• March 3, 2017

3 वर्षों में 44 हजार करोड़ से अधिक का ब्याज मुक्त ऋण वितरित

3 वर्षों में 44 हजार करोड़ से अधिक का ब्याज मुक्त ऋण वितरित

जयपुर, 3 मार्च। सहकारिता एवं गोपालन मंत्री श्री अजय सिंह किलक ने शुक्रवार को राज्य विधानसभा में कहा है कि वर्तमान सरकार किसान हितैषी सरकार है। राज्य सरकार ने 3 वर्षों में 44370.26 करोड़ रुपये का अल्पकालीन ब्याज मुक्त फसली सहकारी ऋण किसानों को बांटा है जबकि पूर्ववर्ती सरकार ने अपने कार्यकाल के पांच वर्षों में 40704.28 करोड़ रुपये का ऋण वितरण किया था। उन्होंने कहा कि आने वाले दो वर्षों में कुल 70 हजार करोड़ का ऋण किसानो को वितरित हो जायेगा।

श्री किलक प्रश्नकाल में विधायकों द्वारा पूछे गये पूरक प्रश्नों का उत्तर दे रहे थे। उन्होंने बताया कि किसान क्रेडिट योजना भारत सरकार की योजना है जिससे किसानों को कृषि ऋण एवं अन्य आवश्यक ऋण उपलब्ध करवाये जाते हैं। उन्होंने कहा है कि 2011-12 में जारी दिशा-निर्देश के अनुसार नाबार्ड द्वारा 3 प्रतिशत ब्याज अनुदान दिया जा रहा है।

सहकारिता मंत्री ने बताया कि देश की आजादी के बाद भूमि विकास बैंकों द्वारा 13-14 प्रतिशत ब्याज पर किसानों को ऋण दिया जा रहा था। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे द्वारा अप्रेल 2014 से 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान की घोषणा की गई और अब हम किसानों को भूमि विकास बैंकों द्वारा 7.10 प्रतिशत ब्याज दर पर कृषि ऋण उपलब्ध करा रहे है।

उन्होंने कहा कि केन्द्रीय सहकारी बैंकों द्वारा सहकार किसान कल्याण योजना में 2 प्रतिशत ब्याज अनुदान दिया जा रहा है इस प्रकार देखा जाये तो 11.50 प्रतिशत ब्याज की जगह 9.50 प्रतिशत ब्याज दर से किसानों को ऋण उपलब्ध करा रहे है उन्होेंने कहा कि कोई भी राष्ट्रीयकृत बैंक किसानों को इतने कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध नहीं करा रहा है।

श्री किलक ने कहा कि किसान क्रेडिट योजना के तहत 3 लाख रुपये तक का ऋण किसानों को उपलब्ध कराया जाता है जिसमें से 1.50 लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त अल्पकालीन ऋण होता है जबकि शेष 1.50 लाख रुपये का ऋण 4 प्रतिशत ब्याज के साथ उपलब्ध होता है।

उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि किसानों को समय-समय पर राहत प्रदान कर सकें और इसके लिये हमने एकमुश्त समझौता योजना को अप्रैल, 2017 तक लागू किया है। जिसमें किसानों के अवधिपार ब्याज को एक सीमा तक एवं दण्डनीय ब्याज को माफ किया गया है और भविष्य में किसानोें को राहत की आवश्यकता होने पर इस प्रकार की योजना लाते रहेंगे।

सहकारिता मंत्री ने कहा कि ऋण की राशि को नाबार्ड द्वारा इस वित्तीय वर्ष में 55 प्रतिशत पुनर्वित्त किया है जबकि 45 प्रतिशत केन्द्रीय सहकारी बैंक अपने खातों से उपलब्ध करा रही है जबकि पिछले वर्ष नाबार्ड ने 40 प्रतिशत पुनर्वित्त किया था। हमारा प्रयास है कि किसानों की बढ़ती संख्या को देखते हुये ज्यादा से ज्यादा किसानोें को ऋण बांटें और अब तक प्रदेश के 22 लाख किसानों को अल्पकालीन फसली ऋण बांट चुके हैं। उन्होंने कहा कि पीलीबंगा विधानसभा क्षेत्र में अभी तक 196.77 करोड़ रुपये का ऋण 24 हजार 123 किसानों को उपलब्ध कराया है और इस प्रकार औसतन 81 हजार रुपये का ऋण उपलब्ध हुआ है।

सहकारिता मंत्री ने इससे पहले विधायक श्रीमती द्रोपती के मूल प्रश्न का जवाब देते हुये कहा कि प्रदेश के किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड पर वर्तमान में 3 लाख रुपये तक 7 प्रतिशत रियायती ब्याज दर पर ऋण दिया जाता है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार की कृषि ऋण नीति के अनुसार 7 प्रतिशत वार्षिक रियायती ब्याज दर पर ऋण की अधिकतम सीमा 3 लाख निर्धारित होने के परिपेक्ष्य में रियायती ब्याज दर पर ऋण की सीमा बढ़ाना संभव नहीं है।

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