- May 2, 2017
उदय योजना–बिजली उपभोक्ताओं को राहत और चोरों को सजा का पैकेज
चंडीगढ़———— हरियाणा सरकार द्वारा अपनाई गई उदय योजना के तहत प्रदेश में बिजली विभाग द्वारा अनेक योजनाएं अमल में लाई जा रहीं हैं।
बिजली चोरी पकडऩे का अभियान भी इनमें शामिल है, बिजली वितरण निगमों के आप्रेशन व विजीलैंस विंग ने गत दो दिन में प्रदेश भर के 504 सरकारी आवासीय परिसरों में छापेमारी की और कुल 343 बिजली चोरी के मामले सामने आए, जिन पर 88.78 लाख रुपए जुर्माना लगाया गया है तथा 330 मीटरों को संशय के आधार पर पैक भी किया गया है।
निगम के प्रवक्ता ने बताया कि बिजली चोरी में सम्मिलित उक्त कर्मचारियों पर बिजली अधिनियम के तहत जुर्माने के साथ साथ विभागीय कार्रवाई करने के लिए संबंधित विभाग को लिखा जाएगा।
उन्होंने बताया कि उत्तर हरियाणा के सर्कल अंबाला में 14.60 लाख रुपए की चोरी पकड़ी गई, जबकि सर्कल यमुनानगर में 0.52, पानीपत में 2.89, सोनीपत में 2.23, रोहतक में 2.26, कुरुक्षेत्र में 0.58, कैथल में 9.51, करनाल में 1.95 और झज्जर सर्कल में कुल 3.93 लाख रुपए की बिजली चोरी पकड़ गई।
दक्षिण हरियाणा के सर्कल जींद में 4.81 लाख रुपए की बिजली चोरी पकड़ी गई, जबकि फरीदाबाद में 10.86, हिसार में 7.58, सिरसा में 0.81, भिवानी में 4.32, गुरुग्राम-1 में 8.37, गुरुग्राम-2 में 1.75, नारनॉल में 5.08, रेवाड़ी में 3.45, और पलवल सर्कल में कुल 3.28 लाख रुपए की बिजली चोरी पकड़ी गई।
उन्होंने बताया कि हरियाणा के मुख्यमंत्री द्वारा बिजली उपभोक्ताओं के लिए ‘‘स्वैच्छिक घोषणा योजना-2017’’ पुन: आरम्भ कर दी गई है। इस योजना के तहत ऐसे उपभोक्ता जिनके बिजली मीटर खराब हैं या उनमें छेड़छाड़ की गई है, वे स्वयं मीटर खराब होने अथवा छेड़छाड़ की घोषणा करके बिना किसी जुर्माने के साधारण बिल राशि का भुगतान करने पर नया मीटर लगवा सकते हैं।
‘‘स्वैच्छिक घोषणा योजना-2017’’ यह योजना 20 किलोवाट तक के होल करंट मीटर वाले सभी उपभोक्ताओं के लिए शुरु की जा रही है। स्वैच्छिक घोषणा योजना-2017 तुरंत प्रभाव से लागू कर दी गई है तथा यह 31 मई तक प्रभावी रहेगी।
वर्ष 2016 में राज्य सरकार द्वारा यह योजना शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में 5 किलोवाट लोड़ तक के सभी उपभोक्ताओं के शुरु की गई थी, जिसके उत्साहजनक परिणाम रहे थे। इसी लिए अब इस योजना को 20 किलोवाट तक के उपभोक्ताओं के लिए भी शुरु किया जा रहा है।
इस योजना के तहत उपभोक्ताओं द्वारा खराब व छेड़छाड़ किए हुए मीटरों की स्वयं जानकारी देने के बाद उपभोक्ता को साधारण बिल राशि के भुगतान के साथ-साथ इम्पैनल्ड फर्म से खरीदा हुआ मीटर भी उपलब्ध करवाना होगा।
बिल राशि व नया मीटर जमां करवाने के उपरांत उपमंडल अधिकारी द्वारा इस मीटर को एम एंड टी लैब से टैस्ट करवाकर तीन दिन के अंदर लगा दिया जाएगा। ऐसे उपभोक्ताओं से सामान्य दरों पर स्वीकृत लोड/एम.डी.आई. के आधार पर अधिकतम पिछले एक वर्ष के बिजली के बिलों की वसूली की जाएगी और बिजली अधिनियम-2003 के प्रावधानों के अंतर्गत दोगुनी दरोंं व कम्पाउंडिंग राशि की वसूली से छूट मिलेगी। जिन उपभोक्ताओं के मीटर संशय के आधार पर परिसरों से उतार लिए गए हैं परंतु उनके मीटर का अभी तक लैब टैस्ट नहीं हुआ है, वे भी स्वयं घोषणा करके इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
यदि कोई उपभोक्ता इस योजना संबंधी उप-मण्डल अधिकारी के निर्णय से संतुष्ट नहीं है तो वह सम्बंधित कार्यकारी अभियन्ता के पास अपील कर सकता है। इस अपील पर तीन कार्य दिवसों के अंदर-अंदर निर्णय होगा। उन्होंने आगे बताया कि इस योजना से न केवल विभाग को लाईन लॉस कम करने में मदद मिलेगी बल्कि निगम के राजस्व में भी वृद्धि होगी।
उन्होंने प्रदेश के सभी बिजली उपभोक्ताओं से आग्रह किया कि वे ज्यादा से ज्यादा इस योजना में शमिल हों और सरकार के पूरे प्रदेश को 24 घंटे बिजली आपूर्ति देने के लक्ष्य को साकार करने में सहायक बनें व सरकार की अन्य योजनाओं का भी लाभ उठाएं।
सरकारी विभागों और निगमों में कार्यरत सभी कर्मचारी मीटरों को स्वयं घोषणा करके नए मीटर लगवाएं व सरकार की इन योजनाओं को कामयाब बनाने के लिए अपना पूरा समर्थन दें। इस योजना की अवधी खत्म होने के बाद व्यापक स्तर पर चैकिंग अभियान चलाया जाएगा।