- April 30, 2017
शिक्षकों एवं विद्यालयों का मूल्यांकन शत प्रतिशत परिणाम के आधार पर
जयपुर———- शिक्षा एवं पंचायतीराज राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने कहा कि राज्य सरकार ने स्कूलों में बेहतरीन सुविधाएं एवं संसाधन उपलब्घ कराए हैं। अब शिक्षकों को शिक्षा के उत्थान के लिए किये जा रहे इन प्रयासों में अपना पूर्ण योगदान देना होगा।
सरकार अब शिक्षकों एवं विद्यालयों का मूल्यांकन शत प्रतिशत परिणाम के आधार पर करेगी। शहरी क्षेत्रों में भी नए शिक्षण सत्र से आदर्श विद्यालय स्थापित किए जा रहे हैं।
शिक्षा एवं पंचायतीराज राज्यमंत्री प्रो. देवनानी ने आज राजकीय सावित्री बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, मंगलचंद सकलेचा राजकीय माध्यमिक विद्यालय मीरशाहअली एवं राजकीय माध्यमिक विद्यालय कोटड़ा में रमसा योजना के तहत 81 लाख रूपए की लागत से बनने वाले नए भवनों का शुभारम्भ किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे के नेतृत्व में राजस्थान में शिक्षा के क्षेत्र में क्रान्तिकारी परिवर्तन हुए हैं। इन्हीं सकारात्मक बदलावों के कारण प्रतिवर्ष सरकारी स्कूलों में नामांकन बढ़ रहा है। अभिभावकों का विश्वास सरकारी स्कूलों के प्रति बढ़ रहा है। अब तक राजस्थान में 8.25 लाख बालिकाओं को साईकिल का वितरण किया जा चुका है।
शिक्षा राज्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में सरकारी स्कूलों की साख अब फिर जमने लगी है। मिशन मेरिट एवं स्कूलों में गम्भीरता से पढ़ाई कराए जाने से सरकारी स्कूलों के बच्चे भी अब मेरिट में स्थान बनाने लगे है। सरकारी स्कूलों में शत प्रतिशत परिणाम को ही अच्छा माना जाएगा। इस साल 10वीं 12वीं में भी नए पाठ्यक्रम पुस्तकें उपलब्ध होंगी।
उन्होंने कहा कि बालिका शिक्षा संवद्र्धन के लिए मुख्यमंत्री राजश्री योजना शुरू की गई है। इसके तहत बालिकाओं के जन्म से लेकर उनके 12वीं कक्षा पास करने तक 50 हजार रूपए तक की आर्थिक सहायता उपलब्घ करायी जाती है।
प्रतिवर्ष जिले की 3 टॉपर बालिकाओं को मुख्यमंत्री हमारी बेटी योजना के तहत गोद लिया जाता एवं उन्हें आगे पढ़ने के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है। इसी तरह गार्गी पुरस्कार एवं लैपटॉप योजना के तहत भी शिक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा है।
प्रो. देवनानी ने कहा कि विद्यालयों में अतिरिक्त कक्षा कक्ष का शुभारम्भ होने से छात्रों एवं शिक्षकों को सुविधा मिलेगी। शिक्षकों को अध्यापन कार्य करवाने के अलावा विद्यार्थियों के सर्वार्गींण विकास पर भी ध्यान देना चाहिए।
बचपन में विद्यार्थियों में डाले गए संस्कार जीवन भर साथ देते हैं। भारतीय संस्कृति को नई पीढ़ी में स्थानान्तरित करने का उत्तरदायित्व शिक्षकों पर है। युवा पीढ़ी के संस्कारित होने से माता पिता को वृद्धावस्था में पूर्ण सेवा प्राप्त हो जाती है।
कार्यक्रमों में महापौर श्री धर्मेन्द्र गहलोत, अध्यक्ष श्री अरविंद यादव सहित अन्य जनप्रतिनिधि, पार्षद एवं अधिकारियों ने अपने विचार व्यक्त किए।