- October 7, 2016
एक नंवबर – मिट्टी तेल से मुक्त जिला झज्जर :बिढ़ाण
झज्जर, 7 अक्टूबर। उपायुक्त आर सी बिढ़ाण ने बताया कि प्रदेश सरकार ने झज्जर जिला को एक नवंबर 2016 तक केरोसिन मुक्त जिला घोषित करने की पहल शुरू कर दी है। । इसके लिए जिला खादय एवं आपूर्ति नियंत्रण विभाग की ओर से प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत बीपीएल परिवारों को निशुल्क कनैक् शन दिए जा रहे हैं।
उपायुक्त ने बताया कि महिला सशक्तिकरण के तहत रसोई में स्वच्छ ईंधन मुहैया करवाकर उनकों बिमारियों से बचाने के लिए यह योजना शुरू की गई है। योजना के तहत जिन बीपीएल परिवारों के पास रसोई गैस कनैक्शन नहीं हैं, उन परिवारों को निशुल्क गैस कनैक्शन देने का कार्य पूरे जिले में शुरू कर दिया गया है।
बिढ़ाण ने कहा कि केरोसिन मुक्त बनाने के लिए बीपीएल परिवार जो एसईसीसी सर्वे सूची में नहीं है तथा जिनके पास एलपीजी कनैक्शन नहीं है चाहे वो मिट्टी का तेल लेते हैं या नहीं, उन सभी बीपीएल परिवारों को निशुल्क एलपीजी कनैक्शन उपलब्ध करवाया जाएगा। इसके लिए उपभोक्ता को बीपीएल राशन कार्ड, आधार कार्ड नंबर सहित अन्य कागजातों के साथ अपने नजदीक की एलपीजी गैस एजेंसी से संपर्क करना होगा। जिले में कार्यरत सभी 15 गैस एजेंसी संचालकों को प्रधानमंत्री उज्ज्जवला योजना के पात्रों को योजना का लाभ देने के निर्देश दिए गए हैं।
बिढ़ाण ने बताया कि जिले में प्रतिमाह लगभग 95 किलो लीटर केरोसिन बीपीएल व एएवाई राशन कार्ड धारकों को निर्धारित दरों पर वितरित किया जाता है। केरोसिन व लकड़ी से खाना पकाने से महिलाओं के स्वास्थ पर दुष्प्रभाव पड़ता है, सांस व दमा जैसी घातक बिमारियां हो जाती है। एक नवंबर तक सभी बीपीएल कार्ड धारक महिलाओं को रसोई में स्वच्छ उर्जा यानि एलपीजी से खाना पकाने की सुविधा मिल जाएगी। वहीं सरकार को भी केरोसिन की सब्सिडी पर होने वाले भारी खर्च से राहत मिलेगी।
उपायुक्त ने बताया कि उपभोक्ता की सुविधाओं के लिए प्रदेश सरकार ने साधारण रूप से आवेदन पत्र तैयार किया है। इसमें आवेदक को राशन कार्ड की स्वंय सत्यापित छाया प्रति, कैरोसिन डिपो का नाम, बैंक खाता आधार से लिंक, बैंक पासबुक की छाया प्रति, पहचान पत्र की छाया प्रति स्वयं सत्यापित,रिहायशी प्रमाण पत्र की स्वयं सत्यापित छाया प्रति, आवेदक एवं सदस्यों के आधार का पूर्ण विवरण की स्वयं सत्यापित छाया प्रति आवेदन पत्र के साथ संग्लित करनी होगी। बीपीएल रसोई गैस कनैक् शन पर आने वाला खर्चा प्रदेश सरकार वहन करेगी।
फसलों के अवशेष जलाने पर रोक—जिलाधीश एवं उपायुक्त आर सी बिढ़ाण ने जिले में फसल अवशेष व धान की पराली खेत में जलाने पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाने के आदेश जारी किए हैं। जारी आदेशों में कहा गया है कि धान व अन्य फसलों की कटाई उपरांत फसल अवशेष जलाने से अनियंत्रित आग लगने से पड़ोस के खेतों में खड़ी फसलों व अन्य जान-माल के नुकसान की आशंका बढ़ जाती है।
उन्होंने कहा कि फसल अवशेष की आग से खेत की उर्वरा शक्ति और वायु प्रदूषण का खतरा भी बढ़ जाता है। उपरोक्त नुकसान की रोकथाम और व्यवस्था बनाए रखने के लिए दा कॉड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर 1973 की धारा 144 के तहत फसल अवशेष जलाने पर तुरंत प्रभाव से रोक लगा दी गई।
जिलाधीश ने कहा कि फसल अवशेष व धान की पराली खेतों में जलाने से किसानों को आर्थिक रूप से नुकसान होता है वहीं, आग से मिट्टी की उपजाऊ शक्ति भी कम होती है। आग की तपिश से खेत में मित्र कीट भी खत्म हो जाते हैं जिससे भविष्य में फसलों का उत्पाद कम होता है।
उन्होंने कहा कि फसल अवशेषों को खेत में खत्म करने की वैज्ञानिक विधि आ चुकी हैं। किसान भाई अपने कृषि एवं किसान कल्याण विभाग से सलाह लेकर फसल अवशेषों से नुकसान की बजाय लाभ कमा सक ते हैं।
जिलाधीश ने जारी आदेशों में कहा कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग और प्रदूषण नियंत्रक बोर्ड विभाग अपने स्तर पर किसानों को फसल अवशेष जलाने से होने वाले संभावित नुकसान के बारे में जागरूक करेगा साथ ही निगरानी भी करेगा। उन्होंने कहा कि उपरोक्त निषेध आज्ञा का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ भारतीय दंड सहिता की धारा 188 के तहत कानूनन कार्यवाही भी अमल में लाई जाएगी।