- May 19, 2016
प्रदूषण कम करने के लिए संकल्पबद्धः- पर्यावरण मंत्री
पर्यावरण मंत्री ने कहा कि विनाश के बगैर विकास की अवधारणा, सतत विकास, वायु प्रदूषण, औद्योगिक प्रदूषण, रेत खनन, नदियों के प्रदूषण और कचरा प्रबंधन पर विचार किया जाना चाहिए क्योंकि इससे समाज में जागरुकता बढ़ेगी। उन्होंने प्रदूषण से निपटने में अधिक उत्तरदायी होने की आवश्कता पर बल दिया।
इस अवसर पर केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, (सीपीसीबी) के अध्यक्ष श्री ए.के. मेहता ने कहा कि वनों तथा सदाबहार पौधों का क्षेत्र बढ़ा है। उन्होंने बताया कि प्रदूषणकारी औद्योगिक इकाइयों की ऑनलाइन निगरानी तथा व्यापक पर्यावरण प्रदूषण सूचकांक (सीईपीआई) में संशोधन किया गया है और उद्योगों का नया वर्गीकरण किया गया है।
17-18 मई, 2016 को हुए सम्मेलन में 302 चिन्हित प्रदूषित नदी क्षेत्रों की जल गुणवत्ता की बहाली, उद्योगों का पुनः वर्गीकरण तथा प्रदूषण नियंत्रण के लिए कार्रवाई, 17 श्रेणियों के उद्योगों से ऑनलाइन डाटा प्रबंधन और उल्लंघन के आधार पर कार्रवाई, सिवेज तथा ठोस कचरा प्रबंधन के लिए नगरपालिकाओं के विरुद्ध कार्रवाई करना तथा संशोधित फॉर्मूले के आधार पर महत्वपूर्ण प्रदूषण क्षेत्र में कार्ययोजना लागू करने की प्रगति की निगरानी पर विचार किया गया।
राज्य मार्च 2016 में मंत्रालय द्वारा अधिसूचित नए कचरा प्रबंधन नियमों को लागू करने पर सहमत हो गए हैं।