- March 16, 2016
एक लाख किमी बाईक भ्रमण पर निकले रोहित
उदयपुर ———– हार्ट फुलनेस, मेडिटेशन और वैश्विक भ्रातृत्व भाव जगाने का संदेश लेकर चेन्नई से मोटरसाईकिल पर एक लाख किलोमीटर दुनिया के भ्रमण पर निकले रोहित सुब्रह्मण्यम का मंगलवार को उदयपुर पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया।
इक्कीस वर्षीय रोहित अब तक 15 हजार किलोमीटर की दूरी तय कर दस राज्यों का भ्रमण कर चुके हैं। जनवरी से शुरू की इस अनूठी यात्रा में वे भारत में पांच माह में 30 हजार किलोमीटर की यात्रा कर पूरे देश का भ्रमण करने के बाद विदेशों का भ्रमण करेंगे। इसमें 46 देशों में जांएगे।
उन पर अपने मिशन को पूरा करने का जुनून सवार है। वे सहज मार्ग के सिद्धान्तों के प्रचार-प्रसार के साथ ही ध्यानविधियों से लोगों को जोड़ते हैं तथा आत्मिक आनंद ध्यान के लिए भावभूमि तैयार करते हैं।
अपनी यात्रा वे सवेरे पांच बजे आरंभ करते हैं और रोजाना 350 किलोमीटर का सफर तय करते हैं। रास्ते में वे सहज मार्ग और ध्यान विधि के बारे में लोगों को बताते हैं।
उनका मानना है कि आजकल इंसान तनावों के दौर से गुजर रहा है और ऎसे में उसे रिलेक्स कर सहज बनाने के लिए सहज मार्ग की हार्ट फुलनेस विधि से जोड़ा जाए तो ध्यान का अभ्यास इंसान को सारे तनावों और समस्याओं से मुक्त कराकर हमेशा उत्साहित और ऊर्जित रख सकता है। इसी तकनीक को वे पूरी यात्रा में जन समुदाय को बताते हैं।
उनका प्रण है कि वे किसी होटल में नहीं रुकते बल्कि किसी अभ्यासी के घर या अन्यत्र रुकते हैंं। अपनी यात्रा के दौरान वे जीवन के नए-नए अनुभवों से वाकिफ होने के लिए कई किरदारों का परिचय देते हैं।
रोहित युवाओं से कहते हैं कि वे अपनी जिन्दगी अपनी तरह, अपने अरमानों के अनुरूप जीयें, भूत और भविष्य के सारे आयामों से परे रहकर वर्तमान को पूरे आनंद से जीयें और अपने आपको अन्यतम बनाएं। इससे जीवनयापन का आनंद कई गुना हो जाता है।
वे कहते हैं कि समय कम है, रोजाना समय बीत रहा है इसलिए जो करना है उसे आज ही करो। ऎसा कुछ करो कि सब कुछ मौलिकता लिए हुए और अलग हो, समाज और विश्व सभी को आनंददायी लगे तथा प्रेरणा का संचार हो। बंधुत्व, माधुर्य और कल्याणकारी भावनाओं की प्रतिष्ठा हो।
अपनी बाईक पर जब वे यात्रा करते हैं तब जो उन्हें देखता है वह अभिभूत हुए बिना नहीं रहता। मंगलवार को उदयपुर पहुंचने पर जुनून से भरे युवा रोहित का सहज मार्ग के अभ्यासियों ने स्वागत किया और परिचर्चा का आयोजन किया जिसमें रोहित ने अपनी यात्रा के उद्देश्यों और अनुभवों पर विस्तार से चर्चा की।