- July 15, 2017
वन महोत्सव का उद्घाटन– लगभग 14,683 वर्ग किलोमीटर का हरित क्षेत्र
शिमला—–मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह ने कुल्लू जिले के पिरडी में देवदार का पौधा रोप कर 68वें वन महोत्सव का उद्घाटन किया। इस अवसर पर वन मंत्री श्री ठाकुर सिंह भरमौरी भी मुख्यमंत्री के साथ थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब वह पहली बार वर्ष 1983 में प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तो राज्य में वन माफिया सक्रिय था। उन्होंने प्रदेश में जंगलों को बचाने के लिए पेड़ों के काटने पर प्रतिबंध लगाया। हालांकि इस विषय में काफी विरोध किया गया, लेकिन एक लम्बे संघर्ष के उपरांत कांग्रेस सरकार ने वन माफिया की गतिविधियों पर रोक लगाने में सफलता हासिल की।
उन्होंने कहा कि बहुत समझाने के बाद लोगों को फल, विशेषकर सेब की पैकिंग के लिए गत्ते के बक्सों का प्रयोग करने के लिए मनाया गया। यह निर्णय पेड़ों को काटने से बचाने के लिए लिया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2015 में देहरादून स्थित भारत वन अनुसंधान संस्थान द्वारा करवाए गए सर्वेक्षण के अनुसार वन क्षेत्र में 13 वर्ग किलोमीटर की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वर्तमान में प्रदेश में लगभग 14,683 वर्ग किलोमीटर का हरित क्षेत्र है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में औषधीय पौधों के पौधरोपण को भी प्रोत्साहित किया है। गत साढ़े चार वर्षों के दौरान राज्य में 1.33 करोड़ औषधीय पौधों तथा जड़ी-बूटियों को लगाया गया तथा वर्ष 2017-18 में 35 लाख और औषधीय पौधों को रोपने करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अतिरिक्त, ग्रीन कवर को बढ़ाने के लिए चैड़े पत्तों वाले व फलदार पौधों सहित 48 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में पौधरोपण किया गया।
वन मंत्री श्री ठाकुर सिंह भरमौरी ने कहा कि लोगों की सुविधा के लिए इमारती लकडी (टीडी) नीति को संशोधित किया गया है तथा 26 दिसम्बर, 2013 को इसे अधिसूचित किया गया है, ताकि लोगों को गृह निर्माण कार्य के लिए पर्याप्त मात्रा में इमारती लकड़ी प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि टीडी अधिकार धारकों को 15 वर्ष में एक बार गृह निर्माण के लिए तथा पांच वर्ष में एक बार मुरम्मत के लिए इमारती लकड़ी देने का प्रावधान है।
प्रधान मुख्य अरणयपाल श्री जी.एस. गोरेया ने मुख्यमंत्री व अन्य गणमान्यों का स्वागत किया तथा विभाग की विभिन्न गतिविधियों बारे जानकारी दी।