- April 24, 2016
चक्रवात जोखिम राहत परियोजना- 2361.35 करोड़ की सहायता -विश्व बैंक
परियोजना का दूसरा चरण गोवा, गुजरात, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र एवं पश्चिम बंगाल में विश्व बैंक की 2361.35 करोड़ की सहायता से तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की चक्रवात से अरक्षितता का समाधान खोजने के लिए क्रियान्वित किया जाएगा। जनता का यह वर्ग आमतौर पर निर्धन एवं समाज के कमज़ोर धड़ों से आता है।
राष्ट्रीय चक्रवात जोखिम राहत परियोजना फेज़-II के लिए केंद्र सरकार विश्व बैंक से ऋण के तौर पर 1881.20 करोड़ रुपए के बराबर की वित्तीय सहायता मुहैया कराएगी। 480.15 करोड़ की शेष धनराशि गोवा, गुजरात, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र एवंपश्चिम बंगाल की प्रदेश सरकारों द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी।
मोटे तौर पर परियोजना का लक्ष्य चक्रवात संबंधी पूर्व सूचना, निगाह एवं चेतावनी प्रणाली, चक्रवात जोखिम राहत और क्षमता निर्माण एवं ढेरों विपत्तियों का प्रबंधन आदि करना है। परियोजना के अंतर्गत खड़ी की जाने वाली बड़े ढांचागत तंत्र में बहुउद्देश्यीय चक्रवात शरणस्थल, संपर्क सड़कें, खारे तटबंधों का निर्माण एवं भूमिगत केबल बिछाने का कार्य शामिल है।
परियोजना का प्राथमिक उद्देश्य असुरक्षित राज्यों में जान एवं माल की न्यूनतम हानि का उद्देश्य रख आपदा नियंत्रण है। राज्यों में प्रस्तावित निवेश तटीय क्षेत्रों में रहने वालों की सुरक्षा एवं बचाव में उनको निकाले जाने, आधिकाधिक उपागम्यता,बेहतर चेतावनी प्रसारण एवं तीव्र जवाबी कार्यवाही के दृष्टिकोण से तटीय अवसंरचना को सुदृढ़ बनाएगा।
परियोजना से गोवा,गुजरात, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र एवं पश्चिम बंगाल में रहने वाले लाखों लोगों का लाभान्वित होना एवं भूमि की सुरक्षा में सहायक सिद्ध होना अनुमानित है। परियोजना को 2015-16 से 2019-2020 तक क्रियान्वित किया जाएगा।