- November 25, 2016
ग्राम गौरव पट्ट — ” गांवों की पहचान ” –ग्रामीणों की राय
झज्जर। 25 नवंबर—– गांव का अपना एक इतिहास होता हैं, उस इतिहास को उजागर करना और इतिहास से गावं की सभी पीढियों को अवगत कराना अपने आप में महत्वपूर्ण है। गांव के वीरों की गाथा अब हर कोई जान पाएगा। गांव से निकलकर दूसरे स्थानों पर पहुंचकर गांव, प्रदेश व देश का नाम रोशन करने वाले लोगों को गांव में लौटने पर अपनी गाथा देखने-पढने को मिलेगी तो उनको भी खुशी होगा।
गांव के बाहर से गांव की हवा का पता चलने की कहावत पुरानी है। अब गांव के बाहर से आने वाले किसी भी व्यक्ति को सबसे पहले परिचय के तौर पर ग्राम गौरव पट्ट से ही गांव की जानकारी मिलेगी। इस बात से ढाकला गांव के ग्रामीण प्रफुल्लित हैं। गांव के लोगों का कहना है कि एक अच्छी और नई पहल हुई है जिससे गांव के युवाओं केा प्रेरणा मिलेगी, इतिहास की जानकारी मिलेगी।
आपको बता दें कि हरियाणा सरकार ने ग्राम गौरव पट्ट लगाने की पहल भाजपा सरकार ने 25 नवंबर को की है। गांव के बाहर चार फलक वाला एक ग्राम गौरव पट्ट लगाया जाएगा। ढाकला गांव में कृषि एवं पंचायत विकास मंत्री ओपी धनखड़ ने झज्जर जिले के पहले ग्राम गौरव पट्ट का उद्घाटन किया।
इस पट्ट के चारों फलकों पर अलग-अलग जानकारियों से ग्रामीण अभिभूत हुए। इस पट्ट का डिजाइन भी प्रभावित करने वाला है। कृषि मंत्री ओपी धनखड़ तो यह कहते हैं यह गौरव पट्ट गांवके इंडिया गेट की फीलिंग देगा। इसी पट्ट पर ढाकला के ग्रामीणों की राय जानी तो उनका कहना था कि यह एक अच्छी और नई पहल है।
गांव के राजपाल कहते हैं कि इस नई पहल से गांव को पहचान मिली है। गांव के कुछ शहीदों के नाम तो पहले पता थे, मगर गांव के 19 वीर देश के काम आ चुके हैं इसकी जानकारी तो पट्ट को देखकर ही लगी। राजपाल कहते हैं कि युवा वर्ग के लिए यह पट्ट बहुत लाभकारी होंगे। युवाओं को गांव के इतिहास, ऐतिहासिक कार्यो, वीरों सहित अन्य जानकारियां मिलेगी। इससे युवाओं को सब याद रहेगा।
ढाकला निवासी नवीन कुमार कहते हैं कि आज से पहले यह भी नहीं पता था कि गांव के किन लोगों की क्या उपलब्धि है और कौन शहीद हुए हैं आज जाना तो गर्व महसूस हो रहा है।नवीन कुमार कहते हैं कि गा्रम गौरव पट्ट वास्तव में गौरव महसूस करवाता है।
राधेश्याम गोयल कहते हैं कि हमारी पीढी को अब पता चला है कि बदलूराम और ढाला राम कौन हुए हैं और क्या उनकी खासियत थी। इस गौरव पट्ट पर गांव इतिहास भी अंकित है। जिस गांव के लोग कहीं बाहर जाकर कुछ विशेष कर रहे हैं तो उनका भी पता चल पाएगा।
रामोतार कहते हैं कि इस गौरव पट्ट से युवाओं को प्रेरणा मिलेगी, शौर्य गाथा पता चलेगी ।हर गांव के वीर योद्धा, खिलाड़ी या अन्य खास लोग होते हैं और जब उनका नाम गांव के बाहर पट्ट पर अंकित होगा तो किसको गर्व अनुभव नहीं होगा।
ग्राम के बाहर गौरव पट्ट लगाने की पहल पर ही उसकी एक मिनी पुस्तक प्रकाशित करके स्कूलों व अन्य स्थानों पर उपलब्ध कराने की घोषणा भी सरकार की ओर से पंचायत मंत्री ने की। स्वर्ण जयंती वर्ष में ही हर गांव के बाहर पट्ट लगाने की बात भी मंत्री ने कही। उनका यह कथन की हर गांव को गौरव अनुभव होगा, ग्रामीणों द्वारा सराहा गया।
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कृषि एवं पंचायत मंत्री, हरियाणा।
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