- January 2, 2016
दालभात केन्द्र : भोजन योजना की निगरानी :: साक्षरता मिशन
रायपुर (छत्तीसगढ) —दालभात केन्द्र०००००००००००००००००० प्रदेश सरकार द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राज्य के छात्रावासों-आश्रमों, दालभात केन्द्रों और कल्याणकारी संस्थाओं के लिए इस महीने 54 हजार 035 क्विंटल चावल आवंटित किया गया है। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने इसका आवंटन राज्य के सभी 27 जिलों को कर दिया है। आवंटन आदेश के अनुसार दक्षिण बस्तर (दंतेवाड़ा) जिले को तीन हजार 732 क्विंटल, जांजगीर-चाम्पा जिले को तीन हजार 574 क्विंटल, बस्तर जिले को तीन हजार 512 क्विंटल, बीजापुर जिले को तीन हजार 470 क्विंटल, बिलासपुर जिले को तीन हजार 229 क्विंटल और सरगुजा जिले को तीन हजार 096 क्विंटल चावल दिया गया है। सुकमा जिले को तीन हजार 127 क्विंटल, कोरबा जिले को दो हजार 308 क्विंटल, रायगढ़ जिले को दो हजार 528 क्विंटल, बलरामपुर-रामानुजगंज जिले को दो हजार 294 क्विंटल, उत्तर बस्तर (कांकेर) जिले को दो हजार 167 क्विंटल, जशपुर जिले को दो हजार 117 क्विंटल, कोण्डागांव जिले को एक हजार 755 क्विंटल एवं नारायणपुर जिले को एक हजार 670 क्विंटल चावल आंवटित किया गया है। कबीरधाम जिले को एक हजार 814 क्विंटल, बलौदाबाजार-भाटापारा जिले को एक हजार 801 क्विंटल, गरियाबंद जिले को एक हजार 439 क्विंटल, सूरजपुर जिले को एक हजार 616 क्विंटल, कोरिया जिले को एक हजार 371 क्विंटल, बालोद जिले को एक हजार 278 क्विंटल, राजनांदगांव जिले को एक हजार 070 क्विंटल, दुर्ग जिले को एक हजार 027 क्विंटल, मुंगेली जिले को 995 क्विंटल, महासमुंद जिले को 898 क्विंटल, धमतरी जिले को 855 क्विंटल, बेमेतरा जिले को 799 क्विंटल और रायपुर जिले को 492 क्विंटल चावल का आवंटन जारी किया गया है।
अंबिकापुर ००००००००००भोजन योजना की निगरानी ००००००००००० छत्तीसगढ़ शासन के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा 17 दिसम्बर को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अन्तर्गत मध्यान्ह भोजन नियम 2015 का प्रकाशन किया गया है। इस नियम में बताया गया है कि शाला विकास एवं प्रबंधन समिति को विद्यालयों मे मध्यान्ह भोजन योजना की निगरानी एवं मॉनीटरिंग का दायित्व सौंपा गया है। इसके तहत मध्यान्ह भोजन का क्रियान्वयन, बालकों को दिये जाने वाले भोजन की गुणवत्ता, खाना पकाने के स्थान की साफ-सफाई और स्वच्छता बनाये रखने का निरीक्षण किया जायेगा।
इस नियम के अंतर्गत स्कूल के प्रधान अध्यापक एवं प्रधान अध्यापिका को सशक्त अधिकार होगा कि वह स्कूल के खाद्यान्न, पकाने की लागत आदि अस्थाई तौर पर उपलब्ध न होने के मामले में मध्यान्ह भोजन योजना जारी रखने के प्रयोजन के लिये स्कूल में उपलब्ध निधि का उपयोग करें। मध्यान्ह भोजन योजना के लिये निधियां प्राप्त होते ही तत्काल स्कूल के खाते में उपयोग की गई धनराशि की प्रतिपूर्ति कर दी जायेगी।
भोजन की गुणवत्ता जांच
बालकों को दिये जाने वाले पके-पकाये मध्यान्ह भोजन में नियम के अनुसूची 2 में विनिर्दिष्ट पोषक मानकों और क्वालिटी का मूल्यांकन सरकारी खाद्य अनुसंधान प्रयोगषालाएं अथवा विधि द्वारा प्रत्यायित या मान्यता प्राप्त कोई भी प्रयोगशाला करेगी और इसे प्रमाणित । राज्य के खाद्य और औषधि प्रशासन विभाग भोजन का पोषक मूल्य और क्वालिटी सुनिशिचित करने के लिये नमूने लेंगे। राज्य के खाद्य और औषधि प्रशासन याद्च्छिक रूप से चुने गये स्कूलों और केन्द्रीयकृत पाठशालाओं से हर माह कम से कम एक नमूने एकत्र करेंगे और उन्हें प्रयोगशालाओं में परीक्षण के लिये भेजेंगे।
यदि शाला दिवसों में लगातार 3 दिन अथवा माह में कम से कम 5 दिन तक मध्यान्ह भोजन उपलब्ध नही कराया जाता है तो राज्य सरकार प्रक्रिया मे व्यवधान हेतु जिम्मेदारी तय करते हुये बालकों को खाद्य सुरक्षा भत्ता के अंतर्गत उतने दिनों के लिये निर्धारित खाद्यान्न की मात्रा तथा कूकिंग कास्ट की राशि आगामी माह के 15 तारीख तक उपलब्ध करायेगी, परन्तु यदि कोई बालक उसे दिया गया भोजन किसी कारण से नही लेता है तो राज्य सरकार अथवा केन्द्रीकृत पाकशालाओं से खाद्य सुरक्षा भत्ते का कोई दावा नही किया जायेगा। इसी प्रकार खाद्यान्न और भोजन की क्वालिटी के कारणों के लिये राज्य सरकार अथवा केन्द्रीकृत पाकशालाओं से खाद्य सुरक्षा भत्ता हेतु कोई दावा नही किया जायेगा। अम्बिकापुर के जिला शिक्षा अधिकारी अम्बिकापुर ने मध्यान्ह भोजन के इन नियमों को अनिवार्यतः लागू करने हेतु निर्देशित किया गया है।
सरगुजा ———-साक्षरता मिशन————साक्षर भारत कार्यक्रम के तहत अविभाजित सरगुजा जिले की जिला स्तरीय समीक्षा बैठक राष्ट्रीय साक्षरता मिशन के अवर सचिव श्री राजेन्द्र शर्मा की अध्यक्षता एवं राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के सहायक संचालक की उपस्थिति में जिला पंचायत सरगुजा के सभाकक्ष में 3 जनवरी को अपरान्ह 2 बजे आयोजित की गई है।
प्रभारी कलेक्टर श्री एन.एन. एक्का ने बैठक में सरगुजा, सूरजपुर, तथा बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के विकासखण्ड परियोजना अधिकारी एवं कार्यक्रम समन्यवकों को एजेन्डावार जानकारी की हार्ड एवं सॉफ्ट कापी के साथ उपस्थित होने के निर्देश दिये हैं। बैठक मे साक्षर भारत कार्यक्रम के तहत आगामी महापरीक्षा हेतु विकासखण्डवार असाक्षरों की संख्या, कक्षा संचालन की वर्तमान स्थिति, कक्षा संचालन हेतु विकासखण्डों की आगामी कार्ययोजना, सांसद आदर्श ग्राम एवं विधायक आदर्श ग्राम की जानकारी, सरगुजा में सुपोशित, शिक्षित एवं समृद्ध सरगुजा की जानकारी, सफलता की कहानी एवं ग्राम पंचायत संगठन के गठन की स्थिति तथा नवाचार के संबंध में समीक्षा की जाएगी।