- June 9, 2017
गर्भवती माताएं प्रथम तिमाही में अपना पंजीयन कराने में मध्यप्रदेश, झारखंड, उड़ीसा से आगे
रायपुर————छत्तीसगढ़ में गर्भवती माताएं प्रथम तिमाही में अपना पंजीयन कराने में मध्यप्रदेश, झारखंड, उड़ीसा से बेहतर है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-4 में दिए रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ की गर्भवती माताएं प्रथम तिमाही में अपना पंजीयन और प्रसव पूर्व जांच कराने में हमेशा आगे रहती हैं।
रिपोर्ट के अुनसार प्रदेश की गर्भवती माताओं की पंजीयन 70.8 प्रतिशत हैं, जबकि अन्य राज्यों – मध्यप्रदेश में 53.1 प्रतिशत, झारखंड में 52 प्रतिशत और उड़ीसा में 64.1 प्रतिशत है जो छत्तीसगढ़ से कम हैं। छत्तीसगढ़ की गर्भवती माताओं का पंजीयन राष्ट्रीय औसत 58.6 प्रतिशत से 12.2 प्रतिशत अधिक है।
संचालक स्वास्थ्य सेवाएं श्री आर. प्रसन्ना ने आज यहां बताया कि गर्भवती माताएं प्रसव पूर्व चार बार जांच-गर्भावस्था में रक्ताल्पता, पूर्ण टीकाकरण (0 से 1 वर्ष), 6 माह तक पूर्ण स्तनपान तथा बच्चों में एनीमिया (6 से 59 माह तक के बच्चों में) भी मध्यप्रदेश, झारखंड, उड़ीसा सहित राष्ट्रीय औसत से बेहतर स्थिति में है ।
गर्भवती माताओं की प्रसव पूर्व जांच रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ में 59.1, मध्यप्रदेश में 35.7, झारखंड में 30.3, उड़ीसा में 62 तथा राष्ट्रीय स्तर पर 51.2 प्रतिशत है। गर्भावस्था में रक्ताल्पता जांच में छत्तीसगढ़ में 41.5, मध्यप्रदेश में 54.6, झारखंड में 62.6, उड़ीसा में 47.6 तथा देश में 50.3 प्रतिशत है।
बच्चों में 0 से 1 वर्ष तक में पूर्ण टीकाकरण में छत्तीसगढ़ में 76.4 प्रतिशत, मध्यप्रदेश में 53.6, झारखंड में 61.9, उड़ीसा में 78.6 तथा देश में 62 प्रतिशत है।
छह माह तक के पूर्ण स्तनपान जांच में छत्तीसगढ़ 77.2, मध्यप्रदेश में 58.2, झारखंड में 64.8, उड़ीसा में 65.6 तथा देश में 54.9 प्रतिशत है।
6 से 59 माह तक के शिशु जांच में छत्तीसगढ़ में बच्चों में एनीमिया 41.6 प्रतिशत, मध्यप्रदेश में 68.9, झारखंड में 69.9, उड़ीसा में 44.6 तथा देश में 58.4 प्रशित है।