आर्थिक समीक्षा 2015-16 में योगदान लगभग 66.1 %

आर्थिक समीक्षा 2015-16 में योगदान लगभग 66.1 %

पेसूका ——————–  भारत में सेवा क्षेत्र अब भी राष्‍ट्र एवं राज्‍यों की आमदनी, व्‍यापार प्रवाह, एफडीआई प्रवाह और रोजगार में योगदान के लिहाज से सर्वाधिक जीवंत क्षेत्र है। 

 आज संसद में पेश की गई आर्थिक समीक्षा 2015-16 के मुताबिक वर्ष 2015-16 में इसके सकल मूल्‍यवर्धन की वृद्धि में सेवा क्षेत्र का योगदान लगभग 66.1 प्रतिशत रहा, जिसकी बदौलत यह महत्‍वपूर्ण शुद्ध विदेशी मुद्रा अर्जक और एफडीआई (प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश) के प्रवाह की दृष्टि से सर्वाधिक आकर्षक क्षेत्र के रूप में उभर कर सामने आया है।

संकट के बाद की अवधि (2010-14) के दौरान आर्थिक सुस्‍ती दर्ज किये जाने के बावजूद भारत में 8.6 प्रतिशत की सीएजीआर (संयोजित वार्षिक वृद्धि दर) के साथ भारत में सेवा क्षेत्र ने सर्वाधिक वृद्धि दर्शायी है, जिसके बाद 8.0 प्रतिशत की सीएजीआर के साथ चीन दूसरे स्‍थान पर है।

‘वैश्विक रोजगार एवं सामाजिक दृष्टिकोण : रूझान 2015’ पर आईएलओ (अंतर्राष्‍ट्रीय श्रम संगठन) की रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले वर्षों में रोजगार सृजन मुख्‍यत: सेवा क्षेत्र में ही होगा।

एफडीआई

वर्ष 2014 के दौरान भारत में एफडीआई 34 अरब अमेरिकी डॉलर दर्ज किया गया, जो वर्ष 2013 के मुकाबले 22 प्रतिशत ज्‍यादा है। वर्ष 2014-15 और वर्ष 2015-16 (अप्रैल-अक्‍टूबर) के दौरान आमतौर पर और मुख्‍यत: सेवा क्षेत्र में एफडीआई के प्रवाह में उल्‍लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।

भारत का सेवा व्‍यापार

हाल के वर्षों में भारत के व्‍यापार और भूमंडलीयकरण में सेवा निर्यात एक अहम गतिशील घटक रहा है। भारत का सेवा निर्यात वर्ष 2001 के 16.8 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़कर वर्ष 2014 में 155.6 अरब अमेरिकी डॉलर के स्‍तर पर पहुंच गया, जिसका जीडीपी में 7.5 प्रतिशत योगदान है और इसके साथ ही भारत विश्‍व में आठवां सबसे बड़ा सेवा निर्यातक बन गया है।

पर्यटन

पर्यटन आर्थिक विकास का एक प्रमुख इंजन और विभिन्‍न तरह के रोजगारों का सृजक है। आर्थिक समीक्षा के मुताबिक भारत का पर्यटन विकास वर्ष 2015 में विदेशी पर्यटक आगमन (एफटीए) के लिहाज से घटकर 4.5 प्रतिशत और विदेशी मुद्रा आमदनी (एफईई) के लिहाज से घटकर 2.8 प्रतिशत रह गया, जो वर्ष 2014 में एफटीए के लिहाज से 10.2 प्रतिशत और एफईई के लिहाज से 9.7 प्रतिशत था। हालांकि, घरेलू पर्यटन का अब भी इस क्षेत्र में अहम योगदान देखा जा रहा है, जिससे इसे आवश्‍यक गति निरंतर मिल रही है।

शिपिंग व बंदरगाह सेवाएं

मात्रा की दृष्टि से भारत के व्‍यापार के लगभग 95 प्रतिशत और मूल्‍य की दृष्टि से देश के व्‍यापार के 68 प्रतिशत का परिवहन समुद्री मार्ग से होता है। भारतीय बंदरगाहों का कारगो यातायात वर्ष 2014-15 में 8.2 प्रतिशत बढ़कर 1052.21 मिलियन टन के स्‍तर पर पहुंच गया।

आईटी-बीपीएम सेवाएं

आईटी-बीपीएम क्षेत्र ने काफी लचीलापन दर्शाया है और आर्थिक समीक्षा के मुताबिक वर्ष 2015-16 के दौरान जीडीपी में इसका हिस्‍सा 9.5 प्रतिशत और कुल सेवा निर्यात में इसका हिस्‍सा 45 प्रतिशत से भी ज्‍यादा हो जाने की आशा है। वर्ष 2015-16 में 21.4 प्रतिशत की वृद्धि दर के साथ ई-कॉमर्स के बढ़कर 17 अरब अमेरिकी डॉलर के स्‍तर पर पहुंच जाने की आशा है।

अनुसंधान एवं विकास सेवाएं

सीएसओ (केन्‍द्रीय सांख्यिकी संगठन) की नई विधि के मुताबिक आर एंड डी के लिए कोई पृथक शीर्षक नहीं है, यह प्रोफेशनल, वैज्ञानिक एवं तकनीकी गतिविधियों का एक हिस्‍सा है, जिसमें आर एंड डी भी शामिल है और इसने वर्ष 2013-14 और 2014-15 में क्रमश: 3.8 तथा 25.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्शायी है।

परामर्श सेवाएं

आर्थिक समीक्षा के मुताबिक परामर्श सेवाएं भी भारत के सर्वाधिक तेजी से विकसित होने वाले खंडों में खुद को शुमार करने में सफल हो रही हैं। सरकार ने घरेलू सलाहकारों के क्षमता विकास के लिए विपणन विकास सहायता जैसे अनेक कदम उठाए हैं।

रियल एस्‍टेट और आवास

वर्ष 2014-15 के दौरान भारत के जीवीए (सकल मूल्‍य वर्धन) में इस क्षेत्र का योगदान 8.0 प्रतिशत आंका गया और इसने 9.1 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की। वर्ष 2011-12 से ही यह सेक्‍टर 8.1 प्रतिशत की सीएजीआर के साथ विकास कर रहा है।

आं‍तरिक व्‍यापार

आर्थिक समीक्षा के मुताबिक, जीवीए में 10.7 प्रतिशत की हिस्‍सेदारी के साथ 12,31,073 करोड़ रुपये के व्‍यापार एवं मरम्‍मत सेवा क्षेत्र ने वर्ष 2014-15 में 10.8 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्शायी। भारत के रिटेल बाजार के वर्ष 2020 तक बढ़कर 1.3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के स्‍तर पर पहुंच जाने की आशा है और इसके साथ ही भारत विश्‍व का सर्वाधिक तेजी से आगे बढ़ने वाला प्रमुख विकासशील बाजार बन जाएगा।

मीडिया एवं मनोरंजन सेवाएं

आर्थिक समीक्षा के अनुसार, इस उद्योग ने पिछले दो दशकों में अप्रत्‍याशित वृद्धि दर दर्शायी है और इसके साथ ही भारत के सर्वाधिक तेजी से विकसित होने वाले उद्योगों में यह भी शामिल हो गया है। वर्ष 2019 तक 13.9 प्रतिशत की सीएजीआर के साथ इस उद्योग का कारोबार 1964 अरब रुपये के स्‍तर पर पहुंच जाने की आशा है।

डाक सेवाएं

इंडिया पोस्‍ट विश्‍वभर में सबसे बड़ा डाक नेटवर्क है। वित्‍तीय समावेश की दिशा में डाक घर बचत बैंक (पीओएसबी) खातों की संख्‍या 30.86 करोड़ से बढ़कर 33.97 करोड़ रुपये के स्‍तर पर पहुंच गई है। 80 लाख से भी ज्‍यादा ‘सुकन्‍या समृद्धि योजना’ खाते खोले गए हैं।

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