- May 19, 2016
राहत आयुक्तों/आपदा प्रबंधन सचिवों का वार्षिक सम्मेलन
इस सम्मेलन का उद्घाटन गृह सचिव श्री राजीव महर्षि ने किया। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य श्री आर. के. जैन ने भी प्रतिभागियों को संबोधित किया।
27 राज्यों, 6 केन्द्र शासित प्रदेशों, राष्ट्रीय आपदा राहत बल, केन्द्रीय मंत्रालयों, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल, भारतीय मौसम विभाग, केंद्रीय जल आयोग, महासागर सूचना सेवा के लिए भारतीय राष्ट्रीय केन्द्र, डीआरडीओ, जीएसआई और अन्य वैज्ञानिक संगठनों के साथ-साथ रक्षा बलों के प्रतिनिधियों ने इस सम्मेलन में भाग लिया।
आपदा से निपटने की तैयारियों से जुड़े मसलों, पूर्व चेतावनी प्रणालियों, राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की आपदा प्रबंधन योजनाओं पर इस दौरान चर्चा की गई। आवश्यक राहत सामग्री की अग्रिम खरीद, उपकरणों एवं संचार प्रणालियों की तत्परता की जांच, जिला स्तर पर आपदा की स्थिति में त्वरित कार्रवाई के लिए समुदाय आधारित आपदा प्रबंधन एवं समन्वित रुख पर इस दौरान रोशनी डाली गई।
सम्मेलन के दौरान यह बात रेखांकित की गई कि सभी संबंधित व्यक्तियों के मिले-जुले प्रयासों से अनमोल मानव जीवन के नुकसान को कम करने में मदद मिली है। केन्द्र एवं राज्य सरकारों की एजेंसियों के बीच उचित तालमेल की जरूरत पर फिर से विशेष बल दिया गया।
भारतीय मौसम विभाग, अंतरिक्ष विभाग, हिमपात और हिमस्खलन अध्ययन प्रतिष्ठान (रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन), केंद्रीय जल आयोग, महासागर सूचना सेवा के लिए भारतीय राष्ट्रीय केंद्र, भारतीय भूगर्भीय सर्वेक्षण, रक्षा मंत्रालय और राष्ट्रीय आपदा राहत बल ने इस दौरान अपने-अपने क्षेत्रों में पूर्वानुमान, चेतावनी व्यवस्था और आपदा प्रबंधन में क्षमता बढ़ाने संबंधी अपनी भावी योजनाओं पर प्रस्तुती दी। देश में आपदा प्रबंधन सही ढंग से करने के लिए सम्मेलन के दौरान राज्य सरकार और भारत सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों और उनके द्वारा अपनाए जा रहे उत्तम तौर-तरीकों पर भी चर्चा हुई।