- February 22, 2017
भारत के राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरण के सफल आकलन पर बधाई- विश्व स्वास्थ्य संगठन
पेसूका —–‘भारत के राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरण (एनआरए) का विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा किये गये आकलन के सफल निष्कर्ष से सरकार द्वारा उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने की दिशा में किये जा रहे प्रयासों को काफी बढ़ावा मिला है, जिसके लिए सरकार प्रतिबद्ध है।’
यह बात केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री जे पी नड्डा ने आज यहां तब कही जब डब्ल्यूएचओ ने देश के राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरण के सफल आकलन के लिए उन्हें और मंत्रालय को बधाई दी। उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के गतिशील मार्गदर्शन एवं नेतृत्व में मंत्रालय स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में इस तरह की और भी ज्यादा ख्याति अर्जित करने की दिशा में अग्रसर है।
डब्ल्यूएचओ ने मंत्री महोदय को भेजे अपने पत्र में देश के राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरण की सराहना की है जिसे 4 के परिपक्वता स्तर के साथ ‘क्रियाशील’ घोषित किया गया है। 4 के परिपक्वता स्तर को 5 कार्यों के संबंध में तय की गई मौजूदा विकसित परिभाषाओं के अनुसार सर्वोत्तम स्तर माना जाता है। इसे 4 कार्यों के संबंध में 3 के परिपक्वता स्तर के साथ भी ‘क्रियाशील’ घोषित किया गया है।
‘परिपक्वता स्तर 4’ से अच्छे परिणामों के साथ-साथ निरंतर सुधार के लक्षण के बारे में संकेत मिलता है, जबकि ‘परिपक्वता स्तर 3’ सुव्यवस्थित प्रक्रिया पर आधारित अवधारणा, व्यवस्थित प्रक्रिया में सुधार के आरंभिक चरण, उद्देश्यों के लिए अनुरूपता के बारे में आंकड़ों की उपलब्धता और सुधार के लक्षण की मौजूदगी को दर्शाता है।
मंत्री महोदय ने यह जानकारी दी कि डब्ल्यूएचओ ने भारतीय टीका नियामक प्रणाली के डब्ल्यूएचओ आकलन (बेंचमार्किंग) में शत-प्रतिशत अनुपालन करार दिया है, जो एक अन्य ‘उल्लेखनीय उपलब्धि’ है। भारतीय टीका नियामक प्रणाली का पिछला डब्ल्यूएचओ आकलन (बेंचमार्किंग) वर्ष 2012 में किया गया था, जिस दौरान एनआरए को मजबूती प्रदान करने के लिए संस्थागत विकास योजना (आईडीपी) के साथ-साथ खाका भी विकसित किया गया था।
पंचयुक्त (पेंटावैलेंट) टीके को देश भर में पेश करने के साथ-साथ रोटावायरस टीके एवं खसरा रूबेला टीके को भी चरणबद्ध ढंग से पेश करते हुए देश के पूर्ण टीकाकरण कार्यक्रम के तहत नये टीकों को पेश करने का उल्लेख करते हुए श्री नड्डा ने कहा कि मंत्रालय को यह भरोसा है कि भारत अपने इन ध्यान केन्द्रित प्रयासों के परिणामस्वरूप स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में अपनी समस्त प्रतिबद्धताओं को पूरा कर लेगा। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इसके अलावा ‘मिशन इंद्रधनुष’ ने सरकार के पूर्ण टीकाकरण अभियान को मजबूती प्रदान की है।
डब्ल्यूएचओ गुणवत्तापूर्ण, सुरक्षित, प्रभावकारी एवं किफायती चिकित्सीय और स्वास्थ्य सेवा संबंधी उत्पादों तक समान पहुंच को उच्च प्राथमिकता देता है। चूंकि भारत भी टीकों, चिकित्सीय उपकरणों एवं परंपरागत दवाओं सहित जैविक औषधीय उत्पादों का एक प्रमुख वैश्विक आपूर्तिकर्ता है और यह संयुक्त राष्ट्र की अनेक एजेंसियों को कई टीकों की आपूर्ति भी करता है, अत: इस तथ्य के मद्देनजर ‘उपर्युक्त सफल आकलन से भारत के औषधीय उत्पादों में वैश्विक भरोसा बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी।’ डब्ल्यूएचओ ने यह बात भी रेखांकित की कि इससे भारत के माननीय प्रधानमंत्री के ‘मेक इन इंडिया’ मंत्र को काफी बढ़ावा मिलेगा।
पूरी तरह से क्रियाशील एनआरए टीकों की डब्ल्यूएचओ संबंधी पूर्व अर्हता के लिए पहली आवश्यकता है। इस दिशा में पात्र बनने के साथ-साथ पूर्व अर्हता संबंधी दर्जे को बनाये रखने के लिए एक अहम बात यह है कि डब्ल्यूएचओ द्वारा प्रकाशित एनआरए संकेतकों के मद्देनजर राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरण (एनआरए) का आकलन क्रियाशील के रूप में किया जाये।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सचिव श्री सी के मिश्रा ने भी समस्त टीमों को बधाई दी जिन्होंने देश के लिए यह उपलब्धि हासिल करने हेतु सही अर्थों में कड़ी मेहनत की है।