• February 29, 2016

मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान :- – डाॅ.दीपक आचार्य , उप निदेशक

मुख्यमंत्री  जल स्वावलम्बन अभियान :- – डाॅ.दीपक आचार्य , उप निदेशक

जयपुर  ( (सू०ज०) —  राजस्थान में पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ ही सिंचाई सुविधाओं के विस्तार की दृष्टि से मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान राज्य सरकार का ऐसा वरदान है जो आने वाले समय में प्रदेश को पानी से जुड़ी कई समस्याआ से राहत प्रदान करेगा। इस अभियान ने प्रदेश में पानी की समस्या पर काबू पाने की दिशा में दीर्घकालीन उपायों की ठोस बुनियाद स्थापित की है। 1
ग्राम्य विकास को मिलेगा संबल———— ग्राम्य लोक जीवन को विकास की मुख्य धाराओं से जोड़कर आँचलिक खुशहाली लाने की दिशा में विभिन्न योजनाओं का सूत्रापात किया जा रहा है। इनमें जल संरचनाओं के पुनरुद्धार एवं नवीन जलस्रोतों को विकसित करने, गांव के पानी को गांव में ही रोक कर लम्बे समय तक स्थानीय उपयोग में लाने, खेती-बाड़ी एवं पशुपालन विकास आदि गतिविधियों के जरिये ग्रामीण विकास के सुनहरे स्वप्न को साकार करने आदि में मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन योजना के अन्तर्गत जनसहयोग से हाथ में लिए गए कार्य ऐतिहासिक हैं।
सावन को आने दो
इन कार्यों में स्थानीय ग्रामीणों की उत्साहपूर्ण सहभागिता और 30 जून तक इन कामों को पूरी गुणवत्ता के साथ पूर्ण करने-कराने की होड़ को देख लगता है कि अबकि बार का सावन राजस्थान के लिए पानी की दृष्टि से आत्मनिर्भरता का पैगाम देने वाला साबित होगा।
अभियान बना उत्प्रेरक———— राजस्थान में पेयजल और सिंचाई सुविधाओं के विस्तार एवं विकास की दृष्टि से संचालित विभिन्न छोटी-बड़ी योजनाओं को और अधिक उपयोगी बनाने की दृष्टि से मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन ऐसा उत्प्रेरक साबित हो रहा है जो इन योजनाओं को आर्थिक एवं श्रमदान से संबंधित सम्बल तो प्रदान कर ही रहा है, अन्य योजनाओं का इनके साथ समन्वय भी इनकी गति को तीव्रता देने लगा है।
कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि राजस्थान मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान की बदौलत पानी के मामले में आत्मनिर्भरता पाने की दिशा में तेजी से बढ़ता जा रहा है।
प्रदेश भर में है गूंज—————- राजस्थान के हर कोने में इन दिनों अभियान की जबर्दस्त गूंज है। दूरदराज के पहाड़ी क्षेत्रों, मगरों, पालों, फलों, ढाणियों से लेकर गांवों, कस्बों और शहरों सभी जगह मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान की बहुआयामी गतिविधियां परवान पर हैं।
सबकी सहभागिता आयी सामने
इनमें न केवल पूरी की पूरी सरकारी मशीनरी बल्कि प्रदेश भर में जन प्रतिनिधियों, औद्योगिक एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों, कारोबारियों, संत-महात्माआंें और महंतों, संगठनों, स्वयंसेवी संस्थाओं और आम लोगों की सहभागिता भी चरम पर देखी जा रही है।
यह सहभागिता न केवल आर्थिक योगदान बल्कि श्रमदान के रूप में देने के लिए जनता उत्साह से आगे आ रही है। इनके साथ ही पुलिस, आर्मी, स्काउट-गाइड़, एनसीसी और अन्य संस्थाएं भी अपना योगदान दे रही हैं। बड़ी संख्या में जल संरक्षण कार्यों को गोद लिया जाकर विकास किया जा रहा है।

मची है स्वैच्छिक योगदान की हौड़ ———— अभियान को लेकर प्रदेश के कोने-कोने तक विभिन्न प्रचार माध्यमों से जगी जनचेतना की वजह से अब प्रदेशवासियों की समझ में आ गया है कि इस अभियान का कितना अधिक महत्व उनके स्वयं के लिए तथा राजस्थान के लिए है जहां जल समस्या कोई नई नहीं है।
प्रदेश की भौगोलिक स्थिति को देखा जाए तो कहीं मैदानी भाग हैं, कहीं पहाड़ी क्षेत्रा है और कहीं रेगिस्तान पसरा हुआ है। इन सभी में कहीं बरसात हमेशा कम होती है जबकि कई हिस्सों में बारिश तो खूब होती है लेकिन पहाड़ों से पानी बहकर अन्यत्रा चला जाता है और इस पानी का कोई उपयोग नहीं हो पाता।
इस वजह से भूमिगत जल स्रोत का भण्डार भी भर नहीं पाता। इस अभियान में हर क्षेत्रा के लिए जल संग्रहण की दृष्टि से उपयोगी गतिविधियों को हाथ में लिया गया है। इससे पहाड़ी, मैदानी और मरुस्थलीय इलाकों तक में बरसाती पानी के संग्रहण तथा दीर्घकालीन उपयोग के बेहतर उपाय सुनिश्चित किए गए हैं।
खुशहाली का प्रपात बनेगा अभियान—————- आंचलिक विकास और जनजीवन की समृद्धि में जल संरक्षण अपने आप में वह बुनियाद है जिस पर अन्य सभी कारक टिके हुए हैं। जल संरक्षण से पेयजल और सिंचाई गतिविधियों को सहारा एवं पुष्टि प्राप्त होगी वहीं हरियाली विस्तार से वन विकास, पशुपालन संवर्द्धन, खेती-बाड़ी से खलिहानों की समृद्धि, रोजगार सृजन, वनोपज, वन्य जीवों को सुकून मिलने सहित लोक जीवन के तमाम आयाम सुदृढ़ होंगे।
राजस्थान बनाएगा अग्रणी पहचान——————- इनका सीधा लाभ पूरे राजस्थान को प्राप्त होगा और अपना प्रदेश विकास की प्रतिस्पर्धा में और अधिक रफ्तार पाता हुआ देश के अग्रणी राज्यों में शुमार होगा, इसमें कोई संशय नहीं।
पानी से जुड़ी तमाम गतिविधियों को मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान ने सम्बल प्रदान कर जल संरक्षण में सार्थक भूमिका सिद्ध की है। इसमें बांध, एनिकटों, तालाबों एवं नाकों के कामों को नई गति प्राप्त हुई है और इनकी उपयोगिता की आस पक्की हुई है।
हर क्षेत्रा में इस अभियान की उपयोगिता को देख आम ग्रामीणों में ख़ासा उत्साह है। यही वजह है कि गांव के लोग इसके कामों को अपना काम मानकर जी जान से श्रमदान करने में जुटे हुए हैं।
पूरा है विश्वास, हम होंगे कामयाब
सभी को पक्का विश्वास हो चला है कि मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान में जो-जो काम हो रहे हैं, उनसे इस बार की बरसात उनके लिए हमेशा-हमेशा के लिए खुशहाली का पैगाम लेकर आएगी जब उनके गांव का पानी गांव में रुकेगा और गांव वालों के काम आएगा। ग्रामीणों के लिए पेयजल के साथ ही पशुओं को भी लाभ होगा और खेती-बाड़ी से खुशहाली पाने का नया दौर शुरू होगा।
जल अभियान बना जन अभियान—————- राजस्थान भर में इस अभियान को लेकर व्यापक जनोत्साह पसरा हुआ है जो इस बात का संकेत दे रहा है कि प्रदेश में अब यह अभियान जनता का अपना अभियान बन चुका है जो अपने लिए काम आने वाला है, अपने गांव को तरक्की के तराने सुनाने वाला है।
शहरों में भी जगी चेतना
प्रदेश में गांवों की ही तर्ज पर शहरों में भी मुख्यमंत्राी जल स्वालम्बन अभियान के अन्तर्गत परंपरागत जलस्रोतों की साफ-सफाई, संरक्षण और विकास की गतिविधियों का संचालन हो रहा है।
मुख्यमंत्राी श्रीमती वसुन्धरा राजे की पहल पर प्रदेश भर में जारी यह अभियान राजस्थान के समग्र विकास का महाभियान है जो जन-जन से लेकर अंचल-अंचल तक के लिए सरकार का वह वरदान साबित हो रहा है जिसे पीढि़यों तक याद रखा जाएगा।

Related post

धार्मिक समाज सुधारकों की परंपरा को बचाने की लड़ाई

धार्मिक समाज सुधारकों की परंपरा को बचाने की लड़ाई

एड. संजय पांडे — शिवगिरी मठ सभी दलों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखता है। वार्षिक…
हिमालय की तलहटी में  6.8 तीव्रता का भूकंप,95 लोग मारे गए,नेपाल, भूटान और भारत में भी इमारतों को हिला दिया

हिमालय की तलहटी में  6.8 तीव्रता का भूकंप,95 लोग मारे गए,नेपाल, भूटान और भारत में भी…

बीजिंग/काठमांडू 7 जनवरी (रायटर) – चीनी अधिकारियों ने कहा  तिब्बत के सबसे पवित्र शहरों में से…
1991 के पूजा स्थल कानून को लागू करने की मांग याचिका पर विचार करने पर सहमति : सर्वोच्च न्यायालय

1991 के पूजा स्थल कानून को लागू करने की मांग याचिका पर विचार करने पर सहमति…

सर्वोच्च न्यायालय ने एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की उस याचिका पर विचार करने पर सहमति जताई…

Leave a Reply