- July 22, 2017
महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी कैंप ०००००बिजली दर की बढ़ोतरी जेब कटौती
झज्जर/ बहादुरगढ़ (पत्रकार गौरव शर्मा)—उपमंडल विधिक सेवा समिति के तत्वावधान में उपमंडल के गांव नूना माजरा में महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के अंतर्गत कार्यरत महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करने के लिए विशेष कैंप का आयोजन किया गया।
शिविर में पैनल एडवोकेट प्रवीन राठी, एडवोकेट प्रदीप कादयान, एडवोकेट चांद जून,पीएलवी पवन, खंड विकास एवं पंचायत कार्यालय से सोमबीर तथा उपमंडल विधिक सेवा समिति के सदस्य सत्येंद्र दहिया ने मनरेगा के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
शिविर में उपस्थित सभी जनों को संबोधित करते हुए समिति सदस्य सत्येंद्र दहिया ने कहा कि मनरेगा भारत में लागू एक रोजगार गारंटी योजना है, जिसको भारत के सभी जिलों में लागू कर दिया गया हैं। उन्होंने बताया कि मनरेगा ग्रामीण विकास और रोजगार के दोहरे लक्ष्य को प्राप्त करता है। इसमें कार्यरत लोगों को भूमि समतल, वृक्षारोपण जैसे कार्य प्रदान किये जाते हैं।
शिविर में एडवोकेट प्रवीन राठी, एडवोकेट प्रदीप कादयान तथा बीडीपीओ कार्यालय से सोमबीर ने भी मनरेगा तथा विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी। ग्राम प्रधान मंजीत सिंह ने शिविर में आये सभी अतिथियों का स्वागत एवं धन्यवाद किया।
इस अवसर पर ह्यूमन सोसायटी के चैयरमैन भारत नागपाल सहित काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहें।
बिजली दर की बढ़ोतरी जेब कटौती –बहादुरगढ़ कांग्रेस पंचायती राज प्रकोष्ठ के महासचिव सतपाल राठी ने कहा कि बिजली की दरों में बढ़ोतरी करके लोगों की जेबों पर ढाका डालने जैसा कार्य किया जा रहा है क्योंकि प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर की सरकार हर तीन महीने में कोई न कोई नया बहाना बनाकर लोगों के ऊपर बोझ डालने का कार्य कर रही है। इससे लोग अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं और सरकार को जमकर कोस रहे हैं। ।
उन्होंने कहा कि जर्जर लाइनों व ओवर लोड ट्रांसफार्मरों की कोई सुध नहीं ली जा रही। दिन-रात लोगों को परेशानी झेलनी पड़ती है। लेकिन सरकार बिजली की दरों में बढ़ोतरी कर अपनी पीठ थपथपा रही है।घरेलू कनेक्शन 725 रूपए महंगा कर उपभोक्ताओं की जेब पर 35 से 50 पैसे यूनिट के हिसाब से नया बोझ लाद दिया है।
हुड्डा शासनकाल में बिजली के 4 प्लांट लगे थे और लोगों को दिन-रात पर्याप्त बिजली मिलती थी। यही नहीं सरप्लस थी लेकिन अब दो प्लांट बंद कर दिए, जो चल रहे हैं उनसे पूरी बिजली नहीं दी जा रही बल्कि दिल्ली को दे दी है।