- July 14, 2016
गांव की गलियां हुईं कीचड़ और धूलमुक्त
रायपुर.—–(छ०गढ)———- अरपा नदी के तट पर बसे बिलासपुर जिले के छतौना ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधियों के लिए राजधानी रायपुर का अध्ययन भ्रमण बेहद प्रेरणादायी और शिक्षाप्रद रहा। रायपुर और नया रायपुर के जिन-जिन स्थानों का भ्रमण उन्होंने किया, उन स्थानों एवं परिसरों की साफ-सफाई से वे खासे प्रभावित हुए। छतौना के युवा सरपंच श्री संतकुमार तो इतने प्रभावित हैं कि वे यहां से लौटकर अपने पंचायत की ग्रामसभा में स्वच्छता के संबंध में गांववालों से विस्तार से चर्चा कर इसकी कार्ययोजना बनाना चाहते हैं।
हमर छत्तीसगढ़ योजना के तहत दो दिनों के अध्ययन प्रवास पर राजधानी आए छतौना के सरपंच श्री संतकुमार ने बताया कि उनके पंचायत में आदिवासी समुदाय की प्रधानता है। छतौना एवं आश्रित गांव सोहड़ाखुर्द में गोड़, कंवर और बैगा जनजाति के लोगों की बहुलता है। गांव के ज्यादातर परिवार गरीबी रेखा के नीचे रहते हैं।
खाद्यान्न सुरक्षा योजना से उनके गांव को बहुत राहत मिली है। इससे बेहद सस्ते दरों में लोगों को खाद्यान्न मिल रहा है। श्री संतकुमार बताते हैं कि दस वर्ष पहले उनके गांव छतौना में केवल दो तालाब थे, अब पांच हो गए हैं। आश्रित गांव सोहड़ाखुर्द में तो पहले एक भी तालाब नहीं था, परंतु अब वहां तीन तालाब हो गए हैं। निस्तारी और पेयजल के लिए दोनों गांवों में पानी की कोई समस्या नहीं है।
छतौना के सरपंच श्री संतकुमार ने बताया कि गांव में हाईस्कूल खुलने के बाद से शिक्षा का स्तर लगातार बेहतर हो रहा है। डेढ़ दशक पहले तक वहां केवल प्राथमिक शाला थी, लेकिन अब हाईस्कूल तक की पढ़ाई की व्यवस्था गांव में ही हो गई है।
बैगापारा को छोड़कर पूरे गांव का विद्युतीकरण हो चुका है। बैगापारा के भी इस साल दीवाली तक रोशन होने की उम्मीद है। इसके लिए सर्वे इत्यादि का काम पूरा हो चुका है। गांव की करीब-करीब सभी गलियों में सी.सी. रोड हैं। इसकी वजह से अब बरसात में गांव में कीचड़ नहीं होता।
श्री संतकुमार बताते हैं कि उनके गांव में वनाधिकार पट्टे की भूमि के समतलीकरण के लिए राज्य शासन द्वारा एक करोड़ रूपए स्वीकृत किए गए हैं। इस काम के हो जाने से गांव के कई आदिवासी परिवार खेती के जरिए जीवन-यापन कर सकेंगे। युवा सरपंच श्री संतकुमार की दिली इच्छा है कि उनका गांव शराबमुक्त बने। इसके लिए वे अपने स्तर पर गांववालों को लगातार जागरूक करते रहते हैं।