• November 4, 2016

खुले में शौच मुक्त ही विकास का सबसे बड़ा मानक :- बिढ़ाण

खुले में शौच मुक्त ही विकास का सबसे बड़ा मानक :-  बिढ़ाण

बहादुरगढ़, 4 नवंबर–उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण ने कहा कि खुले में शौच मुक्त ही विकास का सबसे बड़ा मानक है। जिले को शौच मुक्त बनाते हुए विकास का नया स्वरूप नए साल पर आमजन के सामने होगा।

उपायुक्त शुक्रवार को सैक्टर 6 स्थित सामुदायिक केंद्र परिसर में जिले भर के विभागाध्यक्षों की कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। कार्यशाला में झज्जर के एसडीएम प्रदीप कौशिक, बेरी के एसडीएम संजय राय व डीडीपीओ विशाल कुमार ने भी स्वच्छता की इस सार्थक मुहिम झिलमिल झज्जर में एकजुट होकर आगे बढऩे का आह्वान किया। 04-dc-bhg-1

उपायुक्त श्री बिढ़ाण ने जिले के सभी विभागाध्यक्षों को प्रेरित करते हुए कहा कि महज 45 दिन की मेहनत जिले के स्वर्णिम भविष्य की द्योतक है, जिसमें हर जिलावासी अपने स्तर पर उल्लेखनीय भूमिका निभाए। उन्होंने कहा कि खुले में शौच मुक्त होकर हम विकास में भागीदार बनें ताकि हमारी भावी पीढ़ी विकासात्मक स्वरूप के साथ स्वच्छ वातावरण में सांस ले सके।

उन्होंने कहा कि दिसंबर 2016 तक पूरा जिला खुले में शौच मुक्त होकर नए साल की पहली सुबह का स्वागत स्वच्छता के रूप में करेगा। उन्होंने सभी अधिकारियों को कहा कि वे फील्ड में जाकर लोगों की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करें और रोजाना रिपोर्ट उनके समक्ष अपडेट करें। उन्होंने कहा कि जिले को विशेषतौर पर ग्रामीण इलाके को पूरी तरह से खुले में शौच मुक्त करना ही हमारा उद्देश्य है।

उन्होंने बताया किजिले भर में कलस्टर प्रभारी निरंतर गांवों का दौरा कर आमजन को खुले में शौच मुक्त करने की मुहिम में भागीदार बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को मानसिक सोच को बदलते हुए शौचालय की उपलब्धता के साथ-साथ स्वच्छ वातावरण बनाने में प्रशासन के सहयोगी बनने की अपील की। उन्होंने बताया कि जिले की आंगनवाड़ी/आशा वर्कर के साथ-साथ शिक्षक वर्ग भी अपने गांवों में दौरा कर लोगों को बीमारियों से मुक्ति दिलाने में आगे आएं ताकि झिलमिल झज्जर का सपना तत्परता से साकार हो।

प्रायोगिक पद्धति से जागरूक—– समुदाय संचालित स्वच्छता पद्धति पर आधारित कार्यशाला में फीडबैक फाऊंडेशन के उपाध्यक्ष ज्योति प्रकाश ने अधिकारियों को ग्रामीण क्षेत्र में फैली गंदगी से होने वाले नुकसान की जानकारी प्रायोगिक पद्धति से दी। उन्होंने कहा कि हम प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से सीधे तौर पर स्वयं व परिजनों के साथ-साथ आमजन को खुले में शौच जाने से होने वाली गंभीर बीमारियों का कारण बनते हैं। ऐसे में सजगता ही बीमारियों पर अंकुश लगाने का सबसे बड़ा माध्यम है।

उन्होंने बताया कि प्रेरकों के साथ वे गांवों में पहुंचकर उन्हें जहां वास्तविक स्थिति से अवगत करा रहे हैं वहीं इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए भी जागरूक कर रहे हैं। इस मौके पर बीडीपीओ बहादुरगढ़ रामफल सिंह सहित जिले के अन्य अधिकारीगण मौजूद रहे।

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