प्राथमिकता के आधार पर स्थापित की जाएंगी पीओएस मशीनें

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(सू०ब्यूरो,शिमला)०——–अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. श्रीकांत बाल्दी ने आज यहां राज्य स्तरीय बैंकर्ज समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि बैंकिंग प्रणाली आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है।

बैंकों को प्राथमिकता क्षेत्रों में ऋण प्रदान करने के लिए आगे आना चाहिए ताकि सरकार के सामाजिक सुरक्षा तथा विकास सम्बन्धी अभियान प्रभावी ढंग से सफल हो सके।
उन्होनें प्रदेश के बैंकों में ऋण जमा करवाने के घटते अनुपात पर चिंता व्यक्त की तथा बैंककर्मियों से विकास क्षेत्रों तथा संगठित निवेश का पता लगाने का आग्रह किया ताकि लोगों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से विकास की गति को तीव्र किया जा सके।

उन्होंने 8 लाख किसान क्रेडिट कार्डोर्ं में से केवल 2.4 लाख के ही क्रियाशील होने पर अंसतोष जाहिर किया। उन्होंने बैंक कर्मियों से ग्रामीण क्षेत्रों में शिविरों के आयोजन के माध्यम से किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड का उपयोग तथा लाभ लेने के लिए प्रोत्साहित करने का आग्रह किया। प्रदेश में इस योजना को आरम्भ होने से अब तक किसान क्रेडिट कार्ड के अन्तर्गत किसानों को 9266 करोड़ रुपये आबंटित किए गए हैं।

उन्होंने बैंक कर्मियों से नकदी पर निर्भरता को कम करने के उद्देश्य से सरकारी कार्यालयों, अस्पतालों तथा लोक उपयोगिता सेवाओं में प्वाइंट ऑफ सेल टर्मिनिलस का प्रबन्ध करने का आग्रह किया।

डॉ. बाल्दी ने कहा कि प्राथमिकता क्षेत्र गतिविधियों में 82 प्रतिशत उपलब्धि के साथ प्रदेश में दिसम्बर तक वार्षिक क्रेडिट प्लान 2016-17 के अन्तर्गत अब तक 9823 करोड़ रुपये आबंटित किए गए हैं।

उन्होंने बैंक कर्मियों से शिमला के प्रशिक्षण केन्द्रों के पंचायती राज पदाधिकारियों को वित्तीय साक्षरता प्रशिक्षर प्रदान करने का आग्रह किया ताकि बैंकिंग प्रणाली के लाभ प्रदेश के जमीनी स्तर के लोगों तक पहुंचे।

अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अरविंद मेहता ने बैंकों से गांवों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में माइक्रो सिंचाई योजनाओं को वित्त पोषित करने का आग्रह किया।

प्रबन्धक निदेशक तथा यूकों बैंक के सीईओ श्री आर.के. टक्कर ने 2005 करोड़ रुपये की कुल अनुपयोगी सम्पत्ति की वृद्धि पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि बढ़ते एनपीए के बुरे चलन से बैंकों पर नए ऋण विस्तार में बहुत दबाव पड़ रहा है। बैंकों को कानून के प्रावधानों के अनुसार निपटान समझौता के साथ-साथ उगाही पर भी बल देना चाहिए।

भारतीय रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय निदेशक श्री अमरनाथ ने बैंकों को जमीनी स्तर पर वित्तीय समग्र अभियान को बढ़ावा देने पर बल देने को कहा ताकि बैंकिंग सेवाओं को विस्तृत किया जा सकें।

मुख्य महाप्रबन्धक नाबार्ड श्री दीपक कुमार ने कहा कि भारत सरकार ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है तथा बैंक कर्मियों के समन्वय से किसानों की क्षमता को बढ़ाया जा सके।

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