केंद्र सरकार के काम काज में और कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्रालय में हिन्‍दी का प्रयोग करें- श्री राधा मोहन सिंह

केंद्र सरकार के काम काज में और कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्रालय  में  हिन्‍दी का प्रयोग करें- श्री राधा मोहन सिंह

पेसूका ——- कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्रालय की संयुक्‍त हिन्‍दी सलाहकार समिति की बैठक आज यहाँ केंद्रीय कृषि एंव किसान कल्याण मंत्री, श्री राधा मोहन सिंह की अध्‍यक्षता में आयोजित की गई ।

इस बैठक में समिति के सदस्‍यों के अतिरिक्‍त कृषि एवं किसान कल्‍याण राज्‍य मंत्री श्री पुरुषोत्तम रुपाला ने भी भाग लिया । कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्रालय की संयुक्‍त हिन्‍दी सलाहकार समिति का गठन 24 अगस्‍त, 2016 को किया गया था । गठन के पश्‍चात समिति की यह पहली बैठक थी ।

बैठक के दौरान हुई चर्चा में सदस्‍यों ने कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्रालय एवं इसके विभागों में राजभाषा हिन्‍दी के प्रयोग की स्‍थिति पर संतोष व्‍यक्‍त करते हुए यह आग्रह किया कि भविष्‍य में अधिक से अधिक कार्य केंद्र सरकार की राजभाषा हिन्‍दी में किया जाए।

चर्चा के पश्‍चात अपने अध्‍यक्षीय सम्‍बोधन में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्री ने विचार व्‍यक्‍त करते हुए यह उल्‍लेख किया कि कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्रालय की अधिकांश नीतियां/योजनाएं तथा गतिविधियां भारत के किसानों एवं आम जनता से संबंध रखती हैं ।

इसलिए भी हमारा यह कर्त्‍तव्‍य हो जाता है कि हम संघ सरकार के काम काज में और कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्रालय से संबंधित नीतियों/योजनाओं के कार्यान्‍वयन में अधिकाधिक हिन्‍दी का प्रयोग करें । उसके साथ-साथ हिन्‍दीतर भाषी राज्‍यों में भी ऐसी योजनाओं की जानकारी आम जनता को उनकी क्षेत्रीय भाषा में देना उपयोगी होगा । अंत में श्री सिंह ने सभी सदस्‍यों को धन्‍यवाद देते हुए बैठक का समापन किया।

श्री राधा मोहन सिंह ने आज कृषि मंत्रालय में हुई राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन की 12 सामान्य परिषद की बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में अधिकारियों ने कृषि मंत्री को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत उत्पादन लक्ष्यों और अब तक हासिल उपलब्धियों के बारे में प्रेजेंटेशन के जरिए विस्तार से जानकारी दी।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन की शुरूआत 2007-8 में 11वीं पंचवर्षीय योजना में की गयी थी ताकि खाद्यान्न उत्पादन को वर्ष 2011-12 तक 20 मिलियन टन (चावल, गेंहू, और दलहन का उत्पादन क्रमश: 10,8 और 2 टन) तक बढ़ाया जा सके। मिशन को शानदार सफलता मिली और उत्पादन लक्ष्य हासिल कर लिए गये। मिशन के लक्ष्य से 42 मिलियन टन अधिक खाद्यान्न का उत्पादन हुआ ।

मिशन को 12वीं पंचवर्षीय योजना में चावल का उत्पादन 10 मिलियन टन, गेंहू 8 मिलियन टन, दलहन 4 मिलियन टन और मोटे अनाज 3 मिलियन टन उत्पादन सहित 25 मिलियन टन के अतिरिक्त खाद्यान्न उत्पादन के नये लक्ष्यों के साथ जारी रखा गया है।

12वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के 5 घटक हैं जो इस प्रकार हैं- 1. एनएफएसएम – चावल, 2. एनएफएसएम – गेंहू, 3. एनएफएसएम – दलहन जिसमें रबी/ग्रीष्म के दौरान दलहन का अतिरिक्त कवरेज शामिल है, 4. एनएफएसएम – मोटे अनाज, और 5. एनएफएसएम – वाणिज्यिक फसल।

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