- November 1, 2017
जयपुर अरबन हाट – दस्तकारी और कला के पोषण संवद्र्धन का केन्द्र -उद्योग आयुक्त
जयपुर———- आमेर रोड जल महल के सामने स्थित जयपुर अरबन हाट को राज्य की परंपरागत दस्तकारी, बुनकरी, हस्तशिल्प और कला के पोषण और संवद्र्धन केन्द्र के रुप में विकसित किया जाएगा। उद्योग आयुक्त व सीएसआर सचिव श्री कुंजी लाल मीणा ने बुधवार को उद्योग भवन में राज्य के पुरस्कृत दस्तकारों व हस्तशिल्पियों से सीधा संवाद कायम करते हुए यह जानकारी दी।
श्री मीणा ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा जयपुर अरबन हाट को विकसित करने का मुख्य उद्देशय भी राजस्थान के शिल्पियों को प्रोत्साहन, मार्केट उपलब्ध कराने और तकनीकी मार्गदर्शन, प्रशिक्षण, कार्यशालाओं, संगोष्ठियों आदि उपलब्ध कराना है। उन्होंने बताया कि जयपुर अरबन हाट पर अब नियमित रुप से मेले प्रदर्शनियों का आयोजन किया जाएगा व समय समय पर थीम बेस आयोजन किए जाएंगे।
उद्योग आयुक्त श्री मीणा ने उद्योग भवन में टेराकोटा, पेंटिंग व मिनियेचर, टाई-डाई, कॉटन खेस, पंजा दरी पट्टी, कोटा डोरिया, लाख चूड़ी आर्ट, तलवार, तारकशी, ब्लॉक पेंटिंग, कठपुतली, तारकशी, कुंदन मीनाकारी, गोटा पत्ती, आयरन आर्ट, जयपुर रजाई, जयपुरी जूतियां आदि बनाने वाले अवार्डी शिल्पकारों व दस्तकारों से बात की और उनके साथ अनुभवों को साझा किया।
उन्होंने कहा कि जयपुर अरबन हाट को जयपुर आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों और आमनागरिकों से जोडने के संयुक्त प्रयास किए जाएंगे ताकि शिल्पकारों को भी बिचौलियों के शोषण से बचाते हुए उनकी मेहनत का पूरा लाभ दिलाया जा सके। बैठक में एक स्वर में जयपुर अरबन हाट की पहचान बनाने और सीधे आमनागरिक व शिल्पकारों के संवाद का केन्द्र बनाने की आवश्यकता प्रतिपादित की।
बैठक में उद्यम प्रोत्साहन के श्री संजीव सक्सैना, एसएस श्शाह, चिमन लाल वर्मा, महाप्रबंधक उद्योग केन्द्र मधुसूदन शर्मा, आरके आमेरिया, सहायक निदेशक रवि गुप्ता के साथ ही प्रदेश के 60 से अधिक अवार्डी दस्तकारों ने हिस्सा लिया।