- May 28, 2016
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस अभियान 9 जून से शुरु
जयपुर —————— मातृ व शिशु मृत्युदर में कमी लाने के उद्धेश्य से केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देशानुसार प्रदेश में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस अभियान संचालित किया जायेगा एवं इसके तहत् प्रत्येक माह की 9 तारीख को जिला अस्पतालों से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस दिवस आयोजित किये जायेंगे।
प्रदेश में अभियान का शुभारंभ 9 जून को किया जायेगा एवं विशेषकर गर्भवती महिलाओं को चिकित्सकों व स्त्रीरोग विशेषज्ञों की देखरेख में प्रसवपूर्व स्वास्थ्य जांच एवं परामर्श की निःशुल्क सेवाएं उपलब्ध कराई जायेंगी। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री राजेन्द्र राठौड़ ने प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस के आयोजन में विशेष गंभीरता बरतकर इसका लाभ गर्भवती महिलाओं को सुलभ कराने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने बताया कि सम्पोषणीय विकास लक्ष्यों के अंतर्गत मातृ मृत्युदर में कमी लाने के लिए यह आवश्यक है कि प्रत्येक गर्भवती महिला की प्रसवपूर्व व प्रसव पश्चात् विशेष देखभाल की जाये।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में सुरक्षित मातृत्व सुनिश्चित करने के उद्धेश्य से कुशल मंगल कार्यक्रम, सुरक्षित मातृत्व दिवस एवं प्रसूति नियोजन दिवस सीएचसी से आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पहले से संचालित किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इन नवाचार गतिविधियों सहित प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस अभियान के आयोजन से गर्भावस्था एवं प्रसव के दौरान विशेषरूप से जटिल खतरों वाली संभावित गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य संबल मिलेगा।
उन्होंने बताया कि अभियान की क्रियान्विती के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिये गये हैं। मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन श्री नवीन जैन ने शुक्रवार को प्रातः सचिवालय स्थित वीडियो क्रान्फ्रेंसिंग में समस्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों सहित संबंधित अधिकारियों को 9 जनू से प्रारंभ होने वाले प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस अभियान के आयोजन संबंधी आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।
उन्होंने बताया कि समस्त प्राथमिक, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा जिला, उपजिला एवं सैटेलाईट अस्पताल गर्मियों में 1 अप्रैल से 30 सितम्बर तक में प्रातः 8 से 2 बजे तक एवं सर्दियों में 1 अक्टूबर से 31 मार्च तक प्रातः 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस क्लिनिक संचालित कर सेवाएं सुनिश्चित की जायें। उन्होंने बताया कि 9 तारीख को रविवार होने अथवा राजकीय अवकाश होने की स्थिति में अगले कार्यदिवस को यह दिवस आयोजित किये जायेंगे। उन्होंने बताया कि गर्भवती के लिए खून की जांच, पेशाब की जांच, रक्तचाप, शुगर इत्यादि जांचों सहित आवश्यक औषधियाें की निशुल्क सेवाएं उपलब्ध करायी जायेंगी।
बेटी जन्म पर 1 जून से मुख्यमंत्री राजश्री योजना मिशन निदेशक ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जानकारी दी कि माननीय मुख्यमंत्री द्वारा घोषित बजट 2016-17 में घोषित मुख्यमंत्री राजश्री योजना प्रदेशभर में 1 जून से लागू की जायेगी।
उन्होंने बताया कि 31 मई 2016 की रात 12 बजे से पूर्व राजकीय चिकित्सालय एवं जेएसवाई पंजीकृत चिकित्सालयों में जन्म लेने वाली बच्चियों के जन्म पर पूर्व में संचालित शुभलक्ष्मी योजना के तहत् देय प्रथम किश्त 2100 रुपये ऑनलाईन माता को देय होंगे। इससे पूर्व जन्मी समस्त बच्चियों को शुभ लक्ष्मी योजना की शेष रही किश्तों का भुगतान पूर्वानुसार ही ऑनलाईन देय होगा।
उन्होंने बताया कि 1 जून से जन्मी बच्चियों को राजश्री योजना के तहत् चैक के द्वारा माता के नाम प्रथम किश्त 2500 रुपये की संबंधित चिकित्सा केन्द्र द्वारा दी जायेगी। बच्ची की आयु 1 वर्ष होेने व सम्पूर्ण टीकाकरण होने पश्चात् 2500 रुपये की द्वितीय किश्त भी चैक द्वारा ममता कार्ड के आधार पर जारी की जायेगी। उन्होंने इस कार्य में गंभीरता बरतने के निर्देश हुए कहा कि शिशु जन्म पर देय जननी सुरक्षा योजना का लाभ यथावत् ऑनलाईन ओजस सॉफ्टवेयर के माध्यम से ही देय होगा।
श्री जैन ने बताया कि राजश्री योजना का लाभ मात्र राजस्थान प्रदेश की मूल निवासी प्रसूताओं को ही देय होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि योजना में देय अन्य किश्तों का भुगतान महिला एवं बाल विकास द्वारा नियमानुसार किया जायेगा।
सीमेम कार्यक्रम का पोषण दिवस 5 जून को मिशन निदेशक ने बताया कि प्रदेश में एसीएफ, यूनीसेफ एवं गेन संस्थानों के तकनीकी सहयोग से 13 जिलों में संचालित समुदाय आधारित कुपोषण प्रबंधन (सीमेम) कार्यक्रम के तहत् 5 जून को चयनित उपस्वास्थ्य केन्द्रों पर पोषण दिवस आयोजित किये जायेंगे। उन्होंने बताया कि 14 फरवरी तक 8वें पोषण दिवस पर कुपोषण मुक्त श्रेणी में दर्ज बच्चों का 5 जून को पोषण दिवस आयोजित होगा। इस दिन निगरानी में चल रहे लगभग 7 हजार 500 बच्चों के स्वास्थ्य की अंतिम जांच की जायेगी।
उन्होंने बताया कि 14 फरवरी के बाद निगरानी में चले रहे शेष 1 हजार 600 बच्चों की स्वास्थ्य जांच का अंतिम ‘पोषण दिवस‘ 3 जुलाई को आयोजित किया जायेगा। उन्होंने पोषण दिवस में प्रत्येक लक्षित बच्चे की भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु पोषण पहरियों एवं अन्य कार्मिकों की जिम्मेदारी तय करने एवं गंभीरतापूर्वक दिवस गतिविधियां आयोजित करने के निर्देश दिये। श्री जैन ने बताया कि सीमेम के तकनीकी पार्टनर गेन द्वारा पोषण दिवस में भाग लेने वाले प्रत्येक लक्षित बच्चे को टिफिन बॉक्स दिया जायेगा।
उन्होंने बताया कि प्रदेश के सर्वाधिक प्रभावित 13 जिलों बारां, बाड़मेर, बांसवाडा, बूंदी, धोलपुर, डूंगरपुर, जैसलमेर, जालोर, करौली, प्रतापगढ, राजसमन्द, सिरोही व उदयपुर के 41 खण्डों में 6 माह से 59 माह के अंतिगंभीर कुपोषित बच्चों के प्रबंधन हेतु यह कार्यक्रम प्रारम्भ किया है। सी-मेम कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य कार्मिकों की निगरानी में 9 हजार 640 बच्चों को निगरानी में रखा गया।
इस कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन से 9 हजार 117 बच्चों को कुपोषण से मुक्त करवाया गया गया। वीडियो कॉन्फ्रेंस में निदेशक आरसीएच डॉ. वी.के. माथुर, परियोजना निदेशक मातृ स्वास्थ्य डॉ. तरूण चौधरी, परियोजना निदेशक शिशु स्वास्थ्य डॉ. अरोड़ा सहित संबंधित अधिकारीगण मौजूद थे। —