• July 29, 2017

——-दुश्मन चीनी सामान का बहिष्कार ——–शैलेश कुमार

——-दुश्मन चीनी सामान का बहिष्कार ——–शैलेश कुमार

शुभ प्रभात :—

हम एक -एक व्यक्ति यह शपथ लें की चीनी सामान नहीं खरीदेंगे तो स्वत्:चीनी व्यापारी बोरिया -बिस्तर समेट लेंगे।

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हमारी सरकार की साख भी बची रहेगी। अर्थात हींग लगे न फिटकिरी रंग चोखा।

जनता का भी अधिकार है ,वह राष्ट्रहित में उचित कदम उठा कर राष्ट्रवादी सरकार को सहयोग करे।

इस वक्त हम सरकार को चीनी मुद्दा पर, बहिष्कार के हथियार से साथ दे सकते है।

हम जानते है की चीन एशिया और दक्षिण एशिया में सबसे बड़ा जहरीला नाग है।

वह नाग ही नहीं तक्षक नाग है ,जिसके फूंक मारने से आदमी मृत प्राय हो जाता है।

अगर हमें पकिस्तान पर शिकंजा कसना है तो हम चीनी व्यापारियों का आँख मूँद बहिष्कार करें। जहाँ तक सम्भव है हम चीनी बाजार के सीमा को घूर कर न देखे।

गांव ,टोले ,वार्ड स्तर पर टीम बनाना चाहिए। इस टीम का काम होगा -घर -घर जाकर चीनी करतूतों को बताना और सामान न खरीदने का विनती करना।

किसी भी बुरे या आहत शब्दों का उपयोग न करना।

हम जानते है की चीनी सामान बहुत ही सस्ता होने के कारण देश के एक बहुत बडा समूह उपयोग कर रहा है लेकिन यह समूह राष्ट्र के खतरों से समझौता नहीं कर सकते हैं क्योंकि इन्हीं समूहों के घर से सीमा पर बेटा खडा है।

जो राष्ट्र कि रक्षा के लिये बेटा को बलिदान दे सकते हैं उन्हें दुश्मन देशों के सामान त्यागने में कितना समय लगेगा ?

सिर्फ चीनी करतूतों को बताना है,फिर देखिये भारत के लोग किस तरह सतर्क होते है।
किसी भी तरह का शोर नहीं मचाना है। मीडियाबाजी नहीं करना है। करना है सिर्फ लोगो को चीनी हरकतो को बताना है।

फिर देखिये डोकलाम से उल्टे पाँव भाग जाएगा। हम चीन को शक्ति से नहीं व्यापार और उसके मित्रों के घिराव से परास्त कर सकतें है।

मित्रों को तो हमारे राष्ट्रवादी प्रधानमंत्री घेर चुके है अब हम सब नागरिकों का राष्ट्रीय कर्तव्य है की उसके सामान का बहिष्कार करे। अर्थात नागरिक आर्थिक प्रतिबंध।

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