- July 8, 2016
ऑन लाईन कम्प्यूटरीकरण से सहकारी ऋण वितरण व्यवस्था पारदर्शी
जयपुर ———– सहकारिता विभाग के शासन सचिव श्री अभय कुमार ने कहा है कि चरणवद्ध तरीके से ऑन लाईन कम्प्यूटरीकृत तकनीक का उपयोग करते हुए सहकारी ऋण वितरण व्यवस्था को पारदर्शी व जबावदेय बनाया जाएगा। सहकारिता विभाग के सचिव बुधवार को सहकार भवन में अपेक्स बैंक व विभागीय अधिकारियों के साथ अल्पकालीन सहकारी साख व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि सहकारी बैंकों से फसली सहकारी ऋण सहित अन्य कार्यों के लिए भी ऋण वितरण की प्रक्रिया आसान व सरलीकृत होनी चाहिए ताकि ऋणी को बैंकों के अनावश्यक परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। उन्होंने कहा कि ऋण प्रार्थना पत्र से वितरण तक की व्यवस्था इस तरह से ऑनलाईन हो कि काश्तकार को आवश्यक औपचारिकताएं भी ऑनलाईन पूरी करने के बाद समय सीमा में ऋण स्वीकृत होकर ऋण राशि सीधे ऋणी के खातें में हस्तांतरित हो जाए और ऋणी को एसएसमएस अलर्ट के माध्यम से ऋण राशि खातें में हस्तांतरित होने की जानकारी मिल सके।
उन्होंने कहा कि सही और पारदर्शी तरीके से ऋण वितरण होगा तो बैंकों के ऋणों की वसूली भी अच्छी रहेगी और एनपीए भी नहीं बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि इससे ऋणी सदस्यों को अनावश्यक परेशानी से बचाया जाएगा वहीं काम पेपरलेस होगा और संभावित अनियमितता पर भी प्रभावी रोक लग सकेगी। उन्होंने ई-खाता एप के माध्यम से भी ऋण वितरण की संभावनाओं को तलाशने के निर्देश दिए।
इस अवसर रजिस्ट्रार डॉ. रेखा गुप्ता ने बताया कि सहकारी बैंकों में फसली सहकारी ऋण लेने वाले 15 लाख ऋणी सदस्य काश्तकारों के खातें खोल दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि खरीफ के लिए साढ़े आठ हजार करोड़ रु. के लक्ष्य के विरुद्ध अब तक 7 हजार करोड़ रु. से अधिक के फसली सहकारी ऋण वितरित किए जा चुके हैं। खरीफ के लिए काश्तकारों को अगस्त माह तक ऋण वितरण होता है।
अपेक्स बैंक के प्रबंध संचालक श्री विद्याधर गोदारा ने बताया कि अल्पकालीन सहकारी साख गतिविधियों की जानकारी दी। बैठक में बैंकाें की सीआरएआर, वसूली, साख सीमा स्वीकृति की प्रक्रिया, ईखाता एप से भुगतान की संभावना तलाशने, ऋण वितरण व्यवस्था के सरलीकरण आदि पर चर्चा की। बैंठक में विभाग व बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।