- March 16, 2016
खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में 100 प्रतिशत एफडीआई का फैसला :- श्रीमती हरसिमरत कौर बादल
अगले कुछ वर्षों में भारत को विश्व के लिए खाद्य फैक्ट्री बनाने की अभिलाषा है : मंत्री
मैं ऐसा बाजार चाहती हूं जो किसानों की दहलीज तक जाये: श्रीमती हरसिमरत कौर बादल
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री ने आहार के 31वें संस्करण का उद्घाटन किया
अंतर्राष्ट्रीय खाद्य एवं आतिथ्य मेला-2016 में सबसे ज्यादा भागीदारी
केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्रीमती हरसिमरत कौर बादल ने नई दिल्ली के प्रगति मैदान में अंतर्राष्ट्रीय खाद्य एवं आतिथ्य मेला-2016 का उद्घाटन करते हुए कहा कि वैश्विक मंदी के बीच भारत निरंतर दैदीप्यमान स्थान पर बना हुआ है।
उन्होंने कहा कि बहुत सी ऐसी विदेशी कंपनियों ने ‘आहार’ में भाग लेने के लिए मुझसे सहयोग मांगा, जिनसे मेरी मुलाकात अंतर्राष्ट्रीय खाद्य प्रदर्शनियों में हुई थी। उन्होंने कहा कि यह भारत के प्रति बदलते वैश्विक नजरिये और माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की वैश्विक पहुंच की बदौलत ‘ब्रांड इंडिया’ के सशक्त होने का प्रमाण है।
उनके नेतृत्व में सरकार ने अर्थव्यवस्था की वृद्धि के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करने के लिए कड़ी मेहनत की है। भारत में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र दैदीप्यमान स्थान बनने जा रहा है, जो इस वृद्धि को गति प्रदान करेगा।
श्रीमती बादल ने कहा कि भारत में उत्पादित और प्रसंस्कृत होने वाले खाद्य उत्पादों के लिए बहु ब्रांड खुदरा में 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति देने का बजटीय फैसला भारतीय अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने स्वदेशी और घर में उपजाये गये अनाज में एफडीआई से संबंधित फैसले को रेखांकित किया।
एक औसत भारतीय अपनी आमदनी का 40 प्रतिशत हिस्सा खाद्य पदार्थों पर खर्च करता है और हम जो उगाते है, उसमें से सिर्फ 10 प्रतिशत को ही भारत में प्रसंस्कृत किया जाता है। इन तथ्यों को दोहराते हुए श्रीमती बादल ने उस विशाल अवसर की ओर इंगित किया, जो निवेशकों का ध्यान आकृष्ट करता है। उन्होंने कहा कि एफडीआई के फैसले से इस क्षेत्र को प्रोत्साहन मिलेगा और वह किसानों का उत्थान करने और 2022 तक किसानों की आमदनी दुगनी करने के अंतिम लक्ष्य की दिशा में योगदान देगा।
मैं चाहती हूं कि मुझे बाजार न जाना पड़े, मैं चाहती हूं कि बाजार मुझ तक चलकर आये।
भारतीय किसानों के समक्ष मौजूद बड़े बाजारों तक पहुंच कायम करने की चुनौती के बारे में श्रीमती बादल ने कहा कि वह ऐसे बाजार की संभावनाओं पर गौर कर रही हैं, जो किसान की दहलीज तक जाए, एक ऐसा उद्योग, जो किसानों का पीछा करे। उन्होंने कहा कि 100 प्रतिशत एफडीआई से उद्योग जगत और किसानों में भागीदारी कायम होगी, जो अवसंरचना से जुड़ी कडि़यां तैयार करने और नुकसान रोकने और इस प्रकार किसानों की संभावनाओं को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाएगी।
श्रीमती बादल ने अप्रैल 2016 में प्रारंभ होने जा रहे ई-मार्किटिंग मंच के बारे में भी अपने विचार रखे। उन्होंने इसे प्रधानमंत्री द्वारा की गई क्रांतिकारी पहल बताते हुए इसका स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह डिजिटल मंच 585 नियंत्रित बाजारों का एकीकरण करेगा, किसानों और कारोबारियों को उचित दामों पर पारदर्शक रूप से कृषि जिन्से खरीदने और बेचने के लिए पहुंच उपलब्ध कराएगा। श्रीमती बादल ने पूर्वोत्तर भारत में जैविक कृषि की संभावनाओं का लाभ उठाने के सरकार के विजन के बारे में भी विचार व्यक्त किये।
श्रीमती बादल ने कहा कि 42 मेगा फूड पार्क बनने जा रहे है, विदेशी कंपनियां भी ‘मेक इन इंडिया’ का अनुसरण करते हुए इन पार्कों से, और तो और अपनी पसंद के देशों से जुड़ सकती हैं। इसमें प्लग एंड प्ले मॉडल से सहयोग मिलेगा, जिसके अंतर्गत ये पार्क संचालित होते हैं, जहां ढांचागत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। उन्होंने कहा कि अगले कुछ वर्षों में भारत को विश्व के लिए खाद्य फैक्ट्री बनाने की इच्छा रखती हैं।
भारत को विश्व के लिए खाद्य फैक्ट्री बनाने की इच्छा
– केन्द्रीय खा़द्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री, श्रीमती हरसिमरत कौर बादल
श्रीमती बादल ने आहार 2016 में अभूतपूर्व भागीदारी, विशेषकर नये और युवा उद्यमियों पर ध्यान केन्द्रित करने तथा पाक कला प्रतियोगिता जैसे आकर्षण जोड़ने के लिए भारतीय उद्योग संवर्द्धन संगठन-आईटीपीओ को बधाई दी।
आईटीपीओ के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, श्री एल.सी. गोयल ने कहा कि आहार व्यापार संवर्द्धन कार्यक्रम के स्थान पर वृद्धि को प्रोत्साहन देने वाले कार्यक्रम में परिवर्तित हो गया है। उन्होंने कहा कि खाद्य और आतिथ्य क्षेत्र में भारत अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनियों के वैश्विक कैलेंडर में प्रमुख स्थान ग्रहण करते हुए एक सुविख्यात ब्रांड बन चुका है।
श्री गोयल ने कहा कि इस क्षेत्र में 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति देने के फैसले के – फसल कटाई के बाद होने वाली बर्बादी में कमी लाने, फसलों में विविधता में सहायता, वैश्विक कंपनियों को भारत में निवेश और उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करने और इस प्रकार रोजगार के अवसरों के बड़े पैमाने पर सृजन जैसे व्यापक बहुआयामी प्रभाव पड़ेंगे। उन्होंने कहा कि इससे मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया और स्टार्ट अप इंडिया जैसे अन्य उद्देश्यों को भी मदद मिलेगी।
आईटीपीओ के अध्यक्ष ने कहा कि ई-निविदा और ई-प्रतिदाय की शुरूआत के साथ उनके संगठन की भूमिका का दोबारा विन्यास किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रगति मैदान परिसर को विश्वस्तरीय प्रदर्शनी-सह-सम्मेलन परिसर के रूप में पुन: विकसित करने का कार्य, विचार मंथन के क्षेत्र में काफी आगे बढ़ चुका है। उन्होंने कहा कि प्रशासन किसी भी आयोजन पर इस पुनर्विकास परियोजना का प्रतिकूल असर नहीं पड़ने देगा। आहार 2016 ने प्रदर्शनी में भाग लेने वालों तथा उन्हें उपलब्ध कराये गये स्थान की दृष्टि से पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिये हैं, इसका संज्ञान लेते हुए श्री गोयल ने कहा कि आईटीपीओ का नया सिद्धांत ‘बेहतर और बड़ा’ है।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने भारत सरकार की स्वच्छ भारत कोष और स्वच्छ गंगा पहल को आईटीपीओ की ओर से एक-एक करोड़ रूपये के चैक प्रदान किये।