सूती कपड़ों के उत्पादन से बुनकरों को नियमित रोजगार

सूती कपड़ों के उत्पादन से बुनकरों को नियमित रोजगार

रायपुर -(छ०गढ)———————राज्य सरकार के ग्रामोद्योग विभाग से सम्बद्ध खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा सूती कपड़ों के उत्पादन से बुनकरों को नियमित रोजगार मिल रहा है। पिछले वित्तीय वर्ष 2015-16 में 482 बुरकरों को रोजगार दिया गया। इन्हें मिलाकर पिछले पांच वर्षो में तीन हजार 326 कत्तिनों-बुनकरों को नियमित रोजगार दिया गया।

बोर्ड द्वारा पिछले पांच साल में नौ करोड़ 12 लाख रूपए के सूती कपड़ांे का विक्रय किया गया। बोर्ड के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा राज्य के सात जिलों – महासमुंद, रायपुर, बेमेतरा, बस्तर (जगदलपुर), कोरबा, बिलासपुर एवं गरियाबंद में खादी वस्त्र उत्पादन केन्द्र चल रहे हैं। यहां महिलाएं अम्बर चरखा से कपास से धागा निकालती है। इन धागों से बुनकरों द्वारा कपड़ा तैयार किया जाता है।

सूत कताई के लिए कपास (पोनी) खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा संचालित पोनीप्लांट सिहोर (मध्यप्रदेश) से मंगाया जाता है। महिलाएं अपना घरेलू काम-काज करने निपटाने के बाद खाली समय में सूत कातती है और पुरूष कपड़ा बुनाई करते है। इससे अतिरिक्त समय का सदुपयोग होता है और घर की आमदनी भी बढ़ता है।

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