- December 23, 2015
एएनएम स्वास्थ्य विभाग की मेरूदण्ड है -चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री
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जयपुर -चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री राजेन्द्र राठौड़ ने मंगलवार को मध्याह्न एएनएम से दूसरे चरण के संवाद में यहां स्वास्थ्य भवन में वीडियो कान्फ्रेंस के जरिए प्रदेश की 5 हजार ए.एन.एम से सीधा संवाद किया। उन्होंने एएनएम को स्वास्थ्य विभाग की मेरूदण्ड बताते हुए सभी एएनएम से सही तरीके से एएनसी कर संबंधित पंजिकाओं में सच्चाई के साथ रिकार्ड संधारित करने के निर्देश दिये।
श्री राठौड़ ने प्रदेश के मिलेनियम डवलपमेन्ट गोल्स को अर्जित करने एवं विशेष रूप से मातृ व शिशु मृत्युदर की स्थिति को सुधारने में ठेठ धरातल पर कार्य कर रही ए.एन.एम. की एवं आशा कार्यकर्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए इन्हें स्वास्थ्य विभाग का मेरूदण्ड बताया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हर वर्ष लगभग 19 लाख गर्भवती माताओं को स्वास्थ्य सेवाओं की आवश्यकता होती है। उन्होंने एएनएम से एमसीएचएन दिवस पर गर्भवती महिलाओं का एएनसी पंजीयन, एएनसी मे की जाने वाली आवश्यक जॉचें और संस्थागत प्रसव हेतु प्रेरित करने सम्बधी कार्यों की गंभीरता से करने तथा संबंधित चिकित्साधिकारियों से नियमित रूप से जांच पंजिकाओं का निरीक्षण करने के निर्देश दिये।
चिकित्सा मंत्री ने उदयपुर जिले के सारोदा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के तहत चिहिन्त कुपोषित बच्चे सागर की मॉ श्रीमती भंवरी देवी से बच्चे को दिये जा रहे पोषण की गुणवत्ता व स्वाद के बारे में जानकारी ली। श्रीमती भंवरी देवी ने पोषण आहार के प्रति बच्चे द्वारा ली गयी रूचि एवं अच्छे स्वाद की जानकारी दी। करौली जिले के करौली ब्लॉक की एएनएम से उन्होंने सीमेम के तहत चिन्हित किये गये बच्चों को प्रक्रिया के बारे में सवाल पूछे एवं जवाबों पर संतोष व्यक्त किया।
श्री राठौड़ ने बारां जिले के किशनगंज ब्लॉक की आशा कार्यकर्ता से पोषण प्रहरी के रूप में उन्हें मिलने वाली प्रोत्साहन राशि के बारे में जानकारी ली। बताया गया कि पोषण प्रहरी के रूप में आशा कार्यकर्ताओं को प्रथम व द्वितीय माह 500-500 रुपये एवं 4 माह बाद 250 रुपये सहित कुल 1250 रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जायेगी। अभिभावकों को 6 माह के दौरान 12 बार चिन्हित केन्द्र पर पोषण के लिए बच्चों को लाने हेतु कुल 1200 रुपये की राशि भी दी जायेगी।
चिकित्सा मंत्री ने बाड़मेर जिले के बालोतरा ब्लॉक के ब्लॉक सीएमएचओ से अब तक प्राप्त पोषण सामग्री के बारे में जानकारी ली। उन्होंने बताया कि पोषण सामग्री के रूप में अब तक 30 हजार 600 पैकेट्स प्राप्त हो चुके हैं एवं इन्हें चिन्हित बच्चों को खिलाने के लिए उपलब्ध करवा दिया गया है। अभिभावकों को प्रति सप्ताह पोषण पैकेट्स का उपयोग होने के बाद खाली पैकेट जमा कराने के बाद नया पैकेट उपलब्ध करवाया जायेगा। उन्होंने जालौर जिले की पोषण प्रहरी अफसाना मेहर से पूछे गये सवालों का पूरे कॉन्फिडेंस के साथ सही जवाब दिये जाने की प्रशंसा की। उन्होंने डूंगरपुर के बिछीवाड़ा ब्लॉक की पोषण प्रहरी जसुमती से पोषण आहार के स्वाद में बच्चों की रूचि के बारे में जानकारी ली। उन्होंने बताया कि कुपोषण उपचार केन्द्रों के लिए रैफर किये गये बच्चों को एम्बुलेंस 104 द्वारा भेजने की व्यवस्था की गयी है।
श्री राठौड़ ने बाड़मेर जिले के सिवाना ब्लॉक में कुपोषण उचार के लिए की गयी व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी ली और कहा कि स्क्रीनिंग का कार्य अत्यंत गंभीरता से किया जाना आवश्यक है।
उन्होंने चिकित्साधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों की एएनएम द्वारा संधारित की जा रही विभिन्न पंजिकाओं की नियमित रूप से समीक्षा करने एवं सच्चाई के साथ ही तथ्य अंकित करवाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। भतरपुर जिले के कांमा ब्लॉक की एएनएम सीमा सिंह ने पूछे गये सभी सवालों के सही जवाब दिये एवं आरसीएच रजिस्ट्रर की सही प्रविष्टियां पायी जाने पर स्वास्थ्य मंत्री ने उनकी प्रशंसा की।
मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन श्री नवीन जैन ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्री द्वारा ए.एन.एम. से सीधे संवाद के तहत् चार चरणों में प्रदेश के 14 हजार उपस्वास्थ्य केन्द्रोंं में कार्यरत 20 हजार एएनएम से सीधा संवाद किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में 8 दिसम्बर को प्रदेश के 265 ब्लॉक्स की 5 हजार एएनएम से सीधा संवाद किया गया था एवं मंगलवार को द्वितीय चरण में भी लगभग 5 हजार एएनएम से सीधा संवाद किया गया है। उन्होंने एएनएम के दायित्वों व कार्याें पर विस्तार से प्रकाश डाला। इस सम्बध में 40 मिनट की एक शिक्षाप्रद फिल्म का प्रदर्शन किया गया।
अतिरिक्त मिशन निदेशक डॉ. नीरज के पवन ने ग्रामीण क्षेत्रों में भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के बारे में विस्तार से जानकारी देने के साथ ही आरोग्य राजस्थान कार्यक्रम के तहत ग्राम पंचायत स्तर तक आयोजित किये जा रहे स्वास्थ्य शिविरों बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने सभी एएनएम से इन स्वास्थ्य शिविरों में पूर्ण सक्रियता के साथ ग्रामवासियों को स्वास्थ्य जांच हेतु प्रेरित कर स्वास्थ्य जांच करने के निर्देश दिये
एएनएम संवाद के दौरान राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक श्री ओम प्रकाश कसेरा, निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. बी.आर. मीणा, निदेशक आरसीएच डॉ. वी.के. माथुर, गैन के राष्ट्रीय निदेशक श्री तरूण विज, एसीएफ की श्रीमती मीता माथुर, यूनीसेफ के डॉ. अनिल अग्रवाल, आरडीपीएल के प्रबंध निदेशक सहित संबंधित अधिकारीगण मौजूद थे।