- August 4, 2016
ज्ञापन:- ‘दलित-मुस्लिम हिंसा के खिलाफ’ धरना प्रदर्शन
लखनऊ——— विषय- ‘दलित-मुस्लिम हिंसा के खिलाफ’ रिहाई मंच द्वारा 3 अगस्त 2016 को अंबेडकर प्रतिमा हजरतगंज, लखनऊ पर दिए जा रहे धरने से हम मांग करते हैं कि-
1- सूर्या सिटी तकरोही इंदिरा नगर, लखनऊ से मृत गाय को निस्तारित करने के लिए ले जा रहे दलित समुदाय के विद्यासागर और छोटे को निर्ममता पूर्वक पीटने व गाली-गलौज करने वालों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए।
2- दलित समुदाय के विद्यासागर और छोटे की निर्ममतापूर्वक पिटाई व गाली गलौज करने वालों पर इंदिरा नगर थाने में दर्ज मुकदमा काफी कमजोर है। मुकदमे में एससीएसटी एक्ट, सामूहिक रूप से पिटाई व जबरन रोकने के लिए उपयुक्त 147, 148, 153 ए व 342 धाराओं का कोई उल्लेख नहीं है। अतः मुदकमे में उपरोक्त धाराओं को लगाया जाए।
3- उत्तर प्रदेश में पशु निस्तारण करने वाले कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए विशेष नीति बनाई जाए, जिसमें उन्हें पहचान पत्र भी जारी किए जाएं।
4- मुजफ्फरनगर में गौकशी के नाम पर मुस्लिम परिवार पर हमला करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।
5- सांप्रदायिकता व तनाव पैदा करने वाले नेताओं पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
6- बुलंदशहर में हाई वे पर मां-बेटी के साथ सामूहिक बलात्कार करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करते हुए प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा की गारंटी की जाए।
7- संजरपुर आजमगढ़, के तीन युवकों आफताब, सलमान और अकरम जिन्हें स्थानीय बाजार से पुलिस द्वारा उठाए जाने के 2 दिन बाद फर्जी मुठभेड़ में घायल और गिरफ्तार दिखाते हुए सांप्रदायिक हिंसा में उनकी संलिप्तता बताई गई है, उस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए।
8- सूबे में जगह-जगह गाय की रक्षा के नाम पर जय गुरूदेव, गोरक्षा समिति जैसे संगठनों द्वारा की जा रही वाल राइटिंग व उत्तेजक भाषणों पर रोक लगाई जाए।
9- मृत जानवर निस्तारण से जुड़े दलितों को सुरक्षा मुहैया कराने में प्रशासन पूरी तरह विफल ही साबित नहीं हुआ है बल्कि ऐसी घटनाओं में खुद उसकी भूमिका भी आपराधिक साबित होती जा रही है। ऐसे में इस पेशे से जुड़े लोगों को आत्मरक्षा हेतु सरकार अपने पहल पर लाइसेंसी हथियार उपलब्ध कराए।
10- मुसलमानों को सम्प्रदाय सूचक गाली देने व उत्पीड़ित करने की बढ़ती प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए एससीएसटी ऐक्ट की तरह ही नया कानून बनाया जाए।
11- गौहत्या के अफवाह में मारे गए दादरी के अखलाक मामले में फाॅरेंसिक जांच में की गई हेरा-फेरी के अपराधियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते हुए अखलाक के हत्यारों को सजा दी जाए और अखलाक के परिवार के खिलाफ दर्ज किए गए गोकशी की हत्या के फर्जी मुकदमे को तत्काल वापस लिया जाए। दादरी में गौकशी के नाम पर हुए आपराधिक षडयंत्र की पुलिस द्वारा विवेचना तीव्र गति से की जाए।