- August 3, 2017
बंगाली लडकी से जबरन काम और रेप -शक्तिवाहिनी
झज्जर/एनसीआर(गौरव शर्मा)——-दिल्ली महिला आयोग ने एक घरेलू सहायिका 20 वर्षीय पिंकी(नाम परिविर्तित) को मुक्त किया गया है। आयोग ने अपनी सहयोगी संस्था शक्तिवाहिनी के साथ मिलकर पुलिस को साथ लेकर पटेल नगर के एक घर से रेस्क्यू कराया है। जहां यह यह लड़की तीन महीने से घरेलू सहायिका के तौर पर काम कर रही थी।
मुक्त कराने के बाद लड़की ने बताया कि जिस घर में वह काम कर रही थी उसके मालिक ने उसके साथ कई बार यौन शोषण किया। लड़की ने बताया कि घर में जब परिवार के दूसरे सदस्य बाहर चले जाते थे तब मकान मालिक उसके साथ यौन शोषण करता था।
लड़की ने बताया कि तीन महीने में उसे एक बार भी घर से बाहर नहीं निकलने दिया गया। उसे घर के अंदर ही रखा जाता था और दिन रात काम करवाया जाता था। लड़की ने बताया कि वह दो साल पहले अपनी किसी रिश्तेदार के साथ दिल्ली आयी थी और पहले कई जगहों पर घरेलू सहायिका का काम कर चुकी है। पटेल नगर वाले घर मे वह तीन महीने पहले ही काम करने आयी थी।
लड़की मूल रूप से पश्चिमी बंगाल की रहने वाली है उसे हिंदी नहीं आती है। जिस वजह से एफआईआर करने में देरी हुई । लड़की को शनिवार को मुक्त कराया गया था और उसकी एफआईआर बुधवार को हुई है।
पश्चिमी बंगाल भवन की तरफ से लड़की की बात समझने के लिए ट्रांस्लेटर की व्यवस्था की गई थी जिसके बाद उसके स्टैटमेंट रिकॉर्ड होने के बाद पटेल नगर पुलिस स्टेशन ने मालिक के खिलाफ रेप सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है।
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति जयहिंद ने कहा कि अनुवादक न मिलने की वजह से लड़की के स्टेटमेंट विलम्ब हुई। आयोग ने महिला एवं बाल विभाग को पत्र लिखकर अलग-अलग भाषाओं के अनुवादक अपने पैनल पर लेने के लिए कहा है ताकि भविष्य में अनुवादक की वजह से किसी के स्टेटमेंट रिकार्ड होने में देरी न हो।
उन्होंने बताया इसके अलावा दिल्ली महिला आयोग सभी राज्यो के दिल्ली में स्थित रेजिडेंट कमिश्नर को भी पत्र लिख रहा है कि वो अपने- अपने राज्यो की भाषा के एमपनेल अनुवादक की लिस्ट आयोग को उपलब्ध कराएं ताकि भविष्य में अनुवादक की वजह से किसी केस में देरी न हो सके।