गर्भवती महिलाओं से एचआईवी एड्स की जाँच कराने की अपील

गर्भवती महिलाओं से एचआईवी एड्स की जाँच कराने की अपील

रायपुर——- स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने गर्भवती महिलाओं से एचआईवी एड्स की जाँच कराने की अपील की हैं। जिससे जन्म लेने वाले षिषु एचआईवी मुक्त पैदा हो सकें। इसी तारतम्य में राज्य सरकार द्वारा प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत प्रत्येक माह की नौ तारीख को सभी सरकारी अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं की एचआईवी जाँच निःषुल्क कराएं जा रहे हैं।

संचालक स्वास्थ्य सेवाएं श्रीमती रानू साहू ने आज यहां बताया कि सभी गर्भवती महिलाओं की एचआईवी जांच जरूरी है। गर्भवती महिलाओं को एचआईवी का संक्रमण होने की स्थिति में भी डरने की बात नही हैं। बच्चे को एचआईवी संक्रमण मुक्त करने के लिए जाँच व परामर्ष केन्द्र में जाकर जाँच एवं उपचार करा सकते हैं। जाँच केन्द्रों में एचआईवी की दवाईयां निःषुल्क प्रदान की जाती है।

उन्होंने बताया कि षासकीय अस्पताल में गर्भवती माताओं को सर्वप्रथम अपना पंजीयन कराकर सभी जाँचों के साथ एचआईवी की भी जाँच अवष्य करानी चाहिए। प्रथम जांच में ही एचआईवी का संक्रमण पता चलने से गर्भवती माताओं को एआरटी से लिंक करते हुए दवाई दी जाती हैं।

षासकीय अस्पताल में एचआईवी संक्रमित गर्भवती माता का प्रसव पष्चात् बच्चे को जन्म से छह सप्ताह तक नेवरापिन का सिरप देकर बच्चे को संक्रमण मुक्त किया जा सकता है। इस दौरान माता षिषु को केवल स्तनपान करा सकती हैं। इससे बच्चा स्वस्थ और तंदरूस्त रहता है।

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2016-17 में तीन लाख 93 हजार 475 गर्भवती माताओं की एचआईवी जांच की गई। जिसमें 232 गर्भवती महिलाएं एचआईवी संक्रमित पाई गई। गर्भवती माताओं को जाँच एवं परामर्ष केन्द्र से निःषुल्क दवा दी गई।

शासकीय अस्पताल में 219 माहिलाओं का प्रसव कराया गया, इनमें 213 महिलाओं ने एचआईवी मुक्त बच्चे को जन्म दिया। अधिकारियों ने बताया कि प्रदेष में 125 एकीकृत जँाच एवं परामर्ष केन्द्र/आईसीटीसी केन्द्र तथा पांच स्थानों में पीपीटीसीटी सेंटर संचालित किये जा रहे हैं। जहां पर गर्भवती माताओं की निःषुल्क एचआईवी जांच किये जा रहे हैं। सभी एचआईवी संक्रमित गर्भवती माताओं को एआरटी की दवा लेना अनिवार्य है।

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