- December 1, 2017
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ पत्र–“प्रशासनिकमूर्खता की पराकाष्ठा”—अवधेश सिंह
सीधी, 1 दिसम्बर(विजय सिंह)—————— मध्य प्रदेश में घटते लिंगानुपात पर काबू पाने सरकार की ‘‘बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ’’ योजना के क्रियान्वयन हेतु महिला सशक्तिकरण अधिकारी को कलेक्टर से पत्र जारी करवाना मंहगा पड़ गया। पद में समकक्ष एवं प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी अवधेश सिंह को यह पत्र इतना नागवार लगा कि उन्होंने अधीनस्थ अधिकारियों के लिये बनाये गये व्हाट्स अप ग्रुप में पत्र को “प्रशासनिकमूर्खता की पराकाष्ठा” की संज्ञा दे डाली।
कलेक्टर सीधी द्वारा हस्ताक्षरित पत्र पर बाल विकास परियोजना सीधी क्रमांक-1 के परियोजना अधिकारी शेष नारायण मिश्रा ने लिखा ‘‘ सर, इस पत्र में कोई निर्देश नहीं दिया गया, न कोई जानकारी दी गई। क्या कार्य सम्पादन करना है।’’ उस पर जिला कार्यक्रम अधिकारी अवधेश सिंह की टिप्पणी है कि स्वयं को जो काम करना है, स्वयं के लिये पत्र जारी करवाना प्रशासनिक मूर्खता की पराकाष्ठा है।
उल्लेखनीय है कि 4 दिन पहले ही गत् 27 नवम्बर को कलेक्टर साहब की अध्यक्षता में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना की जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक हुई है। जिसमें महिला बाल विकास, महिला सशक्तिकरण सहित जिले के समस्त अधिकारी उपस्थित थे। बावजूद इसके भी परियोजना अधिकारी जानना चाहते हैं कि करना क्या है ?
उस पर प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा आई.सी.डी.एस. टीम व्हाट्स अप ग्रुप में की गई टिप्पणी से यह स्पष्ट हो गया है कि ‘‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ योजना के क्रियान्वयन को पूरी तरह फ्लाॅप करने की योजना बनाई जा चुकी है।
योजना का क्रियान्वयन आंगनबाड़ी केन्द्र स्तर से शुरू होना है, जब उनका मुखिया ही ‘‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं’’ योजना के खिलाफ दृष्टिकोण रखता है, तब अधीनस्थ कार्यकर्ता, पर्यवेक्षक व परियोजना अधिकारी कितनी तबज्जो देंगें ? भगवान ही मालिक है।
विदित हों कि महिला बाल विकास विभाग में जिला कार्यक्रम अधिकारी का पद उपसंचालक के समकक्ष है। सीधी में परियोजना अधिकारी से पदोन्नति उपरांत सहायक संचालक अवधेश सिंह, उधार का सिंदूर पहन जिला कार्यक्रम अधिकारी पद पर आसीन हैं, जबकि जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी प्रवेश मिश्रा सीधे मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग से चयनित अधिकारी हैं व वरिष्ठ हैं।
19, अर्जुन नगर सीधी