- August 3, 2016
महानदी मुद्दे के समाधान के लिए ओडिशा और छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक
ओडिशा के मुख्य सचिव ने बैठक में कहा कि महानदी राज्य की जीवन रेखा है और इस क्षेत्र के विकास के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है। इसलिए यह जरूरी है कि दो पड़ोसी प्रदेशों को किसी भी राज्य द्वारा शुरू की जल संसाधन परियोजनाओं की पूरी जानकारी हो। उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शुरू की गयी कुछ जल संसाधन परियोजनाओं का उदाहरण दिया, जिनमें विस्तृत परियोजना रिपोर्टें ओडिशा सरकार से साथ साझा नहीं की गयी।
यह निर्णय किया गया कि केंद्रीय जल आयोग हमेशा यह सुनिश्चित करेगा कि महानदी थाले से संबंधित परियोजनाओं के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्टें एक दूसरे राज्य के साथ अवश्य साझा की जाएं। यह महसूस किया गया कि भरोसेमंद जानकारी साझा न करने से अनेक मुद्दे पैदा हुए हैं और उन्होंने भावोत्तेजक रूप धारण किया है। एक उदाहण देते हुए बताया गया कि अरपा-भैसाझाड़ परियोजना के कार्यान्वयन से मानसून-इतर अवधि में हीराकुण्ड बांध में जल उपलब्धता पर्याप्त नहीं थी।
ओडिशा सरकार ने इच्छा जाहिर की कि अरपा नदी से संबंधित सभी परियोजनाओं की जानकारी उसे दी जाए। छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव ने आश्वासन दिया कि अपेक्षित जानकारी एक पखवाड़े में छत्तीसगढ़ सरकार को दे दी जाएगी। केन्द्रीय जल आयोग को भी सलाह दी गयी कि वह एक उपलब्ध जानकारी ओडिशा सरकार को भी साझा करे।
बैठक की अध्यक्षता केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा जीर्णोद्धार मंत्रालय में विशेष कार्याधिकारी डॉ. अमरजीत सिंह ने की। इसमें मंत्रालय और केंद्रीय जल आयोग के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।