- December 4, 2017
राज्य सरकार के चार साल —समग्र विकास की ओर बढ़ते कदम
जयपुर, 4 दिसम्बर, 2017(-महेश चंद्र शर्मा)——-मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के शासन के चार साल पूरे हो गए हैं। दिसंबर 2013 में शासन की बागडोर संभालते ही उन्होंने सुशासन के संकल्प से समृद्धि के शिखर की ओर राजस्थान को ले जाने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।
नवीन योजनाओं और नवाचार के साथ-साथ अब तक के कायोर्ं को समेकित करते हुए उनको और अधिक सुदृढ़ करने का प्रयास किया। ताकि प्रदेश के सभी नागरिकों को समुचित सुविधाएं मिल सकें और उनके जीवन स्तर में अपेक्षित सुधार नजर आए। इसे लेकर उन्होंने प्रदेश की जनता के सामने विजन-2020 के तहत प्रदेश के विकास की परिकल्पना रखी।
जहां तक सहकारिता क्षेत्र का सवाल है, इसका मूल मंत्र है-‘एक सबके लिए और सब एक के लिए’, जिसमें ‘सबका साथ और सबका विकास’ की अवधारणा भी निहित है। इसे अक्षरशः धरातल पर उतारा सहकारिता मंत्री अजयसिंह किलक ने। उनके नेतृत्व एवं निर्देशन में किए गए प्रयासों के परिणाम स्वरूप राजस्थान ने सहकारिता के क्षेत्र में अनेक उपलब्धियां अर्जित की हैं। विभाग ने राष्ट्रीय स्तर पर पांच पुरस्कार जीते, जो इसके सबसे बड़े प्रमाण हैं।
चार साल में , पांच पुरस्कार
पिछले चार सालों में किए गए प्रयासों का ही परिणाम है कि राजस्थान ने सहकारिता क्षेत्र में अब तक देश भर में पांच पुरस्कार अर्जित किए हैं। सहकारी बैंकों के राष्ट्रीय परिसंघ नैफस्कॉब ने वर्ष 2014 में अपेक्स बैंक को द्वितीय पुरस्कार से और पाली की नारलाई ग्राम सेवा सहकारी समिति को सुभाष यादव पुरस्कार से सम्मानित किया।
अप्रैल, 2015 में राज्य स्तरीय एनसीडीसी सहकारी उत्कृष्टता पुरस्कार सांगानेर क्षेत्र की बीलवा ग्राम सहकारी समिति को मिला। नैफस्कॉब की ओर से देश के अपैक्स एवं जिला सहकारी बैंकों के कार्य निष्पादन में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए जयपुर केन्द्रीय सहकारी बैंक को पुरस्कृत किया गया। यही नहीं, जुलाई 2017 में चैन्नई में अलवर जिले की बहाला ग्राम सेवा सहकारी समिति को राष्ट्रीय सुभाष यादव पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
इसी साल सितम्बर में नई दिल्ली में केन्द्रीय कृषि एवं सहकारिता कल्याण मंत्रालय की ओर से आयोजित श्री लक्ष्मणराव ईमानदार के जन्म शताब्दी समारोह में राजस्थान राज्य सहकारी बैंक को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सहकारी उत्कृष्टता पुरस्कार दिया जिसमें प्रतीक चिह्न के साथ 15 लाख रुपए का नकद पुरस्कार मिला।
ब्याज मुक्त फसली ऋण वितरण मामले में देश भर में अव्वल
सहकारिता मंत्री अजय किलक के अनुसार अब तक राज्य सरकार ने 57 हजार 72 करोड़ रुपए का ब्याज मुक्त अल्पकालीन फसली ऋण वितरित किया है, जो देश में किसी भी राज्य द्वारा वितरित किए गए ब्याज मुक्त फसली ऋण वितरण में सर्वाधिक है। कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश और पंजाब जैसे राज्य इस मामले में काफी पीछे है।
आजादी के बाद पहली बार दीर्घकालीन ऋण पर ब्याज दर में कमी
सहकारिता मंत्री के अनुसार स्वतंत्रता के बाद से अभी तक किसानों से दीर्घकालीन कृषि ऋण पर बारह फीसदी से अधिक ब्याज लिया जा रहा था, लेकिन राज्य सरकार ने ब्याज दरों में कमी करने का फैसला किया और 5 फीसदी अनुदान देकर ब्याज दर को 6.70 फीसदी कर दिया है।
सहकारी भूमि विकास बैंकों द्वारा दी जा रही इस प्रतिस्पर्धी ब्याज दर पर कोई वाणिज्यिक, निजी एवं राष्ट्रीय बैंक किसानों को दीर्घकालीन कृषि ऋण नहीं दे रहे हैं। सहकार किसान कल्याण योजना के तहत वितरित ऋणोंं पर ब्याज दर में 0.50 फीसदी की कमी तथा दो फीसदी ब्याज अनुदान देकर प्रभावी ब्याज दर को मात्र 9 फीसदी कर दिया गया है।
किसानों को व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा का लाभ बारह गुना बढ़ाया
किसानों को अधिक सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा लाभ की राशि को बारह गुना बढ़ाकर छह लाख रुपए किया जा रहा है। इसके लिए किसानों से मात्र 27.50 रुपए लिए जा रहे हैं जबकि शेष राशि 27.50 रुपए सहकारी बैंकों द्वारा वहन किए जा रहे हैं।
इस योजना के तहत कृषि ऋण लेने वाले सभी किसानों का व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा किया जा रहा है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की मंशा के अनुसार इस बीमा लाभ की राशि को शीघ्र ही दस लाख रुपए किए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
समर्थन मूल्य पर ऑनलाइन पंजीकरण
राज्य में पहली बार समर्थन मूल्य पर दलहन और तिलहन की खरीद के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था की गई है ताकि किसानों को उनकी फसल के लिए लाईन में नहीं लगना पड़े तथा उन्हें उनकी उपज की राशि के लिए चक्कर नहीं लगाना पड़े। समर्थन मूल्य में आ रही समस्याओं का त्वरित एवं सार्थक निराकरण हो सके इसके लिए हैल्पलाईन की शुरुआत कर दी गई है।
समर्थन मूल्य पर 761 करोड़ की हुई खरीद
समर्थन मूल्य पर 761 करोड़ रुपए की खरीद हुई। खरीद के लिए शुरू किए गए 220 केन्द्रों के जरिए सोलह नवम्बर तक 81 हजार 104 किसानों से 761.37 करोड़ रुपए के मूंग, उड़द, सोयाबीन, मूंगफली की खरीद की जा चुकी है। दस नवम्बर तक 60 हजार 402 किसानों से 559.73 करोड़ रुपए की खरीद का ऑनलाइन भुगतान किया जा चुका है। शेष 20 हजार 702 किसानों को भी शीघ्र भुगतान किया जाएगा।
अभिनव प्रयोग और नवाचार
162 केन्द्रीय सहकारी बैंकों का कम्प्यूटीकरण
पिछले चार सालों में नीतिगत एवं उनकी क्रियान्विति की स्थिति पर गौर करें तो केन्द्रीय सहकारी बैंकों की 162 शाखाओं का कम्प्यूटरीकरण किया गया। ग्राम सेवा सहकारी समितियों के कम्प्यूटरीकरण के लिए एनआईसी से एमओयू हुए। 31 पैक्स/लैम्पस को कम्प्यूटरीकृत किया गया।
महिला उपहार सुपर स्टोर प्रारंभ
राज्य में 19 महिला सुपर स्टोर प्रारंभ किए जा चुके हैं।
ई-गवर्नेन्स
विभागीय वेबसाइट के नियमित अपडेशन की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। इसके साथ ही एसएमएस अलर्ट के माध्यम से सहकारिता मंत्री सहित विभाग के सभी अधिकारियों को अपडेशन की जानकारी तत्काल दी जाने लगी है। अधिकारियों को विभागीय आदेशों, परिपत्रों विभागीय वेबसाइट पर अपलोड होने की जानकारी और एंड्राएड फोन पर लिंक देने से तत्काल देखने की सुविधा मिल गई है। इससे विभागीय कायोर्ं के निष्पादन को बल मिला है।
सहकार किसान कल्याण योजना
राज्य के किसानों की समग्र ऋण आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए सहकार किसान कल्याण योजना लागू की गई है।
इस योजना में केन्द्रीय सहकारी बैंकों द्वारा अगस्त 2017 तक 462.58 करोड़ रुपए के ऋण वितरित कर किसानों को लाभांवित किया गया है।
दीर्घकालीन कृषि सहकारी ऋणों पर 5 फीसदी ब्याज अनुदान
अप्रैल 2014 के बाद वितरित दीर्घकालीन कृषि ऋणों का समय पर चुकारा करने वाले किसानों को 5 फीसदी का ब्याज अनुदान दिया जा रहा है। 22,427 प्रकरणों में 15.40 करोड़ रुपए का अनुदान किसानों को दिया जा चुका है।
सोलर वॉटर पम्पिंग सेट योजना
वर्ष 2014-15 से लागू इस योजना के तहत किसानों को सिंचाई प्रयोजनार्थ सौर ऊर्जा आधारित सोलर वॉटर पम्पिंग सेट के ऋण, कुल लागत की 40 फीसदी अनुदान पर उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। 148 मामलों में 3.08 करोड़ रुपए का अनुदान किसानों को दिया जा चुका है।
भामाशाह को-ब्रांडेड रूपे कार्ड
सहकारी बैंकों के ऋणी सदस्यों एवं खाताधारकों को भामाशाह को-ब्रांडेड रूपे कार्ड जारी किया जा रहा है। यह एक सतत प्रक्रिया है। सितंबर 2017 तक 1 लाख 52 हजार 279 खाता धारकों को भामाशाह को-ब्रांडेड रूपे कार्ड जारी कर दिए गए हैं।
ऑन लाईन शॉपिंग
जयपुर, जोधपुर, उदयपुर एवं कोटा में उपभोक्ता भंडारों द्वारा ऑन लाईन शॉपिंग का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। अजमेर उपभोक्ता भंडार में ऑन लाईन शॉपिंग का कार्य प्रक्रियाधीन है।
पेंशनर को दवाइयों की होम डिलीवरी
पायलट बैसिस पर उपभोक्ता संघ द्वारा जयपुर में पेंशनर्स को दवाइयों की होम डिलीवरी की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
मेक इन राजस्थान
राजस्थान राज्य सहकारी उपभोक्ता संघ द्वारा मेक इन राजस्थान और मेक इन इंडिया को ध्यान में रखते हुए योजना की क्रियान्विति कर निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
ऑनलाईन पंजीयन
राजस्थान सहकारी संस्था पंजीयन अधिनियम 1958 के अंतर्गत संस्था पंजीयन का कार्य ऑनलाईन किया जा चुका है।
रासायनिक खाद वितरण(13 दिसंबर 2013 से अब तक)
किसानों को सहकारी समितियों के माध्यम से प्रमाणित खाद उचित मूल्य एवं समय पर उपलब्ध कराने के लिए राजफैड द्वारा 1 लाख 79 हजार 067 मीट्रिक टन डीएपी, 5 लाख 94 हजार 661 मीट्रिक टन यूरिया, 1 लाख 14 हजार 706 मीट्रिक टन एसएसपी का अग्रिम भंडारण कर वितरित किया गया। इफको द्वारा 8 लाख 23 हजार 274 मीट्रिक टन डीएपी, 19 हजार 25 हजार 933 मीट्रिक टन यूरिया व 91 हजार 563 मीट्रिक टन एनपीके और कृभको द्वारा 67,124.85 मीट्रिक टन डीएपी व 7,39,728.40 मीट्रिक टन यूरिया खाद की आपूर्ति की गई।
ऋण-वितरण (दिसंबर 2013 से सितंबर 2017 तक)
• केन्द्रीय सहकारी बैंकों द्वारा 57,110.37 करोड़ रुपए का अल्पकालीन ऋण वितरण शून्य फीसदी ब्याज दर पर वितरित किया गया। इनमें से अनुसूचित जाति के सदस्यों को 8,387.31 करोड़, अनुसूचित जनजाति के सदस्यों में 5,587.67 करोड़ और सामान्य श्रेणी के सदस्यों को 43,135.39 करोड़ रुपए के ऋण बांटे गए।
• 1879.34 करोड़ रुपए के मध्यकालीन ऋण वितरित किए गए
प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों द्वारा 958.12 करोड़ रुपए का दीर्घकालीन ऋण वितरण किया गया। इसमें से अनुसूचित जाति के 7 हजार 599 सदस्यों को 120.72 करोड़ रुपए का, अनुसूचित जनजाति के 4 हजार 43 सदस्यों को 47.34 करोड़ का ऋण वितरण किया गया है। 7 हजार 244 महिलाओं को 128.38 करोड़ रुपए का ऋण वितरण किया गया है। महिला विकास ऋण योजनांतर्गत 1 हजार 756 महिलाओं को 12.88 करोड़ का ऋण वितरित किया गया। स्वरोजगार ऋण के लिए 3 हजार 619 व्यक्तियों को 17.61 करोड़ रुपए का ऋण वितरण किया गया।
महिला वर्ग को सहायता
महिला सहकारी समितियों के माध्यम से 2 हजार 730 महिलाओं को 47 लाख रुपए की वित्तीय सहायता दी गई। स्वयं सहायता समूह के पदाधिकारियों/सदस्यों के प्रशिक्षण के अंतर्गत 27 हजार 904 महिलाओं को लाभान्वित किया गया है।
अन्य उपलब्धियां
• 764 मिनी बैंक खोले गए।
• राजस्थान सहकारी आवासन संघ द्वारा 3.57 करोड़ के ऋण वितरित किए गए।
• गंगानगर कॉटन कॉम्पलेक्स के 74 श्रमिकों का दस वर्ष पुराना 1.44 करोड़ का भुगतान किया गया। स्पिन फैड हनुमानगढ़ और गुलाबपुरा के श्रमिकों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति दिए जाने के लिए बजट घोषणा में 50 करोड़ का प्रावधान किया गया।
आदिवासी जिलों में मिनी एवं सुपर मार्केट
• आदिवासी 6 जिलों की 30 लैंपस/पैक्स में मिनी सुपरमार्केट खोले गए तथा अन्य जिलों की 54 पैक्स में सुपर मार्केट खोले जा चुके हैं। जोधपुर, उदयपुर, कोटा एवं जयपुर संभाग में जैविक उत्पाद बिक्री केंद्र खोले गए। इस प्रकार पैक्स/ग्राम सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से कुल 127 मिनी सुपर मार्केट खेले जा चुके हैं।
• झालरापाटन में कोल्ड स्टोरेज -इस कोल्ड स्टोरेज के निर्माण के लिए 3.50 करोड़ रुपए की बजट में घोषणा की गई।
बैंकिंग गतिविधियां
• सभी 29 केन्द्रीय सहकारी बैंक भारतीय रिजर्व बैंक से लाइसेंसशुदा हैं।
• शीर्ष बैंक एवं सभी 29 केन्द्रीय सहकारी बैंकों की सभी 492 शाखाएं मय प्रधान कार्यालय कोर बैंकिंग सोल्यूशन वातावरण में कार्य कर रही हैं। सभी में आरटीजीएस एवं एनईएफटी सुविधाएं ग्राहकों को उपलब्ध कराई जा रही हैं। नरेगा श्रमिकों को इन्हीं के तहत भुगतान किया जा रहा है।
• शीर्ष बैंक एवं 26 केन्द्रीय सहकारी बैंक 31 मार्च 2017 को शुद्ध लाभ में रहे हैं।
• शीर्ष बैंक की 12 शाखाओं में एटीएम स्थापित कर परिचालित किए जा रहे हैं। केन्द्रीय सहकारी बैंकों की 85 शाखाओं में एटीएम स्थापित किए जा चुके हैं।
• भामाशाह योजना की क्रियान्विति हेतु पैक्स/लैम्पस, ई-मित्र को केन्द्रीय सहकारी बैंकों के बी.सी. बनाकर, कम्प्यूटराइज्ड टेक्नोलोजी से प्रत्येक ग्रामीण सदस्य को बैंकिंग सेवा, नरेगा भुगतान व सामाजिक सेवाओं यथा सामाजिक सुरक्षा पेंशन आदि का भुगतान इत्यादि का लाभ डोर स्टेप पर उपलब्ध करवाया जा रहा है। बैंकों द्वारा 11 हजार 590 ई-मित्र केंद्रों एवं 4 हजार 445 पैक्स/लैम्पस को बीसी बनाया गया। इस प्रकार कुल 16 हजार 35 बीसी बनाए जा चुके हैं।
सामाजिक-सुरक्षा
इसके अंतर्गत प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा, किसान क्रेडिट कार्ड धारकों के लिए सहकार जीवन सुरक्षा बीमा योजनाएं संचालित की जा रही हैं।
सहकार किसान कल्याण योजना में अगस्त 2017 तक 462.58 करोड़ रुपए के ऋण वितरित कर किसानों को लाभांवित किया गया है।