खतरनाक अति-खतरनाक श्रेणी का हर कारखाना पंजीकृत

खतरनाक अति-खतरनाक श्रेणी का हर कारखाना पंजीकृत

महेश दुबे———–राज्य में संचालित खतरनाक, अति खतरनाक श्रेणी के सभी कारखाने पंजीकृत होना चाहिए। कारखाना स्वामी लायसेंस के लिए आवेदन नहीं करता तो उसके संचालन की अन्य स्त्रोतों से जानकारी प्राप्त कर रजिस्टर्ड करें।

ऐसे कारखाने को निगरानी में लें। इन कारखानों में आकस्मिक दुर्घटनाओं को रोकने के लिए तो यह जरूरी है ही श्रमिकों के हितों की सुरक्षा के लिये भी यह आवश्यक है। खाद्य, नागरिक आपूर्ति, उपभोक्ता संरक्षण और श्रम मंत्री श्री ओम प्रकाश धुर्वे ने यह निर्देश इंदौर में आधिकारियों को दिये।

मंत्री श्री धुर्वे की इंदौर बैठक में श्रमायुक्त श्री के.सी.गुप्ता, अपर श्रमायुक्त श्री आर.जी. पाण्डेय, औद्योगिक स्वास्थ्य सुरक्षा संचालक श्री पी.डी. नारया मौजूद थे।

मंत्री श्री धुर्वे ने कहा कि कारखानों में दुर्घटनाओं को रोकने और इनमें कार्य करने वाले श्रमिकों के हितों की सुरक्षा के लिये इन कारखानों पर निगरानी रखना जरूरी है। इसके लिये ऐसे खतरनाक और अति-खतरनाक कारखानों का पंजीयन जरूरी है। कुछ ऐसे खतरनाक कारखाने संचालित हैं जो पंजीयन नहीं कराते और औद्योगिक स्वास्थ्य सुरक्षा विभाग को आवेदन भी नहीं करते।

ऐसे कारखानों की जानकारी जिला प्रशासन और जहाँ पर संचालित हैं वहाँ से प्राप्त की जाये। पुलिस थाना, आयकर, विक्रय कर, विद्युत विभाग आदि से इनकी जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

मंत्री श्री धुर्वे ने कहा कि मनरेगा के श्रमिकों का ऑनलाइन कम्प्यूटर पर 90 दिन का कार्य करने का रिकार्ड होने पर उनका भवन संन्निर्माण कर्मकार मण्डल में पंजीयन किया जाये। इससे श्रमिकों के उत्थान और विकास की अनेक योजनाओं से इन श्रमिकों को लाभान्वित किया जा सकेगा। मंत्री श्री धुर्वे ने मनरेगा से निर्माण सेस की राशि प्राप्त करने की पहल करने को कहा। उन्होंने कहा कि श्रमिकों के हितों की सुरक्षा और उनके कल्याण के लिये पहले से संचालित योजनाओं के अतिरिक्त नवाचार करें, नई योजनाएँ और कार्यक्रम बनाने की पहल करें।

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