• June 24, 2017

देश की उन्नति में सहयोग करना ही राष्ट्रधर्म – केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री

देश की उन्नति में सहयोग करना ही राष्ट्रधर्म – केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री

जयपुर———–केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री श्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि देश के हित और उन्नति में सहयोग करना ही राष्ट्रधर्म है। हम स्वच्छता, समय पर कर अदायगी, नियमों का पालन और अपने राष्ट्र के प्रति अटूट श्रृद्धा का प्रदर्शन कर भी राष्ट्रधर्म का पालन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत दुनियां की सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनने की और अग्रसर है।

अजमेर के जवाहर रंगमंच पर शुक्रवार को श्री सुन्दरसिंह भण्डारी चेरिटेबल ट्रस्ट उदयपुर द्वारा स्व. सुन्दरसिंह भण्डारी की 12वीं पुण्य तिथि के अवसर पर व्याख्यान माला एवं विशिष्टजन सम्मान समारोह में बोलते हुए केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री श्री अर्जुनराम मेघवाल ने विविध उदाहरणों से राष्ट्रवाद और नागरिकों के कर्तव्य विषय पर प्रकाश डाला।

उन्होंने स्वामी विवेकानंद का उदाहरण देते हुए कहा कि पश्चिमी देशों में कपड़ों के आधार पर व्यक्ति को जेंटलमैन या सुसभ्य माना जाता है। हमारे यहां संस्कार और चरित्र व्यक्ति को जेंटलमैन बनाते हैं।

श्री मेघवाल ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने 19 वीं शताब्दी में यह आभास कर लिया था कि आने वाले समय में भारत विश्व की सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति होगा। उस समय ब्रिटिश पत्रकारों ने उनकी सोच का उपहास किया हो लेकिन आज देश इसी दिशा में आगे बढ़ रहा है। शीघ्र ही हम विश्व की आर्थिक महाशक्ति होंगे। आज पूरा विश्व योग का लोहा मान रहा है और भारतीय योग का सम्मान कर रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रत्येक भारतीय राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्य का पालन करें, स्वच्छता में सहयोग करें और अपनी संस्कृति के प्रति सम्मान व्यक्त करें। यही राष्ट्रधर्म का पालन है। उन्होंने सांस्कृतिक राष्ट्रवाद पर जोर देते हुए कहा कि हम अपनी संस्कृति पर गर्व करना सीखें।

कार्यक्रम में गृह मंत्री श्री गुलाब चन्द कटारिया ने कहा कि त्याग और समर्पण से ही देश मजबूत होगा। राष्ट्रधर्म और कर्तव्यों का पालन करने के लिए हमें महान विचारकों के जीवन से पे्ररणा लेकर आगे बढ़ना चाहिए।

कार्यक्रम में शिक्षा एवं पंचायतीराज राज्यमंत्री श्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि देश को आगे बढ़ाना और मजबूत करने के लिए हमें राष्ट्रधर्म का पालन करना होगा। वर्तमान पीढ़ी भोग और भौतिकता की ओर आकर्षित है, हमें युवाओं को अपनी संस्कृति से रूबरू कराना होगा। उन्होंने कहा कि संस्कृति की ओर युवाओं का रूख मोड़ने के लिए शिक्षा सर्वाधिक उपयुक्त माध्यम है। उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम में बदलाव कर युवाओं को संस्कृति और राष्ट्र नायकों से परिचित करवाया है।

श्री देवनानी ने कहा कि राज्य के पाठ्यक्रम में 200 से अधिक वीर वीरांगनाओं, संतों, लोक नायकों, देश के अमर शहीदों और विचारकों का पाठ जोड़े गए हैं। यह सभी महान व्यक्तित्व युवाओं को भौतिकतावादी सोच से परे राष्ट्रधर्म से जोड़ने में सहायक सिद्ध होंगे। समाज में आयी विकृतियों को दूर करने में भी यह बदलाव सकारात्मक नतीजे दिखा रहा है।

कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिता भदेल, राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री औंकार सिंह लखावत, महापौर श्री धर्मेन्द्र गहलोत, अजमेर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री शिवशंकर हेड़ा, श्री रासासिंह रावत, श्री श्रीकिशन सोनगरा, उप महापौर श्री सम्पत सांखला सहित अनेक जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

Related post

द्वितीय चरण : 88 लोकसभा सीट:  60.96 प्रतिशत मतदान

द्वितीय चरण : 88 लोकसभा सीट: 60.96 प्रतिशत मतदान

PIB Delhi. —– आम चुनाव 2024 के दूसरे चरण के मतदान के तहत 88 लोकसभा सीटों…
तर्कहीन बयानों से जूझती चुनावी राजनीति

तर्कहीन बयानों से जूझती चुनावी राजनीति

तर्कहीन बयानों से जूझती चुनावी राजनीति भ्रमित होते आम मतदाता किस पर करे विश्वास ——–  सुरेश…
VVPAT पर्चियों के 100% सत्यापन की याचिका खारिज  : सुप्रीम कोर्ट

VVPAT पर्चियों के 100% सत्यापन की याचिका खारिज : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने 24 अप्रैल को मतदाता सत्यापन योग्य पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) पर्चियों के साथ…

Leave a Reply