- July 12, 2016
रूस और राजस्थान प्रोग्रेसिव पार्टनर हो सकते हैं :- मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे
जयपुर————-मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास, खनिज, शहरी विकास, प्रदूषण नियंत्रण, रक्षा निर्माण, भारी मशीनरी एवं इंजीनियरिंग के क्षेत्र में रूस और राजस्थान प्रोग्रेसिव पार्टनर हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था के विकास के साथ-साथ राजस्थान के शहरों में भी आधारभूत सुविधाओं की मांग बढ़ रही है।
श्रीमती राजे सोमवार को यकातेरिनबर्ग में रशिया इण्डिया बिजनेस फोरम द्वारा आयोजित न्यू इण्डस्ट्रीयलाइजेशन एण्ड इण्डस्ट्रीयल कॉरपोरेशन सेमीनार को सम्बोधित कर रही थीं। इससे पहले श्रीमती राजे ने सवर्दलोवस्क ओबलॉस्ट क्षेत्र के शासन प्रमुख डेनिस वी पासलर तथा वहां के उद्योगपतियों के साथ भी बैठक की। मुख्यमंत्री ने सेमीनार में कहा कि राजस्थान और सवर्दलोवस्क दोनों राज्य इंजीनियरिंग और खनन में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं, इसलिए दोनों राज्य इस क्षेत्र में एक-दूसरे के पूरक हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान इंजीनियरिंग उद्योग में तेजी से आगे बढ़ रहा है। यहां ओटोमोटिव उद्योग में तेजी से विस्तार हो रहा है।
करीब 150 कम्पनियां ओटोमोटिव पाट्र्स का निर्माण कर रही हैं। एक-दूसरे का सहयोग इन क्षेत्रों को और मजबूत कर सकता है। नई सरकार ने भारत में सहकारी संघवाद को दिया प्रोत्साहन मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जब से भारत में नई सरकार आई है, सहकारी संघवाद को प्रोत्साहन मिला है। भारत के राज्य अब वैश्विक समुदाय में अपनी भागीदारी निभाने लगे हैं। इसी विजन के साथ राजस्थान ने भी कई देशों के साथ भागीदारी स्थापित की है। उन्होंने कहा कि रशिया की यह मेरी पहली यात्रा है। मैं चाहती हूं कि हमारी स्थायी मित्रता कायम हो।
राजस्थान की अर्थ व्यवस्था दुनिया के कई देशों से बड़ी श्रीमती राजे ने कहा कि राजस्थान एक बड़ा राज्य है, जिसका आकार जर्मनी जितना है। जनसंख्या के मामले में हम फ्रांस, यू.के., इटली और कनाडा के बराबर हैं। राजस्थान का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) स्थिर मूल्यों पर करीब 84 बिलियन यूएस डॉलर है, जो कि विश्व की कई अर्थ व्यवस्थाओं से ज्यादा है। भारतीय रिजर्व बैंक के सर्वे के मुताबिक राजस्थान पूरे देश में निवेश आकर्षित करने के मामले में तीसरा स्थान रखता है।
श्रीमती राजे ने कहा कि राजस्थान रेलवे नेटवर्क और राजमार्गों की दृष्टि से भारत में पहला स्थान रखता है। विद्युत के मामले में हम सरप्लस हैं और नवीनीकृत ऊर्जा में हम पूरे विश्व में आगे हैं। उन्होंने बताया कि हम भारत का चौथाई क्रूड ऑयल उत्पादन कर रहे हैं। सूचना प्रौद्योगिकी में भागीदारी हो सकती है महत्वपूर्ण श्रीमती राजे ने कहा कि राजस्थान आईटी के क्षेत्र में तेजी से कदम बढ़ा रहा है।
रूसी कम्पनियों की इस क्षेत्र में भागीदारी महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। उन्होंने कहा कि हम स्टार्टअप में निवेश की महत्ता को समझते हैं। इसके लिए हमने आने वाली चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए एक स्टार्टअप पॉलिसी बनाई है। रूस की भारी मशीनरी कंपनियों के लिये यहां निवेश के भरपूर अवसर हैं। राजस्थान के जरिये रूसी कंपनियां दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और ग्रेटर मुम्बई तक उपभोक्ताओ बाजारों में पहुंच बना सकती है।
रूसी कम्पनियों को दिया ‘ग्राम’ में आने का न्यौता मुख्यमंत्री ने राजस्थान में नवम्बर माह में आयोजित होने वाले ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट (ग्राम) के लिए आमंत्रण देते हुए कहा कि रूसी कम्पनियां भी कृषि से जुड़े इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में भाग ले सकती हैंं। उन्होंने बताया कि इसमें विश्व की कई कम्पनियों को आमंत्रित किया है। रशियन निवेशक भी इस अवसर का फायदा उठा सकते हैं।
इस अवसर पर रशियन फैडरेशन के उद्योग एवं व्यापार मंत्री श्री डेनिस मानतुरोव, भारत की उद्योग मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री देवेन्द्र फडनवीस, आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री एन.चन्द्रबाबू नायडू, सन ग्रुप के वाइस चैयरमेन श्री शिव खेमका, रशियन रेलवेज् और प्रेजीडेन्ट ऑफ जेसीएस ’हाईस्पीड रेल लाइन्स’ के पहले वाइस प्रेजीडेन्ट श्री एलेक्जेन्डर मिशारिन तथा इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट प्रमोशन काउन्सिल ऑफ इण्डिया के चैयरमेन श्री तरविन्दर भसीन, उद्योग मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह खींवसर, मुख्यमंत्री सलाहकार परिषद के उपाध्यक्ष श्री सीएस राजन भी उपस्थित थे।
सवर्दलोवस्क के शासन प्रमुख के साथ बैठक इससे पहले मुख्यमंत्री ने सवर्दलोवस्क ओबलॉस्ट के शासन प्रमुख डेनिस वी पासलर तथा वहां के उद्योगपतियों के साथ बैठक में नगरीय विकास, परिवहन, दूषित जल के शुद्धिकरण, सीवरेज ट्रीटमेंट, स्वच्छता प्रबंधन, शहरी उद्यानिकी, प्रदूषण नियंत्रण, भारी मशीनरी, रक्षा उपकरण आदि क्षेत्रो में सहयोग पर विचार विमर्श किया।
श्रीमती राजे ने कहा कि खनन और मेटलर्जी के क्षेत्र में टेक्नोलॉजी और प्रशिक्षण के लिये दोनों सहभागी हो सकते हैं, क्योंकि येकातेरिनबर्ग मशीनरी, धातु संवर्धन और मेटलर्जी उद्योगों का मुख्य केन्द्र है और सवर्दलोवस्क के व्यवसायियों को मैटलर्जी तथा खनन में विशेषज्ञता हासिल है। दूसरी तरफ राजस्थान में खनिजों का विशाल भंडार है। वोलास्टोनाइट, लेड, जिंक, कैलसाइट, जिप्सम, रॉकफॉस्फेट, सिल्वर, मार्बल, सैंडस्टोन और ग्रीन मार्बल के भण्डार में हमारा एकाधिकार है।
रक्षा उपकरणों के उत्पादन में राजस्थान में अच्छी सम्भावनाएं मुख्यमंत्री ने राजस्थान में रक्षा प्रौद्योगिकी की सम्भावनाओं के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि रूस रक्षा उपकरणों के मामले में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है, जबकि भारत एक बड़ा उपभोक्ता। मैं भी रूस की कम्पनियों को राजस्थान में रक्षा उपकरणों के क्षेत्र में निवेश करने के लिए आमंत्रित करना चाहूंगी। हमारे यहां उपकरण निर्माण संयंत्रों और परीक्षण स्थलों के लिये विशाल भूखंड के साथ-साथ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली तक आसान पहुंच उपलब्ध है।