोग्य धाम के रूप में विकसित होने जा रहा है। इसके लिए सरकार ने विस्तृत विकास योजना तैयार की है।
अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि बाढ़सा व आसपास के क्षेत्र की विकास परियोजनाओं का खाका इस तरह तैयार करें कि भविष्य के कई दशकों की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति हो सके। प्रदेश के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री औम प्रकाश धनखड़ ने बाढ़सा गांव में लगभग पौने पांच करोड़ रूपये की लागत से होने वाले विकास कार्यो की आधारशिला रखते हुए यह बात कही।
— राष्ट्रीय कैंसर संस्थान अंतरराष्ट्रीय पहचान —कृषि मंत्री श्री धनखड़ ने कहा कि राष्ट्रीय कैंं सर संस्थान का निर्माण कार्य अंतिम चरण में हैं। यह संस्थान बाढ़सा गांव की पहचान को अंतरराष्ट्रीय पटल पर स्थापित करने में सफल होगा। सरकार ने भी श्याम प्रसाद रूअरबन मिशन योजना के तहत आस-पास के 19 गांवों को शहरी तर्ज पर विकसित करने की योजना बनाई गई है जिस पर लगभग 119 करोड़ रूपये खर्च होंगे। बाढ़सा के साथ दस गांवों में आरोग्य धाम विकसित होगा।
श्यामा प्रसाद रूअरबन मिशन के तहत गांवों के युवाओं का कौशल निखारकर इस तरह तैयार किया जाएगा कि इसी क्षेत्र में स्वरोजगार शुरू कर सकें।
– आधारशिला
कृषि मंत्री श्री धनखड़ ने बाढ़सा गांव में खेलों को बढ़ावा देने के लिए लगभग अढ़ाई करोड़ की लागत से बाबा शिवनाथ के नाम से बनने वाले खेल स्टेडियम, 25 लाख रूपये की लागत से निर्मित होने वाले बाबा साहेब अंबेडकर भवन, 25 लाख रूपये की लागत से सामुदायिक भवन, 25 लाख रूपये की लागत से विकसित होने वाले पार्क तथा एक करोड़ रूपये की लागत से गांव की फिरनी पक्की की जाएगी और सीवरेज व्यवस्था उपलब्ध कराई
जाएगी। 48 लाख की लागत से गौशाला तैयार की जाएगी। पशुपालन मंत्री श्री धनखड़ ने कहा कि भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए गांव में आधुनिक गौशाला तैयार करें। सरकार विकास कार्यो के लिए लिए हर संभव मदद करेगी।
— बदलते परिवेश के साथ आगे बढ़े ग्रामीण युवा
कृषि मंत्री श्री धनखड़ ने कहा कि बाढ़सा व आस-पास का क्षेत्र शहर के रूप में परिवर्तित होने जा रहा है। बाहर से भी योग्य व शिक्षित लोग आएंगे। इसलिए उनकी क्या जरूरत होगी और हम आने वाले बाजार पर कैसे अपना अधिकार जमाएं यह सोचने की बात है। खासकर ग्रामीण युवा पीढ़ी को अपना बाजार की मांग के अनुसार अपना कौशल निखारकर आगे बढऩा होगा। सरकार की ओर से युवाओं को हर संभव मदद दी जाएगी। गांव में पंहुचने पर ग्रामीणों ने श्री धनखड़ का जोरदार स्वागत किया।
इस अवसर पर त्रिलोक चंद एसडीएम बादली , कार्यकारी अभियंता पंचायती राज युनुस खान, बीडीपीओ परमिंद्र सिंह, जिप वाईस चेयरमैन योगेश सिलानी, गांव की सरपंच नरेश देवी, सरपंच प्रतिनिधि जोगेंद्र सिंह, भूप नंबरदार, कृष्ण,बिजेंद्र मांडौठी सहित काफी सख्यंा में ग्रामीण भी उपस्थित रहे।