- August 24, 2017
केंद्रीय दल का जालोर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सघन दौरा
जयपुर———-भारत सरकार के अंतर मंत्रालयिक केंद्रीय दल ने बुधवार को जालोर जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का सघन दौरा कर बाढ़ से हुए खराबे का जायजा लिया। दल के सदस्य केंद्रीय जल आयोग के अध्यक्ष श्री पुनीत कुमार मित्तल तथा ग्रामीण विकास मंत्रालय की संयुक्त निदेशक श्रीमती शालिनी दास ने जिले के अधिकारियों के साथ बाढ़ प्रभावित इलाकों का भ्रमण कर क्षतिग्रस्त हुए आधारभूत ढांचे, फसल खराबे, किसानों को हुए नुकसान और उसके बाद पैदा हुए हालातों को करीब से जाना और स्थिति बहाल करने के लिए शीघ्र सहायता मुहैया कराने का आवश्वासन दिया।
केंद्रीय दल के सदस्य सवेरे करीब 8 बजे सबसे पहले सांकरणा पहुंचे और पानी के तेज बहाव से क्षतिग्रस्त हुई जवाई नदी पुलिया को देखा। इस दौरान जिला कलेक्टर श्री एलएन सोनी ने बताया कि पानी के तेज बहाव के कारण पुलिया का करीब 20 मीटर का हिस्सा पूरी तरह बह गया था और पुलिया पर करीब 2 फुट तक पानी बहाव रहा।
उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन ने इस दौरान सतर्कता बरतते हुए लोगों को समय पर सूचना पहुंचाई, जिससे बड़ी जनहानि से बचा जा सका। उन्होंने बताया कि पुलिया को दो दिन बाद अस्थायी रूप से ठीक करवाकर आवागमन सुचारू कर दिया गया।
इसके बाद केंद्रीय दल ने रास्ते में क्षतिग्रस्त आकोली पुलिया का निरीक्षण किया। ग्राम सचिव ने दल के सदस्यों को बताया कि 400 मीटर की इस पुलिया का बड़ा हिस्सा पानी के तेज बहाव से क्षतिग्रस्त हो गया। दल के सदस्य आकोली गांव भी गए और ग्रामीणों से मिले। यहां वे पदमाराम से मिले, जिनके पुत्र नैनाराम की पानी के तेज बहाव में बहने से मृत्यु हो गई थी।
दल के सदस्यों ने परिवारजनों से अब तक मिली मदद के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि नैनाराम की मृत्यु के चौथे दिन ही राज्य सरकार से 5 लाख रुपए की सहायता राशि का चैक प्राप्त हो गया था। दल के सदस्यों को पटवारी ने बताया कि बाढ़ के दौरान यहां 12 मकान गिर गए और एक व्यक्ति की 37 बकरियां बह गईं। वहीं ग्रामवासियों ने बताया कि उन्होंने एक माह पहले ही खेतों में बुवाई की थी, लेकिन पानी का जमाव होने एवं बहाव से पूरी फसल नष्ट हो गई। दल के सदस्योंं ने आकोली के ही जैताराम के क्षत्रिग्रस्त मकान का जायजा लिया।
यहां से दल के सदस्य रानीवाड़ा पहुंचे। उन्होंने यहां पानी के तेज बहाव के कारण खेतों में हुए मिट्टी के भारी कटाव और फसल खराबे का जायजा लिया। दल के सदस्यों ने दईपुर के क्षतिग्रस्त अटल सेवा केन्द्र को देखा और ग्रामीणों से बातचीत कर बाढ़ से पैदा हुए हालातों को उनकी जुबानी जाना।
ग्रामीणों ने बताया कि खेतों में कहीं गड्ढे तो कहीं टीले हो गए हैं जिससे खेत खराब हो गए हैं। साथ ही कुएं और ट्यूबवैल को नुकसान हुआ है। दल के सदस्यों ने उनकी समस्याओं को गंभीरता के साथ सुना और इसके उचित समाधान का भरोसा दिलाया। इस दौरान विधायक श्री नारायण सिंह देवल ने रानीवाड़ा उपखण्ड कार्यालय में केन्द्रीय दल से चर्चा कर क्षेत्र में हुए नुकसान की विस्तृत जानकारी दी।
भ्रमण के दौरान दल के सदस्यों में सांचौर तक रास्ते में आने वाली क्षतिग्रस्त पुलियाओं, सड़कों, रपटों, तथा मकानों को भी देखा। साथ ही उन्होंने जलदाय विभाग, बिजली विभाग एवं अन्य विभागों के आधारभूत ढांचे को बाढ़ से हुए नुकसान का भी जायजा लिया। केंद्रीय दल ने बरसाती पानी से क्षतिग्रस्त हुए सांतरू बांध का निरीक्षण किया।
दांतीवाड़ा विद्युत जीएसएस का जायजा लिया जो पानी के बहाव के साथ पूरी तरह क्षतिग्रस्त होकर बह गया था। दल के सदस्यों ने फालना में विभिन्न स्थानों पर क्षतिग्रस्त नर्मदा नहर को देखा।
अन्त में सांचौर तथा चितलवाना के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर तेतरोल में नर्मदा मुख्य नहर के टूटे हुए बांध एवं रणोदर के आसपास भरे हुए बाढ़ के पानी को देखकर हालत का जायजा लिया।
बाढ़ प्रभावित इलाकों के दौरे के बाद दल के सदस्यों ने कहा कि शीघ्र ही इसकी रिपोर्ट तैयार कर केंद्र सरकार को सौंपी जाएगी और प्रभावितों को जल्द से जल्द सहायता एवं मुआवजा राशि दिलाई जाएगी। उन्होंने कहा कि क्षतिग्रस्त आधारभूत ढांचे को भी शीघ्र दुरूस्त करवाने के प्रयास किए जाएंगे ताकि लोगों को राहत मिल सके और हालात पूरी तरह सामान्य हो सकें।
केंद्रीय दल के साथ भ्रमण के दौरान जिला प्रमुख श्री वन्नेसिंह गोहिल, अतिरिक्त जिला कलेक्टर श्री नरेश बुनकर, उपखण्ड अधिकारी श्री राजेन्द्र सिंह सिसोदिया, श्री हनुमान सिंह, मुरारीलाल शर्मा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी साथ रहे। उन्होंने केंद्रीय दल को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की वस्तु स्थिति से अवगत कराया।
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