- June 29, 2016
गोजातीय नस्लों के प्रजनन :3700 करोड़ रुपये की आवश्यकता : श्री देवेन्द्र चौधरी सचिव, डीएडीएफ
पेसूका—————————कृषि मंत्रालय में पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन विभाग (डीएडीएफ) में सचिव श्री देवेन्द्र चौधरी ने गोजातीय प्रजनन के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना पर सभी राज्यों के साथ 20 से 23 और 27 जून 2016 को नई दिल्ली में विस्तार से चर्चा की।
श्री चौधरी ने किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए राज्य के अधिकारियों से डेयरी पशुओं के दूध उत्पादन और उनकी उत्पादकता बढ़ाने पर बल दिया। राज्य के अधिकारियों के साथ स्वदेशी नस्ल के मवेशियों के तादाद बढ़ाने के साथ-साथ राष्ट्रीय कार्य योजना (एनएपी) के बारे में भी विस्तार से चर्चा की गई।
सचिव, डीएडीएफ राज्यों से आग्रह किया कि स्वदेशी नस्ल के मवेशियों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए कार्यनीति तैयार करें क्योंकि स्वदेशी नस्लों के मवेशी देश के गरीब किसानों के पास हैं। सभी राज्यों ने राष्ट्रीय कार्य योजना को लागू करने पर सहमति प्रकट की।
स्वदेशी मवेशियों सहित डेयरी पशुओं की विभिन्न श्रेणियों के लिए राज्यवार वास्तविक और वित्तीय लक्ष्यों पर भी चर्चा की गयी। एनएपी में स्वदेशी मवेशी की उत्पादकता 5 किलो/प्रति पशु/दिन से बढ़ाने और वर्ष 2019-20 तक अखिल भारतीय कवरेज 25 प्रतिशत के वर्तमान स्तर से 70 प्रतिशत तक करने की परिकल्पना की गयी है। यह भी उल्लेख किया गया कि राज्यों द्वारा इस राष्ट्रीय कार्य योजना को लागू करने के लिए 3700 करोड़ रुपये की राशि की आवश्यकता होगी।