- July 12, 2017
सहकारी केन्द्रीय बैंकों का अपेक्स बैंक में होगा विलय
रायपुर—-किसानों के हित में रमन सरकार ने एक बड़ा और ऐतिहासिक फैसला लिया है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्य के सभी सहकारी बैंकों को पुनर्गठित कर एक बड़ा राज्य सहकारी बैंक बनाने का का सैद्धांतिक निर्णय लिया गया। इस निर्णय के तहत प्रदेश के सभी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों का संविलियन राज्य सहकारी बैंक (अपेक्स बैंक) में किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा – छत्तीसगढ़ के किसानों के हित में यह एक बड़ा आर्थिक सुधार होगा। सहकारी बैंक मुख्य रूप से किसानों का बैंक माना जाता है। इन बैंकों द्वारा अपने ऋण वितरण की 90 प्रतिशत से ज्यादा राशि किसानों के हित में कृषि क्षेत्र में वितरित की जाती है।
किसानों को ऋण देने और धान की उपज के भुगतान में सहकारी बैंकों की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए आज यह सैंद्धातिक फैसला किया गया। इस निर्णय से अब छोटे-छोटे जिला सहकारी बैंकों का राज्य सहकारी बैंक में संविलियन किया जा सकेगा। इसके फलस्वरूप वित्तीय रूप से एक अधिक सुदृढ़ बैंक बनाने का मार्ग प्रशस्त होगा। सहकारी बैंकों की प्रदेश में कुल 264 शाखाएं पूर्ववत काम करती रहेंगी, लेकिन ये शाखाएं एक शेड्यूल्ड सहकारी बैंक के रूप में अपनी सेवाएं देंगी।
मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने कहा- राज्य सरकार के इस निर्णय से किसानों और ग्राहकांे को व्यापक लाभ होगा। किसानों के ऋणों पर ब्याज दरों में 1.5 से 2 प्रतिशत तक कमी आएगी। इसका सीधा लाभ राज्य सरकार को ब्याज अनुदान में 40 से 50 करोड़ रूपए की वार्षिक बचत के रूप में होगा। किसानों से ली जाने वाली अंशपूंजी की राशि में भी 5 प्रतिशत तक कमी लायी जा सकेगी।
किसानों को आधुनिकतम बैंकिंग सुविधाएं ग्रामीण क्षेत्रों में ही प्राप्त हो सकेंगी। एटीएम और माइक्रो एटीएम सेवाओं का विस्तार संभव हो सकेगा। सहकारी बैंकों के किसान राज्य भर में स्थित किसी भी शाखा से अपने खातों में लेन-देन कर सकेंगे। उन्हें जल्द ही मोबाईल बैंकिंग और इंटरनेट बैंकिग जैसी सुविधाएं दी जा सकेंगी।
डॉ. रमन सिंह ने बताया -संविलयन के बाद बैंक की कार्यशील पूंजी 10 हजार करोड़ रूपए से भी अधिक होगी। बैंक के पास किसानों को ऋण वितरण के लिए अधिक धनराशि उपलब्ध होगी। इसके अलावा राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) से सस्ती दर पर अधिक पुर्नवित्त सुविधा प्राप्त होगी।
शासकीय अमानतें भी सहकारी बैंक को प्राप्त होने लगेगी। जिन क्षेत्रों में नई शाखा खोलने की जरूरत है, वहां ज्यादा संख्या में नई शाखाएं खोली जा सकेंगी। मध्यकालीन और दीर्घकालीन ऋण वितरण में भी तेजी आएगी।
उल्लेखनीय है कि इस प्रकार का बड़ा आर्थिक सुधार करते हुए भारतीय स्टेट बैंक में भी हाल ही में चार बैंकों का विलय हुआ है और राज्य में 05 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को मिलाकर छत्तीसगढ़ ग्रामीण बैंक का भी गठन किया गया है।