- April 11, 2017
होम्योपैथी पद्धति को बढ़ावा देने के लिए प्राईवेट रिसर्च को बढ़ावा देना आवश्यक
जयपुर————-करौली-धौलपुर सांसद डॉं. मनोज राजोरिया ने कहा कि होम्योपैथी पद्धति को बढ़ावा देने के लिए प्राईवेट रिसर्च को बढावा आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि इसके लिए उचित योजनाबद्ध तरीके से रिसर्च को बढ़ावा देने तथा छात्रों को होम्योपैथी के प्रति रूचि जागृत करने की आवश्यकता है। डॉं. राजोरिया ने सोमवार को नई दिल्ली में भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अधीन कार्यरत सेन्ट्रल काउन्सिल फॉर रिसर्च इन होम्योपैथी द्वारा आयोजित दो दिवसीय नेश्नल कन्वेन्शन में कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केन्द्रीय आयुष राज्य मंत्री श्री श्रीपाद यशो नायक थे।
डॉं. राजोरिया ने कहा कि होम्योपैथिक चिकित्सा के जनक डॉ. हैनीमैन की 262 वी जयन्ती विश्व होम्योपैथिक दिवस के रूप में मनाई जाती है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में सरकार के नजरिये का लाभ लेते हुए होम्योपैथी के विकास के लिए बड़े बदलाव के साथ ही उचित नीति बनाने के कार्यो पर ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि भारत में होम्योपैथिक में प्रेक्टिस करने वाले चिकित्सकों की संख्या सर्वाधिक है एवं सरकार द्वारा उनके विकास हेतु सुविधाऎं भी उपलब्ध भी करवायी जा रही हैं।
सभी होम्योपैथिक चिकित्सकों को अपनी ताकत को पहचानकर उचित एवं दिशाबद्ध तरीके से की गयी रिसर्च से विश्व में छाप छोडी जानी चाहिए। कार्यक्रम में देश- विदेश से आये अतिथि डॉ. ईशाक गोडलन , डॉ. अनिल खुराना, तथा वक्ता के रूप में डॉ. लेक्स रट्टन, डॉ. के.एम. धावले, डॉ. जे.डी. दरयानी, डॉ. अनिल के. गनेरीवाला, डॉ. के.के. गुप्ता, डॉ. आर.के. मानचन्दा एवं डॉ. वी.के. गुप्ता आदि प्रसिद्ध होम्योपैथी चिकित्सकों ने भाग लिया।