समीक्षा बैठक—नयी खनन नीति से सभी को फायदा – खान मंत्री

समीक्षा बैठक—नयी खनन नीति से  सभी को फायदा – खान मंत्री

जयपुर———खान राज्य मंत्री श्री सुरेन्द्रपाल सिंह टी.टी. ने कहा कि खनन संबंधी नई नीति लागू होने से राजस्थान सरकार ही नही बल्कि आमजन को भी अधिक फायदा होगा।

श्री टी.टी ने उदयपुर में खान निदेशालय सभागार में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे । उन्होंने कहा कि नई खनन नीति में ज्यादा से ज्यादा छोटे प्लाट आवंटित किये जायेंगे, जिससे आमजन को अधिक रोजगार मिलेगा।

खान मंत्री ने कहा कि राजस्थान राज्य में कुल 81 प्रकार के खनिज पाये जाते हैं जिनमें से 57 खनिजों का दोहन किया जा रहा हैं। खनन कार्य से राजस्थान में संचालित 34 हजार खनन पट्टों से लगभग 35 लाख लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्राप्त हो रहा हैं। राजस्थान राज्य की जी.डी.पी. खनन का योगदान 7 प्रतिशत हैं एवं राज्य को प्राप्त होने वाले राजस्व में खनन का योगदान तीसरे स्थान पर आता हैं ।

राजस्थान राज्य में कुल खनन पट्टों का 1/3 भाग उदयपुर जोन में आता हैं । विगत 2 वर्षो से खनन संबंधी में गतिविधियों में रोक होने से राज्य में खनन उधोग में राज्य का विकास रूका हुआ हुआ था, उसको बढावा देने के लिये राज्य सरकार द्वारा नई खनन नीति के अन्तर्गत राजस्थान राज्य अप्रधान खनिज रियायत नियमावली 2017, 1 मार्च, 2017 को अधिसूचित की गई । नियमावली में खनन संबंधी समस्याओं को दूर करने को प्राथमिकता दी गई हैं ।

राज्य मे इस वर्ष 3000 (1600 रक्षित मंशा पत्र व 1400 नये प्लाट) एवं अगले वित्तीय वर्ष में 3000 (नये प्लाट) खनन पट्टे आवंटित करने का लक्ष्य रखा गया हैं। जनजाति क्षेत्रों में खनिज मेसेनरी स्टोन के खनन पट्टों के आवंटन की प्रक्रिया में जनजाति क्षेत्र के लोगों को 1/3 प्लॉट आवंटित करने एवं खनिज बजरी के प्लाट स्थानीय जनजाति समितियों का आवंटन करने का प्रावधान नई खनिज नियमावली के अन्तर्गत किया गया हैं जिससे जनजाति क्षेत्र के लोगों का विकास हो सकेगा ।

खान मंत्री ने कहा कि सरकार की पहल पर खान विभाग को भविष्य में पूर्ण पारदर्शी बनाने के साथ ही पेपरलेस किये जाने पर विशेष ध्यान दिया जायेगा । उन्होने कहा कि सभी खनन पट्टो का आवंटन व आवेदन भविष्य में ऑन लाईन ही किया जायेगा व अधिक पारदर्शिता लाने के लिये सभी आवंटन ई-ऑक्शन द्वारा ही किये जायेगें ।

उन्होने पूर्व में किये गये ई-ऑक्शन का हवाला देते हुए कहा कि अब तक खान विभाग द्वारा 3 लाईमस्टोन के ब्लॉक्स का आंवटन ई-ऑक्शन के माध्यम से किया जा चुका हैं। जिससे कुल 17,400 करोड के राजस्व प्राप्त होने का अनुमान हैं । निकट भविष्य में खनिज लाईमस्टोन के 8 नये ब्लॉक्स बनाकर ई-आक्शन के माध्यम से नीलामी की जायेगी ।

विभाग की गत वर्ष की आय का लक्ष्य 4200 करोड था जिसके विरूद्व विभाग ने 4233 करोड रुपये का राजस्व प्राप्त किया । इस वर्ष भी 5200 करोड का लक्ष्य रखा गया हैं। निकट भविष्य में ई-रवन्ना, ई-मासिक रिटर्न व ई-वार्षिक रिटर्न के माध्यम से समस्त कार्य निष्पादित किये जायेगें ।

श्री टी.टी ने कहा कि अवैध खनन की रोकथाम के लिये सूचना प्रौधोगिकी का उपयोग कर अवैध खनन के स्थानो को चिन्हित किया जाना विभाग की प्राथमिकता हैं । साथ ही अवैध खनन की गतिविधियो पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिये विभाग द्वारा 500 आर.ए.सी. जवानों को विभाग के कर्मचारियो की सुरक्षा के लिये लगाया गया हैं ।

अवैध खनन पर जुर्माने को भी नई खनिज नियमावली में बढाया गया हैं, जिससे कि अवैध खननकर्ताओ पर अंकुश लगाया जा सकें । उन्होने कहा कि बीते वर्ष में विशेष अभियान चलाकर 14000 प्रकरण विभाग द्वारा बनाये गये तथा 2200 प्रकरणो में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गई तथा अन्य में जुर्माना वसूल किया गया ।

राजस्थान अप्रधान खनिज ई-ऑक्शन 2017 प्रथम चरण उद्घोषणा—खान मंत्री ने कहा कि माह जुलाई-अगस्त 2017 तक ई-ऑक्शन द्वारा 100 खनन पट्टे आवंटित किये जायेगें। प्रथम चरण में 4 जिले जयपुर, सीकर, भरतपुर एवं भीलवाडा चिन्हित किये गये हैं। यहां विविध प्रकार के खनिज चेजापत्थर, फेल्सपार, क्वार्टज तथा सैण्डस्टोन आदि पाये गये हैं। खनिज नियमावली 2017 के मुख्य बिन्दुओ पर प्रकाश डालतेे हुए खान मंत्री ने कहा कि राज्य में खनिज बजरी के तथाकथित एकाधिकार को समाप्त कर खनिज बजरी के छोटे प्लॉटस बनाकर ई-ऑक्शन के माध्यम से खनन पट्टे आवंटित किये जायेगें जिससे अधिक लोग बजरी खनन में भाग ले सकेगें।

खातेदारी भूमि से निकलने वाले खनिज जिप्सम का नियमानुसार खनन करने के लिये खातेदारों को अनुज्ञप्ति संबंधित जिला कलक्टर की अध्यक्षता वाली समिति के माध्यम से जारी की जायेगी ।

खनिज नियमावली 2017 में किये गये प्रावधानों में संशोधन की जानकारी भी खान मंत्री द्वारा दी गई, जिसमें मुख्य रूप से खनन पट्टे के स्थिर भाटक में कमी, तैयार ईंट पर लगने वाले रॉयल्टी नाकों की स्थापना सम्बन्धित नियमों को वापस लेना, परिवार में होने खनन पट्टा हस्तानान्तरण पर प्रीमियम शुल्क की कमी एवं अप्रधान खनिज के पूर्व प्रावधानों से जारी मंशा-पत्रों को पुनः सुरक्षित करना आदि सम्मिलित हैं ।

खान विभाग की संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक –खान राज्यमंत्री श्री सुरेंद्रपाल सिंह टीटी ने शुक्रवार को खान विभाग सभागार में उदयपुर जोन के खान अधिकारियों के कार्यों की प्रगति की समीक्षा बैठक में ऋषभदेव बांसवाड़ा चित्तौड़गढ़, सलूंबर बिजोलिया, राजसमंद व उदयपुर के माइनिंग इंजीनियर व अधिकारियों की समस्त समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की व निर्देश प्रदान किए ।

बैठक में खान निदेशालय उदयपुर के निदेशक डॉ. डी एस मारु उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि अरावली क्षेत्र को छोड़कर अन्य सभी स्थानों पर प्लॉट्स बनाए जाएंगे। खान मंत्री ने कहा कि सरकारी भूमि में जितने भी प्लॉट्स नई खनन नीति के अनुसार बन सकते हैं उन्हें भविष्य में शीघ्र बनाया जाएगा तथा टेक्निकल स्टाफ की कमी को भी पूरा कर लिया जाएगा।

उन्होंने अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि नए प्लॉट्स की डिटेलिंग जल्द करें व नए नियमों में संशोधन की जानकारी सबको दी जाए। मैपिंग का कार्य शीघ्रतापूर्वक करवाकर वेबसाइट पर अपलोड किया जाए। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी राजस्व लक्ष्यों का ध्यान रखें व रिकवरी पर भी पूरा जोर लगायें।

उन्होंने कहा कि ट्रेनिंग देकर ऑक्शन की प्रक्रिया सभी खनन पट्टाधारकों को समझाई जाएगी ।उन्होंने सभी अधिकारियों को अपने अपने क्षेत्र में अवैध खनन पर नजर रखने व कार्यों को गति देने के निर्देश दिए, साथ ही सूचनाएं समय पर भिजवाने ऑक्शन संबंधित अलॉटमेंट पर ध्यान देने के निर्देश दिए।

अतिरिक्त निदेशक भूविज्ञान डी के पोरवाल ने बताया कि मिनरल इन्वेंटरी 33 जिलों में से 32 जिलों की बन गई है व उसे एडिशनल डायरेक्टर जयपुर के पास सबमिट कर दिया गया है। उदयपुर की मेल इन्वेंटरी सोमवार 10 जुलाई को प्रस्तुत की जाएगी।

उन्होंने कहा कि इससे लैंड स्टेटस वह लीज के विषय में पूरी सूचना मिल जाएगी तथा जो खनिज क्षेत्र खाली पड़े हैं उनके संबंध में भी सूचना मिल सकेगी। इससे भविष्य में छिद्रण कार्य करके भंडार प्रमाणित कर नये क्षेत्रों में खनन पट्टेआवंटित किए जा सकेंगे। बैठक में संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

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