- September 19, 2017
शहरी क्षेत्र के दिव्यांगजनों के पंजीयन के लिए विशेष प्रयास करने के निर्देश– मुख्य सचिव
जयपुर, 19 सितम्बर। मुख्य सचिव श्री अशोक जैन ने मंगलवार को शासन सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला कलक्टरों से प्रदेश में चल रहे पं. दीन दयाल उपाध्याय विशेष योग्यजन अभियान की समीक्षा करते हुए 27 सितम्बर, 2017 से प्रत्येक विधानसभा स्तर पर निःशक्त प्रमाण पत्र बनाने के लिए लगाये जाने वाले शिविरों की तैयारियों के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में विशेष योग्यजनों के पंजीयन की स्थिति ठीक है लेकिन शहरी क्षेत्र में दिव्यांगों के पंजीयन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विभिन्न विभागों के आपसी सहयोग से विशेष प्रयास करें।
मुख्य सचिव ने कुछ जिलों में विशेष योग्यजनों के पंजीयन की स्थिति ठीक नहीं होने पर गहरी नाराजगी जताते हुए सम्बन्धित जिला कलक्टरों को इसमें लापरवाही नहीं किसे जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भारत सरकार के निर्देशानुसार अब 21 श्रेणी के विशेष योग्यजन की पहचान कर पंजीयन करना है।
श्री जैन ने कहा कि पंजीयन किये गये सभी दिव्यांगों को पहचान कर ऑनलाईन निःशक्त प्रमाण पत्र जारी करने के साथ साथ यूनिक आई डी दी जायेगी। उन्होेंने चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि विभिन्न श्रेणी के दिव्यांगों की पहचान के लिए जिला कलक्टरों से समन्वय स्थापित कर चिकित्सा विशेषज्ञों की टीम लगायें। उन्होंनेे जिला कलक्टरों को कहा कि 27 से 12 दिसम्बर, 2017 तक दूसरे चरण के तहत लगाये जाने वाले शिविरों में पंजीकृत शत प्रतिशत दिव्यांगों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाये।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री जे.सी.महान्ति ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि प्रदेश में अब तक 6.74 लाख विशेष योग्यजनों का पंजीयन किया जा चुका है। कई जिलों ने अच्छा प्रयास किया है लेकिन जिन जिलों में लक्ष्य से कम प्रगति है उन्हें और गम्भीर प्रयास करने की जरूरत है।
श्री महान्ति ने बताया कि देश में राजस्थान पहला राज्य है जिसमें दिव्यांगजनों की पहचान कर पंजीयन किया जा रहा है इससे दिव्यांगजनों का डाटा बेस तैयार होगा जिससे कई वर्षों तक दिव्यांगजनों को विभिन्न योजनाओं का लाभ दे सकेंगे। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों के प्रति हमें संवेदनशीलता से काम करने की आवश्यकता है। उन्हें सहानुभूति के स्थान पर सम्मानजनक स्थिति का माहौल पैदा करना हमारी प्राथमिकता होना चाहिये।
इस अवसर पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती वीनू गुप्ता ने बताया कि दिव्यांगजनों को पहचान कर निःशक्तता प्रमाण पत्र व अन्य चिकित्सा सुविधायें देने के लिए संयुक्त निदेशकों एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये जा चुके हैं, जो जिला कलक्टरों के आपसी समन्वय से शिविरों में चिकित्सा एवं विशेषज्ञों की व्यवस्था करेेंगे।
इस अवसर पर विशेष योग्यजन निदेशक डॉ. समित शर्मा ने अभियान के दौरान दिव्यांगजनों के पंजीयन की स्थिति की जानकारी देते हुए शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रदेश के समस्त सरकारी एवं निजी विद्यालयों में अध्ययनरत सभी दिव्यांग बच्चों का पंजीयन ऑनलाइन करायें।
उन्होंने 27 सितम्बर, 2017 को दूसरे चरण के तहत प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों में लगाये जाने वाले शिविर स्थलों पर दिव्यांगजनों के पंजीयन के साथ भामाशाह, आधार कार्ड आदि बनाने की सभी व्यवस्था सुनिश्चित कराने के लिए जिला कलक्टरों को आवश्यक तैयारियाँ करने के निर्देश दिये।
बैठक में चिकित्सा शिक्षा के प्रमुख शासन सचिव श्री आनन्द कुमार, पंचायती राज विभाग के शासन सचिव श्री नवीन महाजन, महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव श्रीमती रोली सिंह, शिक्षा विभाग के विशिष्ठ शासन सचिव श्री अशफाक हुसैन, विशेष योग्जन के अतिरिक्त निदेशक श्री अमिताभ कौशिक आदि उपस्थित थे।