- January 5, 2016
मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान: संतों का सहयोग : मंत्री श्रीमती किरण माहेश्वरी
जयपुर – ‘मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान’ में धार्मिक ट्रस्टों और संगठनों की अधिकाधिक भागीदारी बढ़ाने के लिए जलदाय मंत्री श्रीमती किरण माहेश्वरी की अध्यक्षता में धार्मिक समन्वय ट्रस्ट प्रकोष्ठ की बैठक आयोजित की गई।
गौ पालन एवं देवस्थान विभाग मंत्री श्री ओटाराम देवासी और राजस्व मंत्री श्री अमराराम चौधरी की उपस्थिति में सोमवार को शासन सचिवालय में हुई इस बैठक में धार्मिक समन्वय ट्रस्ट प्रकोष्ठ द्वारा की गई अब तक की गतिविधियों की समीक्षा की गई और आने वाले दिनों में होने वाले कार्यों की योजनाओं पर विचार-विमर्श किया गया।
श्रीमती माहेश्वरी ने बताया कि मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान में ज्यादा से ज्यादा संतों और धार्मिक गुरुओं को जोडऩे के लिए हमनें देश भर के प्रमुख संतों से मुलाकात की और उन्हें इस अभियान के बारे में बताया। इसमें हमें संतों से काफी अच्छा सहयोग भी मिला।
बैठक में आर्ट ऑफ लिविंग संस्थान से आए प्रतिनिधियों ने बताया कि संस्थान ‘मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान’ में लोगों को जल सरंक्षण के प्रति जागरूक बनाने और उन्हें प्रेरित करने के लिए उदयपुर, राजसमंद और डूंगरपुर जिलों के ग्रास रूट लेवल वर्कर्स को प्रशिक्षित करेगा। उन्होंने बताया कि 8 से 10 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण में प्रशिक्षित प्रतिभागी ब्लॉक स्तर पर जाकर आमजन को जागरूक करेगा।
दिल्ली स्थित शनि धाम के श्री दाती महाराज का संस्थान पाली, जालोर और सिरोही जिलों में प्रचार-प्रसार में काम आने वाली सामग्री में सहयोग करेगा। इन तीन जिलों में ‘मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान’ से जुड़े पोस्टर, बैनर, स्टीकर्स और अन्य प्रचार-प्रसार की सामग्री उनके संस्थान द्वारा दी जाएगी। यही नहीं अभियान के दौरान इन जिलों में वे स्वयं जा-जाकर लोगों को अभियान से जोडऩे का काम भी करेंगे। इसी कड़ी में राधास्वामी ब्यास सत्संग संस्थान के प्रतिनिधियों ने ‘मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान’ में सभी सत्संगियों को जोडऩे का भरोसा दिलाया। भीलवाड़ा के रामस्नेही सम्प्रदाय के श्री रामदयाल ने भी अभियान में हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया है।
गौ पालन एवं देवस्थान विभाग मंत्री श्री ओटाराम देवासी ने कहा कि जल स्वावलंबन अभियान को सफल बनाने के लिए जिले और ग्राम पंचायत स्तर के संतों के कर कमलों द्वारा अभियान की शुरूआत की जाएगी। जिला स्तर पर बड़े ट्रस्टों से जुड़े संत और पंचायत स्तर पर गंाव के पुजारी लोगों में जल संरक्षण की अलख जगाएंगे।
राजस्व मंत्री श्री अमराराम चौधरी ने कहा कि पंच, सरपंच, प्रधान, जिला परिषद सदस्य, विधायक, सांसद समेत सभी जनप्रतिनिधियों को इस अभियान से जुडऩा होगा। उन्होंने कहा कि आमजन तक यह बात पहुंचानी होगी कि इस अभियान से गांवों का काया-कल्प होगा और पानी के प्रति किसी पर आश्रित नहीं रहना होगा।
श्रीमती माहेश्वरी ने देवस्थान विभाग को प्रदेश के सभी ट्रस्टों के प्रमुखों को पत्र लिखकर और उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि 27 जनवरी से शुरू होने वाले ‘मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान’ जैसा पुनित काम जिले और पंचायत स्तर के संतों और उनकी सहभागिता के द्वारा पूरा होना आवश्यक है।
बैठक में अखिल भारतीय और राज्य केे अन्य ट्रस्टों और धार्मिक संगठनों को भी जोडऩे पर चर्चा हुई, जिसके अनुसार अभियान में हरिद्वार के गायत्री शक्ति पीठ, बाड़मेर जिले के नाकोडा आश्रम, आबू रोड के ब्रह्मकुमारी संस्थान, डेरा सच्चा सौदा, बांसवाड़ा के त्रिपुरा सुंदरी, काली कल्याण धाम ट्रस्ट, जालौर के सुंडा माता ट्रस्ट, प्रतापगढ़ के भंवर माता ट्रस्ट और चित्तोडग़ढ़ के सांवरिया धाम का भी सहयोग लिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि ‘मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान’ में आने वाले 4 वर्षों में 21 हजार गंावों को जोड़ा जाएगा और उन्हें जल के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास किए जाएंगे। पहले चरण में इस अभियान के तहत राज्य की लगभग सभी पंचायतों से 3 हजार गांवों का चयन किया गया है। दूसरे चरण में 6-6 हजार गांवों को इससे जोड़ा जाएगा। इस अभियान का उद्देश्य है कि गांव का पानी गांव में रहे। गांवों के सभी पंरपरागत जल स्रोतों का पुनरुद्घार हो और हर आदमी जल संरक्षण के प्रति गंभीर हो।
बैठक में देवस्थान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अशोक शेखर, आयुक्त देव स्थान विभाग श्री अशोक यादव समेत कई अधिकारीगण उपस्थित रहे।