- March 20, 2017
‘बेटा-बेटी एक सामान’अवार्ड से सम्मानित
झज्जर/बहादुरगढ़( पत्रकार गौरव शर्मा)———बहादुरगढ़ के लाइनपार वार्ड नंबर 1 में बेटी जन्म पर कुआँ पूजन का आयोजन किया गया। वार्ड में माँ अनुराधा पति भूपेंद्र सिंह के घर पर जश्न का माहौल देखकर प्रत्येक व्यक्ति हैरान था। कारण था इनको पहली संतान के रूप में बिटिया पैदा हुई।
लक्ष्मी के घर पर आने पर इस परिवार ने न केवल बिटियाँ का बैंड़बाजे के साथ कुआं पूजन किया बल्कि पौधरोपण कर बेटी के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। इस कुअां पूजन में मुख्य अतिथि के तौर पर मेरी बेटी मेरा गौरव अभियान के जिला सचिव व पार्षद संदीप मांडौठी व विशिष्ट अतिथि संस्था अध्यक्ष समाजसेवी गौरव शर्मा रहे।
जिला सचिव व पार्षद संदीप मांडौठी ने वार्ड नंबर 1 में कुआँ पूजन करने वाले परिवार दादी मरवण देवी व माँ अनुराधा को मेरी बेटी मेरा गौरव अभियान के तहत ‘बेटा बेटी एक सामान’ अवार्ड व नकद पुरुरस्कार देकर सम्मानित किया।
पार्षद संदीप ने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ आवाज उठा रही उनकी संस्था पहले भी ऐसे उत्कृष्ठ कार्य करने वालों को सम्मानित करती आई है और भविष्य में इसी प्रकार बेटी बचाओं में अहम भूमिका अदा करने वाले परिवार को सम्मानित करेंगी।
पार्षद संदीप कहा कि ऐसी बेटियों पर नाज है जो देश के लिए खेलकर अपने क्षेत्र व जिले का नाम रोशन कर रही है। लेकिन सबसे पहले बेटियों को बचाना होगा। ताकि बेटियां समाज में बेटों से कम नही है। बेटी जन्म पर बेटी नही बचाओगे तो बहु कहा से लाओगे नारे लगाए गए।
दादा जिले सिंह ने बताया कि परिवार ने पहले से ही तय किया हुआ कि बिटिया होने पर भी वे बेटा पैदा होने पर होने वाली सभी रस्मों को निभाएंगें। जिले सिंह के घर में पहली जन्मी बेटी के कुआं पूजन अनुराधा एवं भूपेंद्र ने घर पर महिला संगीत, पौधरोपण आयोजन करने के साथ-साथ आशीर्वाद दिया।
वार्ड नंबर 1 में सभी समुदाय के लोग इस बात को कहने लगे कि अनुराधा एवं भूपेंद्र की तरह से यदि प्रत्येक व्यक्ति अपनी बेटी को बेटे के बराबर समझकर सारे काम करे तो वह दिन दूर नहीं जबकि समाज में बेटियों को भी पूरा सम्मान मिलेगा।
समाजसेवी गौरव शर्मा ने कहा कि मेरी बेटी मेरा गौरव अभियान से लोगों में लगातार जागरूकता बढ़ रही हैं। बेटी है तो कल है। समाज में फ़ैल रही कन्या भूर्ण हत्या जैसी सामाजिक बुराई को सभी वर्ग को मिलकर समाप्त करना चाहिए।
इस अवसर पर दादी मरवण देवी,प्रदादा चंद्र सिंह, दादा जिले सिंह, गुड्डी, कृष्णा, सुरेशो देवी, माया, रोशनी, दुर्गा, बाला, बेदवती, प्रमिला, सोनिया, प्रिया, पवन, बिरमती, रामकौर, दीपक रोहिल्ला, सोमबीर उर्फ़ ढ़ोल आदि काफी महिलाएं एवं पुरुष मौजूद रहे।