- April 11, 2016
बिल्डरों पर वादाखिलाफी का आरोप:: यूनिटैक के खिलाफ संज्ञान :- मुख्यमंत्री
चंडीगढ़ —— हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने यूनिटैक के खिलाफ मिली शिकायतों का संज्ञान लेते हुए गुडग़ांव के उपायुक्त टी.एल.सत्यप्रकाश की अध्यक्षता में कमेटी गठित करके यूनिटैक की देश-विदेश में संपत्ति तथा जिम्मेदारियों का हिसाब लेने के निर्देश दिए हैं। उसी हिसाब से यूनिटैक के अलॉटियों को राहत पहुंचाने के निर्णय लिए जाएंगे।
श्री मनोहर लाल आज गुडग़ांव में जिला कष्ट निवारण समिति की पहली मासिक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इस बैठक में पिछली बैठक की लंबित शिकायतों में यूनिवर्ल्ड गार्डन-2, निर्वाणा कंट्री सैक्टर-50, साऊथ सिटी-2 आदि के रैजिडैंट वैलफेयर एसोसिएशनों तथा अन्य शिकायतकर्ताओं की शिकायतें सुनकर उनका निवारण कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने पहली बैठक में 24 शिकायतें सुनी और दोनों पक्षों को सुनने के बाद मौके पर अधिकतर का समाधान किया।
स्थानीय सैक्टर-47 स्थित यूनिवल्र्ड गार्डन-2 के अलॉटियों ने शिकायत की थी कि वहां पर 896 अपार्टमैंट और 159 ईडब्ल्यूएस के फ्लैट्स का प्रोजैक्ट लांच किया गया था, जो सितम्बर 2011 में पूरा होना था, लेकिन बिल्डर द्वारा अभी तक अलॉटियों को कब्जा नहीं दिया गया है।
निर्वाणा कंट्री तथा साऊथ सिटी-2 के निवासियों ने भी बिल्डर पर वादाखिलाफी करने का आरोप लगाया। यूनिटैक की तरफ से रमेश चन्द्रा मुख्यमंत्री के समक्ष उपस्थित हुए।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में यूनिटैक के श्री चन्द्रा से कहा कि वे दो सप्ताह में अपने सभी प्रोजैक्टों की टाईम लाईन की सूची बनाकर संपत्ति और जिम्मेदारियों का लेखा-जोखा नगर एवं ग्राम योजनाकार विभाग चंडीगढ़ में प्रस्तुत करें। ऐसा नहीं करने पर विभाग द्वारा यूनिटैक के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने यूनिटैक के मामले की जांच करने के लिए नगर एवं ग्राम योजनाकार विभाग के मुख्यालय पर उच्च स्तरीय जांच कमेटी बनाने के आदेश भी दिए हैं। यह कमेटी यूनिटैक के आर्थिक पहलुओं की जांच करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अलॉटी मेरे हरियाणा प्रदेश के हैं, इसलिए मैं चिंतित हूं और उन्हें राहत पहुंचाना मेरा कर्तव्य है।
गुडग़ांव शहर में हुडा तथा नगर निगम के क्षेत्रों में चल रहे गैस्ट हाऊसों के बारे में आई शिकायत पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ने सभी गैर-कानूनी गैस्ट हाऊसों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि या तो वे गैस्ट हाऊस बन्द किए जाएं, अथवा कमर्शियल गतिविधि चलाने के लिए रैगुलराईज होने चाहिएं।
उन्हें बताया गया कि गुडग़ांव शहर में कई पीजी भी चलाए जा रहे हैं, तो मुख्यमंत्री ने कहा कि इस विषय में सरकार एक पॉलिसी बनाएगी क्योंकि कुछ लोग यहां रोजगार के लिए आते हैं और उन्हें हो सकता है रहने के लिए पूरे मकान की आवश्यकता ही ना हो।
हंस एनकलेव वासियों द्वारा रखी गई शिकायत का निपटारा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुध डिपो के 900 मीटर प्रतिबंधित क्षेत्र का मामला न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण उसको छोडक़र बाकी शहर में अवैध कॉलोनियों में सार्वजनिक नल लगाकर पेयजल आपूर्ति उपलब्ध करवाएं ताकि कोई भी व्यक्ति स्वच्छ पेयजल की सुविधा से वंचित ना रहे।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने शहरी स्थानीय निकाय विभाग को 31 मार्च तक सभी अवैध कॉलोनियों का सर्वे करवाने का निर्देश दे रखा था। इन कॉलोनियों में अगले एक साल में विकास शुल्क भरवाकर मूलभूत सुविधाएं दी जाएंगी।
गुडग़ांव में दूध की डेयरियों के संबंध में भी मुख्यमंत्री ने कहा कि नगर निगम शहर के चारों तरफ 10 से 15 एकड़ के प्लॉट देखकर दूध की डेयरियों को वहां पर स्थापित करवाए क्योंकि शहर इतना बड़ा हो चुका है कि एक तरफ डेयरी स्थापित करने से दूध की आपूर्ति होना मुश्किल है।
सैक्टर-29 में रेस्टोरेंटों द्वारा अवैध रूप से हुडा की जमीन पर डीजी सैट लगाने बारे की गई शिकायत का निपटारा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हुडा विभाग इस संबंध में रेस्टोरेंट मालिकों को चेतावनी देकर डीजी सैटों को जब्त करे। उन्होंने कहा कि हुडा की जमीन पर कोई डीजी सैट नहीं होना चाहिए।
सैक्टर-55 में सीटी कॉपरेटिव सोसायटी से संबंधित एक अन्य मामले का निपटारा करते हुए मुख्यमंत्री ने गुडग़ांव के मंडलायुक्त डा. डी सुरेश को आदेश दिए कि वह यह तय करें कि मामला हुडा विभाग से संबंधित है या सहकारिता विभाग से संबंधित है। इस शिकायत में शिकायतकर्ताओं का आरोप था कि बेसमैंट में अवैध तरीके से 26 व्यवसायिक दुकानें बनाई गई हैं।